नीमच। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट, नीमच द्वारा 12 वर्षीय बालीका से बलात्कार करने वाले दो बुजुर्ग आरोपीगण रामलाल पिता नंदाजी रावत मीणा, उम्र 60 वर्ष व रामलाल पिता रूघनाथ रावत मीणा, उम्र 55 वर्ष, दोनो निवासी जीरन, जिला नीमच को धारा 376 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 एवं धारा 3/4, 5/6 लैंगिक अपराधों से बालको का सरंक्षण अधिनियम, 2012 के अंतर्गत दोषी पाते हुए आजीवन कारावास एवं 20000-20000 रू. जुर्माने से दण्डित किया।
विशेष लोक अभियोजक जगदीश चौहान द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 10.08.2020 को चाईल्ड हेल्प लाईन दूरभाष नम्बर 1098 पर सूचना मिली कि जीरन तहसील के एक गाँव में 12 वर्षीय बालिका का यौन शोषण किया जा रहा हैं। चाईल्ड हेल्प लाईन की मैम्बर द्वारा गाँव की आंगनवाडी के माध्यम से सूचना की तस्दीग किये जाने पर सूचना सही होना पाया गया। इसके पश्चात् वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से पीडिता को काउंसलींग हेतू बुलाकर उसकी काउंसलींग किये जाने पर उसके द्वारा बताया गया कि उसके पिता कि मृत्यु हो चुकी हैं व माता का नातरा चुका हैं।
उसके परिवार में उसका भाई हैं, जब उसका भाई मजदूरी हेतू दूसरे गाँव में जाता हैं तब उस अवधि के दौरान आरोपीगण द्वारा उसके साथ कई बार बलात्कार किया गया। पीडिता की काउंसलींग के आधार पर प्रतिवेदन तैयार कर पुलिस अधीक्षक महोदय के माध्यम से थाना जीरन में आरोपीगण के विरूद्ध अपराध क्रमांक 248/20, धारा 376 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 एवं धारा 3/4, 5/6 लैंगिक अपराधों से बालको का सरंक्षण अधिनियम, 2012 के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया गया।
विवेचना के दौरान आरोपीगण को गिरफ्तार कर व पीडिता का मेडिकल कराकर व उसकी उम्र के संबंध में आवश्यक दस्तावेज एकत्रीत करते आवश्यक अनुसंधान पूर्ण करते हुए अभियोग पत्र विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट नीमच में प्रस्तुत किया गया। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए शासन द्वारा इसे जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण के रूप में चिन्हित किया गया। अभियोजन द्वारा माननीय न्यायालय के समक्ष विचारण के दौरान पीड़ित बालीका, चाईल्ड हैल्प लाईन के मैम्बर सहित भी महत्वपूर्ण साक्षीगण के बयान कराकर आरोपीगण द्वारा 12 वर्षीय पीडित बालीका के साथ बलात्कार किये जाने के अपराध को प्रमाणित कराकर उनको कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया।
माननीय विशेष न्यायाधीश द्वारा आरोपीगण को धारा 376 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 एवं धारा 3/4, 5/6 लैंगिक अपराधों से बालको का सरंक्षण अधिनियम, 2012 आजीवन कारावास व 20000-20000रु जुर्माने से दण्डित करते हुए, जुर्माने की कुल रकम 40000 रु को पीडित बालीका को प्रतिकर के रूप में प्रदान किये जाने का आदेश भी दिया गया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक जगदीश चौहान द्वारा की गई व सहयोग चंद्रकांत नाफडे, एडीपीओ द्वारा किया गया।