शासन की विसंगतियों के चलते अतिथि शिक्षकों के हाल बेहाल, पिछले 6 माह से वेतन नहीं मिलने से भूखों मरने की नौबत

निर्मल मूंदड़ा October 19, 2020, 5:08 pm Technology

रतनगढ! इसे हम शासकीय विसंगति कहे या शासन की रीति नीति में अधिकारियों द्वारा की जा रही घौर लापरवाही जिसके चलते हजारों अतिथि शिक्षकों के परिवार आज भूखे मरने की कगार पर आ खड़े हुए हैं।

मई 2020 से अक्टूबर 2020 तक विगत 6 माह से लगातार कौरोना संकट के चलते जहां सभी विद्यालयों की शिक्षण व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है वही शासकीय विद्यालयों में काम करने वाले प्रदेश के हजारों अतिथि शिक्षको के सामने अपने एवं अपने परिवार को पालने की विकट समस्या उत्पन्न हो गई है।

क्योंकि पिछले 6 माह से इन सभी अतिथि शिक्षकों के खातों में वेतन नहीं आने की वजह से इनके सामने स्वयं एवं परिवार के भूखे मरने की नौबत आ गई है। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी के.एल.बामनिया का कहना है कि सभी के वेतन डल चुका है जबकि अतिथि शिक्षकों के अनुसार पिछले 6 माह का किसी भी अतिथि शिक्षक के वेतन नहीं डला है

एम.पी.एज्युकेशन पोर्टल व संकुल केन्द्र दर्शा रहा उपस्थिति :-

एमपी एजुकेशन पोर्टल एवं संकुल केंद्रो पर सभी अतिथि शिक्षकों को मई 2020 से अक्टुबर 2020 तक विद्यालयों मे ऑनलाइन उपस्थिति एवं कार्यरत दर्शा रहा है तो फिर किस आधार पर इनको वेतन नहीं दिया जा रहा है।समझ से परे है।

प्रतिवर्ष ऑनलाइन होती है नियुक्तिया :-

शासन द्वारा प्रतिवर्ष 1 जुलाई से 1 अप्रैल तक 10 माह के लिए मैरिट के आधार पर अतिथि शिक्षकों की ऑनलाइन नियुक्ति की जाती है एवं सत्र समाप्त होते ही नए सत्र मे पुनःनियुक्ति की जाती है पर इस वर्ष कौरोना संक्रमण के चलते आनलाइन नियुक्ति नही करते हुए संकुल स्तर पर कहा गया कि गत वर्ष जिसकी जहां नियुक्ति थी

इस वर्ष वही पर नियुक्ति रहेगी और इस वर्ष के शेक्षणिक पोर्टल पर सभी का नाम चढाकर इन्हें आश्वस्त भी कर दिया गया।

कालेज के अतिथि विद्वानों एवं अतिथि शिक्षकों के बीच क्यो दौयम दर्जा:-

कोरोना संकट काल के चलते जहां शासन के द्वारा शासकीय विभागों में कार्य करने वाले सभी कर्मचारी वर्गो की बराबर सुध ली गई व उनके एवं परिवार की रोजी रोटी पर संकट ना आए इसका भी पूरा ख्याल रखा गया एवं जहां एक तरफ कालेजो मे कार्य करने वाले सभी अतिथि विद्वानों को तो सरकार आज भी प्रतिमाह अच्छा खासा वेतन दे रही है वही दूसरी तरफ पिछले कई वर्षों से बहुत कम वेतन पर शिक्षा के क्षेत्र में अलख जगा कर नन्हे-मुन्ने नौनिहालों का भविष्य संवारने वाले अतिथि शिक्षक रूपी इन शिल्पकारो के साथ दौयम दर्जै की निति क्यो अपनाई जा रही है। मई से अक्टुबर तक 6 माह बीत जाने के बाद भी सरकार के किसी नुमाइंदे या पक्ष विपक्ष के किसी नेता ने अभी तक इनकी समस्या पर ध्यान नहीं दिया है।

जिन अतिथि शिक्षकों के अथक प्रयासो से प्रतिवर्ष पूरे प्रदेश का जिला बोर्ड एवं स्थानीय परीक्षा परिणाम सर्वश्रेष्ठ आता रहा है। आज उन्ही अतिथि शिक्षकों का स्वयं एवं परिवार का भविष्य पूरी तरह से अंधकारमय है।सरकार द्वारा इनके साथ इस तरह से दौगला व्यवहार क्यो किया जा रहा है। सिंगोली ब्लॉक के मोहन धोबी, अखिलेश खटोड, योगेश अग्रवाल, आशाराम सोलंकी, केलाश लक्षकार सहित नीमच जिले के अतिथि शिक्षकों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, शिक्षा मंत्री एवं कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा को पत्र लिखकर मई 2020 से अक्टूबर 2020 तक का अतिथि शिक्षकों का वेतन दशहरे के पूर्व शीघ्र से शीघ्र खातों में डलवाए जाने की मांग की है

जिससे उनके घर परिवार भी दशहरा दिवाली के त्यौहारों की खुशियों में सम्मिलित हो सकें।

इनका कहना है :-

जिन्होंने ऑनलाइन जानकारी भिजवाई थी उनका वेतन भुगतान हो चुका है केवल ऑफलाइन वालों का नहीं हुआ है

अब उच्चस्तर से आदेश आने पर ही कुछ हो सकेगा। 

-के.एल.बामनिया जिला शिक्षा अधिकारी नीमच

Related Post