जब सारी उम्मीदें मंद पड़ जाती है, तो इंसान भगवान का दरवाजा खटखटाता है, दुनिया की तरफ से हार चुके आदमी के पास अंत में ईश्वर में आस्था और प्रार्थना ही एक सहारा होता है। क्योंकि कई बार जो काम धन-दौलत नहीं कर पाती है, वो काम भगवान का द्वार खटखटाने से हो जाता है।
यही आस्था की ताकत है। आस्था की कुछ ऐसी ही मासूम मिसालें देखने को मिली मध्यप्रदेश के देवास शहर में माता टेकरी पर। दरअसल, पिछले दिनों नवरात्र में यहां दोनों देवियों मां चामुंडा और मां तुलजा भवानी की दान पेटियों में लाखों रुपए चढ़ावा आया। दान पेटियों में जो धन निकला वो तो खैर श्रद्धाभक्ति की एक मिसाल था ही, लेकिन पेटियों में जो ‘आस्था की अर्जियां’ निकलीं उन्हें देखकर आस्था और ज्यादा बढ़ जाती है। किसी ने अपने प्यार से मिलाने के लिए मां को थैंक यू कहा, तो किसी ने कहा कि बैंक नोट प्रेस नोट छापने की कंपनी में नौकरी की गुहार लगाई। दान पेटियों से जब रुपयों के साथ यह अर्जियां निकलीं तो जिला प्रशासन के अधिकारियों की नजरें नोट से ज्यादा इन्हीं अर्जियों पर थीं। वे इन चिट्ठियों को देखकर कभी भावुक हुए तो कभी उनके चेहरों पर मुस्कान खिल उठी। दरअसल, मां के सामने इतनी मासूमियत के साथ अपनी इच्छाएं, और सपने लिखे गए थे कि वे भी भावुक हुए बगैर नहीं रह सके।
85 पेटियों में 41 लाख रुपए ‘दान:-
पिछले सोमवार को दान पेटी में आए चढ़ावे की गिनती शुरू की गई थी। माता प्रांगण में 85 पेटियां खोलकर चढ़ावे की गिनती की गई। देवास की तहसीलदार पूनम तोमर ने वेबदुनिया को बताया कि दान पेटियों से कुल 41 लाख रुपए दान निकला है। यह दोनों माताओं की पेटियों का दान है। तहसीलदार तोमर ने बताया कि पेटियों से सोने-चांदी की छोटे-मोटे गहनों के साथ ही इंडोनेशिया, थाइलैंड और नेपाल की करंसी भी निकली हैं।
उन्होंने बताया कि मंगलवार को गणना पूरी हो गई है। तहसीलदार पूनम तोमर के मुताबिक सबसे दिलचस्प दान पेटियों में से लोगों की आस्था की अर्जियां निकलना रहा। पेटियों में से मां के सामने अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए की गई चिट्ठियां निकली हैं। जब उन्हे खोला गया तो रोचक अर्जियां देखने को मिलीं। इनमें किसी ने लिखा ‘मां मुझे उससे मिलवाने के लिए थैंक यू।’ किसी ने कहा- ‘मां नोट प्रेस में मेरे पति की नौकरी लग जाए।’
वहीं किसी ने अपने प्रकरण में केस नहीं हार जाने के लिए मां से गुहार लगाई। उसने लिखा मां देखना मैं केस न हार जाऊं।