पवन टी कंपनी की दुकान में चोरी करने वाले 2 आरोपियों को 4-4 वर्ष का सश्रम कारावास

Neemuch Headlines October 4, 2021, 3:34 pm Technology

नीमच। एम.ए. देहलवी, न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी, नीमच द्वारा रात्रि में दुकान में से चोरी करने वाले 2 आरोपीगण (1) हंसराज उर्फ बंटी पिता मोहनलाल, उम्र-23 वर्ष, निवासी इन्द्रानगर विस्तार, नीमच व (2) उदयलाल उर्फ उदा पिता बगदीराम, उम्र-22 वर्ष, निवासी जवाहर नगर बड़ी पुलिया के पास, नीमच को धारा 457 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 में 2-2 वर्ष का सश्रम कारावास व 250-250रू जुर्माना एवं धारा 380 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 में 2-2 वर्ष का सश्रम कारावास व 250-250रू जुर्माना, इस प्रकार कुल 4-4 वर्ष के सश्रम कारावास व 500-500रू. जुर्माने से दण्डित किया। विवेक सोमानी, एडीपीओ द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना लगभग 02 वर्ष पुरानी होकर दिनांक 06.12.2019 को रात्रि की हैं। फरियादी पंकज कुमार ने बताया कि रात्रि 8 बजे वह अपनी दुकान पवन टी कम्पनी, गायत्री मंदिर रोड़ बंद करके अपने घर चला गया था, दुसरे दिन दुकान पर आया और दुकान खोली और देखा तो दुकान का सामान बिखरा था और पीछे वाली दीवार में उपरी हिस्से में छेद कर रात्रि में अज्ञात बदमाश उसकी दुकान से एक इलेक्टानिक तौल कांटा व गल्ले में रखी नगदी करीब पाॅच हजार रूपये चुराकर ले गया। जिस पर से फरियादी ने घटना की रिपोर्ट पुलिस थाना नीमच केंट पर की, जिस पर से अपराध क्रमांक 638/2019, धारा 457, 380 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत पंजीबद्ध किया गया। विवेचक एएसआई हरेसिंह सौलंकी द्वारा विवेचना में अन्य अपराध में गिरफ्तार दोनों आरोपीगण से पूछताछ की गई, जिसमें आरोपीगण द्वारा इस अपराध को करना स्वीकार किया व उनके कब्जे से चोरी की गई सम्पत्ति को जप्त कर शेष विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। विवेक सोमानी, एडीपीओ द्वारा न्यायालय में विचारण के दौरान फरियादी, पंचसाक्षी व विवेचक सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान कराकर आरोपीगण द्वारा फरियादी की दुकान की चोरी किये जाने के अपराध को प्रमाणित कराया गया, जिस पर से माननीय न्यायालय द्वारा दोनों आरोपीगण को धारा 457 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 में 2-2 वर्ष का सश्रम कारावास व 250-250रू जुर्माना एवं धारा 380 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 में 2-2 वर्ष का सश्रम कारावास व 250-250रू जुर्माना, इस प्रकार कुल 4-4 वर्ष के सश्रम कारावास व 500-500रू. जुर्माने से दण्डित किया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी विवेक सोमानी, एडीपीओ द्वारा की गई।

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