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दुकान में घुसकर तोड़फोड़ करने वाले 6 आरोपियों को 1-1 वर्ष का सश्रम कारावास।

Neemuch Headlines October 1, 2021, 2:16 pm Technology

रामपुरा। धर्म कुमार, न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी, मनासा, कैम्प रामपुरा, जिला नीमच द्वारा दुकान में घुसकर तोडफोड करने वाले 6 आरोपीगण (1) मोहम्मद सोएब पिता इब्राहिम, उम्र-35 वर्ष, (2) वसीम पिता मोहम्मद युनुस, उम्र-34 (3) मोहम्मद मजहर पिता मोहम्मद युनुस, उम-35 वर्ष, (4) मुज्जफर उर्फ मुजस्सर पिता लियाकत हुसैन, उम्र-33 वर्ष, (5) ईसरार पिता काजी मोहम्मद, उम्र-33 वर्ष तथा (6) अज्जू उर्फ अस्पाक पिता शब्बीर मुसलमान, उम्र-39 वर्ष सभी निवासी रामपुरा, जिला नीमच को धारा 452 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 1-1 वर्ष के सश्रम कारावास व 500-500रू. जुर्माने से दण्डित किया। योगेश कुमार तिवारी, एडीपीओ द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना लगभग 13 वर्ष पुरानी होकर दिनांक 11.04.2008 को रात्रि के लगभग 08 बजे छोटा बाजार, पिपली चैक, रामपुरा की हैं। फरियादी तरूण गांग जो कि रामपुरा में वकालत करते हैं एवं उनकी एक दुकान छोटा बाजार पिपली चैक पर हैं। घटना दिनांक को फरियादी दुकान पर जा रहा था तो रास्ते में आरोपी मोहम्मद सोएब ने मोटरसाईकल से फरियादी को टक्कर मार दी तो इस पर फरियादी ने कहा की गाड़ी इतनी तेज क्यों चला रहा हैं इस पर आरोपी, फरियादी के साथ विवाद करने लगा और उसने उसके अन्य साथियों को बुला लिया और फरियादी की दुकान में घुसकर तोडफोड कर नुकसान पहुॅचाया, तब मौके पर वीरेन्द्र गांग, यशवंत करेल, राकेश पंवार, संजय नाहर, अशोक गांग, प्रकाश गांग व संजय चेलावत आदि लोगो ने आकर बीच-बचाव किया, फिर आरोपीगण वहां से चले गये। इसके बाद फरियादी व उसके पिता कैलाशचंद्र गांग जाकर घटना की रिपोर्ट पुलिस थाना रामपुरा पर की, जिस पर से अपराध क्रमांक 33/2008, धारा 452 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत पंजीबद्ध कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। योगेश कुमार तिवारी, एडीपीओ द्वारा न्यायालय में विचारण के दौरान फरियादी व चश्मदीद साक्षीगण सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान कराकर आरोपीगण द्वारा फरियादी की दुकान में घुसकर तोडफोड किये जाने के अपराध को प्रमाणित कराया गया, जिस पर से माननीय न्यायालय द्वारा सभी 6 आरोपीगण को धारा 452 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 1-1 वर्ष के सश्रम कारावास व 500-500रू. जुर्माने से दण्डित किया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी योगेश कुमार तिवारी, एडीपीओ द्वारा की गई।

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