Latest News

शस्त्र सेना झंडा दिवस: हर भारतीय के लिए सम्मान का दिन, पढ़िए कैसे हुई थी इस दिन की शुरुआत

Neemuch Headlines December 7, 2020, 9:49 am Technology

सैनिक किसी भी देश की सबसे बड़ी संपत्ति में से एक होते हैं और वे देश को सुरक्षित और अखंड बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। शहीदों और देश की रक्षा के लिए जान गंवाने वाले जवानों के सम्मान में 7 दिसंबर को भारतीय सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया जाता है। सालों से भारत के सैनिकों, नौसैनिक और वायु सैनिक के सम्मान के रूप में इस दिन को मनाने की परंपरा बन गई है।

सशस्त्र बलों की तीन शाखाओं-

भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति अपने प्रयासों को प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करती हैं। हर साल की तरह आज भी बड़े गर्व के साथ भारतीय सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया जा रहा है। बहुत लोग भारतीय सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाने के इतिहास को जानना चाहेंगे। इस दिन मनाने की शुरूआत के पीछे एक बेहद खूबसूरत पहल है। इसलिए आज इस दिन के बारे में खास बात जानते हैं।

जिम्मेदारी का एहसास:-

28 अगस्त, 1949 को भारत के तत्कालीन रक्षा मंत्री के अधीन एक कमिटी का गठन किया गया था। कमिटी ने फैसला किया कि झंडा दिवस प्रतिवर्ष 7 दिसंबर को मनाया जाएगा। भारतीय सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाने के पीछे का शुरुआती विचार ये था कि नागरिकों को छोटे झंडे वितरित किए जाएं और बदले में सैनिकों के लिए डोनेशन इकट्ठा किया जाए।

सालों से इस दिन का काफी महत्व है क्योंकि ये माना जाता है कि ये भारत के आम लोगों की जिम्मेदारी है कि वो सशस्त्र बल के जवानों के परिवारों की देखभाल करे जिन्होंने देश की रक्षा करने के लिए लड़ाइयां लड़ी हैं। इस दिन झंडा दिवस का प्रतीक ध्वज एवं कार ध्वज संस्थाओं और नागरिकों को वितरित कर उनसे धन-राशि का योगदान लिया जाता है। इस राशि का उपयोग शहीद सैनिक की विधवाओं, दिव्यांग सैनिकों एवं अन्य भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए किया जाता है।

झंडा दिवस का है खास महत्व:-

देश के नागरिकों का कर्तव्य बनता है कि वे न केवल शहीदों और जीवित नायकों (जो अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए घायल हुए) की प्रसंशा करे बल्कि उनके परिवारों के लिए भी महत्वपूर्ण हिस्सा बने। भारतीय सशस्त्र सेना झंडा दिवस मुख्य रूप से सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए है। ये दिवस युद्ध में शहीदों और घायल सैनिकों के पुनर्वास के लिए मनाया जाता है। इसका बहुत महत्व है क्योंकि ये युद्ध घायल सैनिकों, वीर नारियों और शहीदों के परिवारों की देखभाल करने की हमारी प्रतिबद्धता को सबसे आगे लाता है जिन्होंने देश के लिए अपना बलिदान दिया है।

भारतीय सशस्त्र सेना झंडा दिवस 2020 थीम:-

भारतीय सशस्त्र सेना झंडा दिवस 2020 के लिए कोई स्पेशल थीम नहीं है। ये दिन हमारे देश के सभी उन सैनिकों के लिए है जो हर कीमत पर देश के नागरिकों की रक्षा करते हैं। देश का हर नागरिक हमेशा ऐसे वीरों का ऋणी है जो अपनी मातृभूमि की सेवा में अपना जीवन न्यौछावर कर देते हैं। भारत सरकार द्वारा सशस्त्र सेना झंडा दिवस फंड में दान करके दिवस मनाया जा सकता है। देशवासी एक-दूसरे को भारतीय सशस्त्र सेना झंडा दिवस की शुभकामनाएं भी देते हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश के वीर शहीदों के आश्रितों और अभियानों के साथ युद्धों में लड़ते हुए दिव्यांग हुए सैनिकों की देखभाल को सभी नागिरकों का सामूहिक दायित्व करार देते हुए लोगों से सशस्त्र झंडा दिवस कोष में बढ़-चढ़ कर योगदान की अपील की है।

Related Post