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मेडिकल कॉलेज के मुद्दे पर युवा कांग्रेस प्रदेश महासचिव तरूण बाहेती के गंभीर आरोप-

Neemuch Headlines November 4, 2020, 11:05 am Technology

-जनता की मेहनत पर पानी फैरने पर तुले सांसद विधायक

नीमच। जनता के संघर्ष के कारण नीमच जिले को मेडिकल कॉलेज की सौगात मिली,लेकिन विडंबना यह है कि जिले के जनप्रतिनिधि जनता की मेहनत पर पानी फैरने पर तुले हुए हैं, जिसका परिणाम है कि मेडिकल कॉलेज निर्माण के लिए मिली पहली किश्त का अब तक उपयोग शुरू नहीं हो पाया और क्षेत्र के जनप्रतिनिधि मेडिकल कॉलेज की भूमि को लेकर आपसी रस्साकस्सी में उलझे हुए हैं। सांसद-विधायक अपनी आपसी लड़ाई में एक बार फिर नीमच की जनता को सड़क पर उतरने को मजबूर कर रहे है।

यह गंभीर आरोप युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव तरूण बाहेती ने लगाया है। उन्होंने कहा कि नीमच जिले को मेडिकल कॉलेज की सौगात दिलाने के लिए जिले की जनता व मीडिया को लंबा संघर्ष करना पड़ा था और आसमान से तारे तोड़कर लाने वाली कहावत को चरितार्थ कर नीमच के लिए मेडिकल कॉलेज स्वीकृत करवाया। जनता की लड़ाई अपने आप में एक इतिहास है। जबकि मेडिकल कॉलेज की मांग पर सांसद सुधीर गुप्ता ने जनता की मांग पर हाथ खड़े कर दिए थे कि अब कुछ नहीं हो सकता है,बहुत देर हो चुकी है और मेडिकल कॉलेज तो मंदसौर को ही मिलेगा, लेकिन जिले की जनता ने हार नहीं मानी और जन जागरण अभियान चलाया, जिसका असर यह रहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नीमच जिले की जनता की भावनाओं को समझा और मंदसौर के साथ ही नीमच में भी मेडिकल कॉलेज बनाने का प्रस्ताव केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजा। जनता की लगातार और लंबे संघर्ष का नतीजा यह रहा कि प्रदेश सरकार के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार को मंदसौर के साथ ही नीमच में भी मेडिकल कॉलेज स्वीकृत करना पड़ा। मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति के बाद केंद्र सरकार से मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए करीब 30 करोड़ की राशि भी पहली किश्त के रूप में नीमच जिले को मिल चुकी है, लेकिन राशि मिलते ही क्षेत्र के विधायकों में मेडिकल कॉलेज अपने-अपने क्षेत्र के समीप ले जाने के लिए खींचतान शुरू हो गई। जावद विधायक और केबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा चाहते हैं कि मेडिकल कॉलेज जावद के समीप हो, इसके लिए वे ग्राम सगराना के समीप मेडिकल कॉलेज बनाने के पक्ष में है, जबकि नीमच विधायक दिलीपसिंह परिहार चाहते हैं कि मेडिकल कॉलेज नीमच विधानसभा की परिधि में रहे और इसके लिए पूर्व में हवाई पट्टी के समीप आरक्षित भूमि उपयुक्त है। श्री बाहेती ने कहा कि सवाल यह उठता है कि आखिर मेडिकल कॉलेज का कार्य आरंभ करने में क्यों लेतलाली हो रही है। क्या यह विधायकों की आपसी खींचतान है या फिर जिले के विधायक चाहते ही नहीं है कि नीमच में मेडिकल कॉलेज बने। इसका कारण यह भी है कि सांसद सुधीर गुप्ता का आंरभ से मेडिकल कॉलेज को लेकर मंदसौर की ओर झुकाव रहा है। युवा कांग्रेस प्रदेश महासचिव ने खुले शब्दों में यह आरोप भी लगाया कि सांसद गुप्ता के मंदसौर प्रेम की बानगी यह है कि वे नीमच में मेडिकल कॉलेज को लेकर चल रही खींचतान में हस्तक्षेप ही नहीं करना चाहते हैं। अगर चाहत होती तो अब तक मेडिकल कॉलेज की डीपीआर तैयार होकर निर्माण कार्य के टेंडर जारी हो जाते हैं। उन्हें तो लगाता है कि उन्हें सिर्फ मंदसौर जिले की जनता ने वोट दिए हैं। नीमच जिले की जनता और उनकी सौगातों से उनका कोई सरोकार नही है। कांग्रेस नेता बाहेती ने कहा कि मेडिकल कॉलेज जैसे मुद्दे पर भी विधायकों की आपसी खींचतान से सिद्ध होता है कि जनप्रतिनिधि जनता के प्रति गंभीर नहीं है और सिर्फ श्रेय की लड़ाई के लिए ही पद पर बने हुए हैं। अगर इनकी रस्साकशी से जिले की जनता को नुकसान होगा तो एक बार पुनः जनता के साथ कांग्रेस संगठन की सड़क पर उतर कर विधायक सांसद का खुला विरोध करेंगे।

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खींचतान के खेल में लेप्स हो जाएंगे 30 करोड़ श्री बाहेती ने कहा कि वित्तिय वर्ष 31 मार्च को खत्म होता है। अब 31 मार्च आने में कुछ माह बचे हैं। अगर जल्द ही मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य आरंभ नहीं हो पाए तो संभव है कि मेडिकल कॉलेज के लिए मिली 30 करोड़ की राशि लेप्स हो जाए। श्री बाहेती ने कहा कि सर्वविदित है कि इन्ही जनप्रतिनिधियों की कार्यशैली के चलते नीमच जिले की चिकित्सा व्यवस्था पिछले कई सालों से बदहाल है ऐसे में नेताओं की लड़ाई में मेडिकल कॉलेज छीन जाता है इन जनप्रतिनिधियों को जनता कभी माफ नहीं करेगी ।ऐसा न हो कि क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की कार्यप्रणाली के खिलाफ एक बार भी जिले की जनता को सड़क पर उतरना पड़े।

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