नीमच। हालही में चर्चा में रहे जीरन तेन्दुआ शिकार प्रकरण में नीमच वन विभाग ने त्वरीत कार्यवाही करते हुये, अपराधी मदनलाल पिता जालूराम, निवासी- जीरन को गिरफ्तार कर दिनांक 15 दिसंबर 2020 को मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी नीमच के समक्ष पेश किया, जहां माननीय न्यायालय द्वारा प्रकरण में प्राथमिक सुनवाई करते हुये अपराधी को जिला जेल नीमच भेज दिया गया।
प्रकरण की विस्तृत जानकारी देते हुये बी.पी.शर्मा, एस.डी.ओ फारेस्ट- नीमच ने बताया कि, 18 नवंबर 2020 को स्टाफ द्वारा जंगल गश्ती के दौरान जीरन वनक्षेत्र के कक्ष क्र. आर-10 में एक मादा तेन्दुए का शव पाया गया। मौके पर कोई सुराग नही मिलने पर तेन्दुए के शव को जप्त कर अज्ञात अपराधी के विरुद्ध वन अपराध प्रकरण क्रमांक 209/17 दिनांक 18.11.2020 कायम किया गया। वनमण्डलाधिकारी नीमच क्षितिज कुमार ने मामले में संज्ञान लेते हुये नीमच रेंजर अभिलाषा राव कालवा को मामले की सूक्ष्मता से जाँच के निर्देश दिये। जाँच के दौरान 14 दिसंबर 2020 को मुखबीर से प्राप्त सूचना के आधार पर रेंजर सुश्री कालवा द्वारा क्षेत्रीय वन अमले के साथ जीरन क्षेत्र की वन राजस्व सीमा पर निरीक्षण किया। निरीक्षण में मदनलाल पिता जालूराम, निवासी- जीरन मौके पर शिकार हेतु फंदे लगाता हुआ पाया गया। सख्ती से पूछताछ करने पर मदनलाल ने जीरन तेन्दुआ शिकार प्रकरण में अपनी भूमिका को स्वीकारा, जिसे वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 2,9, 39(1) तथा 52 के तहत अपराध के लिये गिरफ्तार कर 15 दिसंबर 2020 को मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी नीमच के समक्ष पेश किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा प्राथमिक सुनवाई कर अपराधी को 14 दिवस की न्यायिक रिमांड पर जिला- जेल कनावटी भेज दिया गया।
वनमण्डलाधिकारी नीमच क्षितिज कुमार ने प्रकरण में उल्लेखनीय कार्यवाही हेतु रेंजर नीमच अभिलाषा राव कालवा, डिप्टी रेंजर- जीरन परशराम चौहान तथा बीट प्रभारी - जीरन द्वितीय हेंमत बसेर की सराहना की है।