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जनपद पंचायत में ग्रामीण लगा रहे चक्कर, अधिकारी मस्ती में आग लगे बस्ती में

डॉ. बबलु चौधरी November 4, 2020, 9:49 pm Technology

 मनासा। मनासा जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाली 98 ग्राम पंचायतें है जनपद पंचायत पर सरपंच सचिव व ग्रामीणों का आना जाना रहता है ऐसे में जिम्मेदार अधिकारी मौके पर मौजूद नहीं रहते हैं जिसके चलते उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है! अधिकारी हुए मस्ती में आग लगे बस्ती में ये कहावत अधिकारी और कर्मचारी मनासा परिषद् में चरितार्थ कर रहे है। अभी पिछले दिनों ही जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाली सभी ग्राम पंचायतों के सरपंच ने जनपद पंचायत सी.ई.ओ. के खिलाफ अपनी आवाज भी उठाई थी उसके बाद भी यहां पर स्थिति जस की तस बनी हुई है मनासा जनपद अंतर्गत आने वाले गांव के ग्रामीण भी यहां आकर जनपद पंचायत के चक्कर लगाते हैं ऐसे में जिम्मेदार अधिकारी अपनी कुर्सी पर नहीं मिलते हैं और नहीं उनका फोन चालू रहता हैं जिसके चलते ग्रामीणों को काफी परेशानी से गुजरना पड़ता है।

वहीं दूसरी ओर देखा जाए तो कोविड-19 को लेकर भी यहां पर किसी भी प्रकार की व्यवस्था नहीं है हमारी टीम नहीं आ का मुआयना किया तो पता चला कि हैंड वॉश के लिए टंकी में पानी नहीं है और नहीं पीने के लिए पानी की व्यवस्था है जनपद के अंदर वाटर कूलर पीने की पानी की लिए तो न लगाएं लेकिन टंकी में कोई पानी की व्यवस्था नहीं है एक विकंला तोलाराम करीब आठ दिनो से कर्मकार डायरी के लिये! चक्कर लगा रहा! पर उसकी कोई सुनने को तैयार नही! लांकडाउन के चलते एवं सुखाग्रस्त के कारण छोटो मोटा काम भी नही मिल रहा ना कर पा रहे है! उपर से शासन कि योजना का भी लाभ नही मिल रहा! हम अपनी व्यथा किसको सुनाऐ कोई सुनने वाला नही! पन्नाल ने बताया कि अधिकारी कर्मचारी के लिये सब कुछ है! ये हमारे निदान के लिये यहा बैठाये गये है! तो हमारी समस्या क्यो हल नही होती! ना यहा सिऔ साहब है! ना पिने के पानी कि व्यवस्था! यह कि हर आने वाला व्यक्ती यही कहते हुऐ मिलता है कि कोई हर जगह केवल और केवल खर्चा पानी मागते है! कहा से दे इनको इन्हे तो तनख्वा मिलती है! हमे अपना व बच्चो का पैट काट कर यहा खर्चा नही दो तो चक्कर पर चक्कर लगवाते है! कोई संतरे के बगिचे बोने के लिये लेता है तो कोई डायरी के नाम पर तो कोई मृत्यू होने कि सहायता पर तो कोई मकान पर तो कोई अन्य शादी के हो पैंसन के हो कोई भी काम बिना खर्चे के नही करते! तो हमारी परेसानी दुर करेगा कोन! यह बडा सवाल है! कि इन मजबुर लाचार निहत्थो कि सुनेगा कोन कोन करेगा इनका काम आजादी के 74 साल बाद भी क्या इस अग्रेजी निती और भ्रष्टाचार से आजाद नागरिको को क्यू घुमाया जा कर चक्कर लगवाये जा रहे है! अब देखना यह है कि अब उच्यस्थरिय अधिकारी और जागरुक नागरिको के साथ गरिबो के साथ खडी रहने वाली पार्टीया! इस और क्या कदम उठाते हुऐ! लोगो कि समस्या खत्म करते है! या अपने अपने हिसाब से केवल लुट करते है! उच्यअधिकारी इस और ध्यान देते हुऐ क्या कार्यवाही करते है!

वही अब जिम्मेदार अधिकारी जनपद सीईओ के खिलाफ कार्रवाई की बात कह रहे हैं अब ऐसे में देखना होगा की आखिर कब तक जनपद सी.ई.ओ.के खिलाफ कार्रवाई हो पाती है।

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