नीमच। नीमच स्थित अफीम क्षारोध कारखाने की प्रयोगशाला में सेटिंग के नाम पर प्रति किसान 2 से 3 लाख की अवेध वसूली का खेल शुरू हो गया। और हर क्षेत्र से एक-एक दलाल हुआ सक्रीय। एक और कोरोना की महामारी से निकले गरीब और लाचार किसानो को पट्टे कटने का डर दिखाकर उन्हें सक्रीय दलालो द्वारा चमकाया जा रहा है। अतिवृष्टि की मार से मरे किसानों के लिए वैसे ही समय बुरा चल रहा था ऐसे में उन सभी किसानो को ताबड़तोड़ नोटिस जारी कर दिया गए और दिनांक 28 व 29 सितम्बर को नोटिस के जवाब में बड़ी संख्या में किसान सुबह से अफीम कारखाने के बाहर भूखे प्यासे बेठे हुए है। इधर कारखाने से जुड़े दलाल सक्रिय होकर किसानों से अवैध चौथ वसूली में लग गए और करोड़ों रुपए की वसूली कर चुके है।
राजस्थान के छोटी सादड़ी क्षेत्र के एक दलाल और उसके चहते ने 2 लाख से लगाकर 10 लाख रूपये तक पट्टे पास करवाने के नाम से भोले भाले किसानो से लिए हुए है। क्या उन किसानों के साथ न्याय हो पाएगा..?,
क्या उन किसानों को पट्टे मिल पाएंगे..?
इस पुरे मामले में भूरालाल, चम्पा, प्रकाश जैसे वो नामचीन दलाल जुड़े हुए है, जो दिन रात किसानो से वसूली करने में लगे हुए है।
अधिकारियों से व्यक्तिगत व्यवहार का हवाला देकर किसानों को लूटने का यह खेल पहली बार नहीं हो रहा है, लगातार कई वर्षों से ऐसे दलाल सक्रिय होकर प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए की बेनामी संपत्ति छाप रहे हैं। आखिर वो कौन अधिकारी है जो इनका आका बनकर बैठा हुआ है। जिन के संरक्षण में यह दलाल लाबी पूरी तरह से सक्रिय होकर बिना किसी डर के किसानों से अवैध वसूली कर रही है।
इस मामले में नीमच के पत्रकार नरेंद्र गहलोत द्वारा जल्दी ही हाईकोर्ट में रिट पिटीशन दाखिल की जाएगी क्योंकि पुरे मामले से जुड़े कई किसानो ने अपनी आप बीती पत्रकार के सामने रखी और उसके कई प्रमाण उपलब्ध करवाये, जिनके आधार पर मार्फिन बढ़ाने के नाम पर हुई अवेध वसूली का बड़ा खुलासा सामने आया है। जिसमें अधिकारी दलाल और वो सभी लोग जो किसानो से अवेध वसूली कर रहे है उन्हें बेनकाब किया जायेगा। ऐसे में सक्रीय दलालो और उनके आकाओ को अब सर छुपाने के लिए भागना पड़ेगा। ऐसे में चौधरी डी के और शुक्ला के लिए भी बढ़ जायेगी मुश्किलें। क्या वे अपने वरिष्ठ अधिकारियो से बच पाएंगे..?
इनका कहना:-
मेरे पास कई वर्षों से अफीम का पट्टा है एवं में काफी समय से बढ़िया अफीम ले जाता हूं। मेरी अफीम एक जड़े से दो जड़े में जाती है जो उच्च क्वालिटी की होती है, इसके बाद भी वाटर मिक्स वाले और मिलावटी अफीम वाले दलालों को पैसे देकर अपनी अफीम को बढ़िया ग्रेड में लेकर अफीम के मुखिया बन जाते है। और बड़े अधिकारियों का डर दिखाकर हमसे पैसा मांगते हैं पैसा नहीं देने की स्थिति में हमारे पट्टे कटने की धमकी मिलती है और हमारी अफीम की ग्रेड कम कर दी जाती है। ऐसे में हम लोगों को मजबूरी में 2 से 3 लाख रूपये देने पड़ते हैं।
-भेरूलाल, अफीम काश्तकार
भेरू और चम्पा जैसे लोग हम अफीम किसानो से काफी समय से वसूली करते आ रहे है। अगर हम पैसा नहीं देंगे तो हमारी कोई सुनने वाला नहीं है। और हम अपने पट्टो से हाथ धो बैठेंगे जबकि हम उच्च गुणवत्ता वाली अफीम लेकर आते है।
जानकीलाल पाटीदार- अफीम काश्तकार