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शासकीय प्राथमिक विद्यालय नारदा बना शिक्षिका की लगन से जिले में आकर्षण का केंद्र

निर्मल मूंदड़ा March 27, 2021, 8:31 pm Technology

 शिक्षिका रिंकू करवाडिया का बच्चो को शिक्षा के प्रति रिंझाने का अनूठा प्रयास

रतनगढ़। शासकीय कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल संकुल केंद्र रतनगढ़ एवं जन शिक्षा केंद्र रतनगढ़ के वार्ड क्रं.14 के अंतर्गत आने वाले शासकीय प्राथमिक विद्यालय नारदा आज अपनी खूबसूरत पेंटिंग एवं अद्भुत मनमोहक डिजाइन के कारण बच्चो,पालकों सहित संपूर्ण नीमच जिले में आकर्षण का पहला केन्द्र बना हुआ है। ज्ञात रहे कि शासन के द्वारा प्रतिवर्ष प्रदेश के सभी प्राथमिक माध्यमिक एवं हायर सेकेंडरी विद्यालयों को एसएमसी एवं एसएमडीसी के माध्यम से एक निश्चित राशि विद्यालय की मरम्मत, पुताई एवं रंग रोगन के लिए प्रदान की जाती है।जिसमे शासन द्वारा प्राथमिक, माध्यमिक एवं हायर सेकेंडरी स्कूल के लिए अलग-अलग राशि प्रदान करने का प्रावधान होता है उसी के अंतर्गत समस्त प्राथमिक विद्यालयों को प्रतिवर्ष शासन के द्वारा लगभग ₹10 हजार पुताई एवं मरम्मत के नाम से आते हैं लेकिन अधिकांश विद्यालयो के शिक्षक इन पैसों का सही उपयोग नही करते हैं और प्रतिवर्ष आने वाली उक्त राशि से थोड़ी बहुत राशि ही विद्यालय पर खर्च कर पूरी राशि के खर्च का बिल रिकॉर्ड मे दर्शा देते हैं एवं उच्चाधिकारी भी इस ओर विशेष ध्यान नहीं देते है।लेकिन रतनगढ़ से मात्र 2 किलोमीटर दूर वार्ड क्रं.14 में स्थित शासकीय प्रा.वि. नारदा की शिक्षिका श्रीमती रिंकू पिता माधवलाल करवाडिया के द्वारा शासन से आने वाली राशि से कुछ ऐसा करने का मन में ठाना जिससे विद्यालय के प्रति बच्चों एवं पालकों में एक अलग ही शैक्षणिक वातावरण निर्मित हो एवं पढ़ाई के प्रति रुझान एवं जागरूकता फैले। इसके लिए उन्होंने संकुल प्राचार्य रविंद्रसिंह राय, जन शिक्षक लक्ष्मीचंद सैनी को अवगत कराकर स्कूल मैनेजमेंट समिति की बैठक बुलाकर उन्हे अपनी योजना बताई।जिसको समिति के द्वारा सहर्ष स्वीकार करते हुए उन्हें अनुमति दे दी गई।

यह हैविद्यालय की विशेषता:-

विद्यालय के अंदर एवं बाहरी दीवारों पर गणित की ज्यामितीय आकृतियां, स्वच्छता दर्शाते हुए बच्चों के आकर्षक फोटो, चित्रकारी, हिंदी एवं अंग्रेजी भाषा में पशु- पक्षियों, फल-फ्रूट, सब्जियों व हिंदी एवं अंग्रेजी वर्णमाला के चित्रो सहित नाम, विद्यालय की दीवारों पर चित्रकारी के माध्यम से दर्शाए गए है। साथ ही बालक/बालिकाओ के शौचालय मुत्रालय की बाहरी दिवारो पर भी स्वच्छता अभियान को दर्शाते हुए चित्र बनाए गए हैं। विद्यालय की बाहरी दिवारो को पूरी तरह से नीले कलर की रेल का डिब्बा नुमा आकृतियों जैसी खुबसूरत पेंटिंग की गई है। जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे रेल गाड़ी (ट्रेन) के अंदर बच्चे प्रवेश कर रहे हो। बच्चों के नीचे बेठकर लिखने के लिए आकर्षक कलर में लकडी के डेस्क भी बनवाए गए हैं शिक्षिका के अनुसार इस कार्य के लिए लगभग ₹15 हजार खर्च हुए। जिसमें शिक्षिका के द्वारा ₹10 हजार की राशि एसएमसी एवं ₹5 हजार समिति अन्य मद व समिति सदस्यों के आपसी सहयोग से खर्च किये गए।

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