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वन विभाग एवं राजस्व विभाग की खींचातानी मे गरीब आदिवासी किसान की फसल हुई चौपट

निर्मल मुंदड़ा October 7, 2020, 5:22 pm Technology

शासकीय पट्टा एवं पावती होने के बाद भी किया जा रहा परेशान

रतनगढ़। जहां केंद्र एवं राज्य के मुखिया गरीब आदिवासियों को जमीनो के मालिकाना हक देने का जोर शोर से प्रचार प्रसार एवं दावा कर रहे है वही दूसरी तरफ सरकार के नुमाइंदे कुछ अधिकारी कर्मचारी मुख्यमंत्री के आदेशों को पलीता लगाने में कोई कौर कसर बाकी नहीं छोड़ रहे है।

क्षेत्र मे शासकीय जमीनो पर हो रहा धडल्ले से अतिक्रमण:-

क्षेत्र मे एक तरफ जहां रेवेन्यू एवं वन विभाग की जमीन पर कुछ अधिकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से धनाढ्य वर्ग के लोगो द्वारा धड़ल्ले से अतिक्रमण किया जा रहा है वही दूसरी तरफ गरीब, लाचार, बैबस आदिवासी वर्ग के लोगो को शासन द्वारा प्रदान किये गए शासकीय पट्टो की जमीनों से ही योजनाबद्द तरीकें से बेदखल करने का खेल खेला जा रहा है।

पट्टा होने के बाद भी किया जा रहा परेशान:-

ऐसा ही एक मामला रतनगढ़ के पटवारी हल्का नंबर 35 ढांगझर (गुंजालिया) मे सामने आया है जिसमे गरीब आदिवासी वर्ग के 2 कृषकों नंदलाल पिता नानालाल भील पटवारी हल्का नंबर 35 ढांगझर निवासी ग्राम गुंजालिया, राजस्व निरीक्षक मंडल रतनगढ़ विकासखंड जावद,भू अधिकार एवं ऋण पुस्तिका मे भूमि का कुल रकबा 836 आरी दर्शा रखा है।दूसरे आदिवासी कृषक काना पिता रामा भांबी ढांगझर निवासी ग्राम गुंजालिया पटवारी हल्का नं.35 भू अधिकार एवं ऋण पुस्तिका मे भूमि का कुल रकबा 1 हेक्टेयर दर्शा रखा है।वन विभाग के गुंजालिया बिट प्रभारी ऊंकारलाल मुनिया द्वारा शासकीय पट्टो की जमीन से बैदखल करने का खैल खेला जा रहा है।वन विभाग द्वारा कृषक की मक्का की खडी फसल के चारो तरफ पशुओं से फसल की रखवाली के लिये बनी कांटो की बागड़ एवं झोपडी को 2 जेसीबी की मदद से तोड दिया गया।आदिवासी कृषक परिवार के लाख मिन्नते करने के बाद भी वन विभाग के बिट प्रभारी का दिल नही पसीजा नतिजतन दो दिन से मवेशी खेत मे खडी मक्का की खडी फसल बर्बाद कर रहे है। आदिवासी कृषकों के द्वारा क्षेत्रीय सांसद सुधीर गुप्ता, कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा, जिला कलेक्टर महोदय जितेंद्रसिंह राजे से न्याय की मांग की है मौके पर कवरेज करने गए पत्रकारों को भी कवरेज करने से रोकने का प्रयास किया गया।

वन एवं राजस्व की लडाई मे गरीब आदिवासी परेशान:-

वन विभाग एवं राजस्व विभाग दोनों कई वर्षों से इस जमीन को अपनी जमीन बता रहे है कुछ माह पूर्व दोनो विभाग के अधिकारियों की बैठक भी हुई पर कोई नतीजा नहीं निकला दोनों विभागों की आपसी खींचतान में गरीब आदिवासी वर्ग के कृषक जिनके पास शासकीय पट्टा है फिर भी परेशान किया जा रहा हैं।

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