इंदौर। बहुचर्चित राष्ट्र संत भय्यू महाराज की मौत के मामले में इंदौर की एक अदालत ने सेवादार विनायक दुधाले, शरद देशमुख और केअर टेकर पलक समेत 3 लोगों को दोषी करार दिया।
सभी को 6-6 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। साढ़े तीन साल चली सुनवाई के बाद सत्र न्यायालय ने शुक्रवार को अपना फैसला सुनाया। इस मामले में अदालत ने 32 गवाहों को सुना। 150 पेशी की गई।
सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र सोनी ने तीनों को महाराज को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के मामले में सजा सुनाई। कोर्ट ने माना कि आरोपित महाराज को पैसों के लिए प्रताड़ित करते थे। पैसों के लिए उन्हें ब्लैकमेल भी किया जाता था।
उल्लेखनीय है कि भय्यू महाराज ने 12 जून 2018 को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। भय्यू महाराज की गिनती हाईप्रोफाइल संतों में होती थी। राजनीतिक गलियारों में भी उनकी अच्छी खासी पकड़ थी।
कौन थे भय्यू महाराज :-
भय्यू महाराज का जन्म 1968 में मध्यप्रदेश के ही शुजालपुर के जमींदार परिवार में हुआ था। उनका असली नाम उदयसिंह देखमुख था। एक जानकारी के मुताबिक उन्होंने कुछ समय एलआईसी में भी नौकरी की थी। इसके बाद वे अध्यात्म और समाज सेवा के क्षेत्र में आ गए। इस दौरान उनके राजनीतिक गलियारों में अच्छी घुसपैठ हो गई। साथ दूसरा विवाह किया था।
सदगुरु दत्त धार्मिक ट्रस्ट उनकी देखरेख में संचालित होता था। मध्यप्रदेश के अलावा महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों में समाजसेवा से जुड़े उनके प्रकल्प चल रहे हैं। मर्सीडीज जैसी महंगी गाड़ियों में चलने वाले भय्यू महाराज रोलेक्स ब्रांड की घड़ी पहनते थे और आलीशान बिल्डिंग में रहते थे। उन्होंने एक समय कपड़ों के एक ब्रांड के लिए मॉडलिंग भी की थी।