Latest News

ज्ञानोदय शिक्षण समिति के द्वारा बालगीत पुस्तक का विमोचन

Neemuch Headlines October 5, 2020, 4:57 pm Technology

नीमच। नगर की प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्था ज्ञानोदय शिक्षण समिति के द्वारा दिनांक 2 अक्टूबर गांधी जयंती के उपलक्ष में आयोजित एक सादे समारोह में नीमच जिले के प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ पूरन सहगल मनासा की नई पुस्तक बाल भारती का विमोचन सम्माननीय अतिथिगणों एवं महाविद्यालय के प्राध्यापकों की उपस्थिति में किया गया कार्यक्रम का प्रारंभ सर्वप्रथम मां सरस्वती के प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलन एवं गांधीजी के चित्र पर पुष्प अर्पण कर प्रारंभ हुआ कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि श्री अनिल चौरसिया चेयरमैन बालकवि बैरागी महाविद्यालय डॉ माधुरी चौरसिया डायरेक्टर बालकवि बैरागी महाविद्यालय एवं कृति संस्था के संरक्षक किशोर जेवरिया एवं अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह राठौर प्रख्यात साहित्यकार डॉ पूरन सहगल प्राचार्य डॉ सुरेंद्र शक्तावत तथा बार काउंसिल मनासा के अध्यक्ष महेश जोशी उपस्थित थे। सर्वप्रथम अतिथियों का स्वागत किया गया एवं डॉ पूरन सहगल साहब की पुस्तक बाल भारती का विमोचन के साथ-साथ उनका शॉल एवं श्रीफल से सम्मान भी किया गया अपने उद्बोधन में श्री अनिल चौरसिया ने गांधी जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए वर्तमान संदर्भ में गांधी जी के विचारों की प्रासंगिकता पर जोर दिया श्री चौरसिया ने कहा कि हमारी युवा पीढ़ी को आज गांधी दर्शन की सख्त जरूरत है तभी भावी पीढ़ी का भविष्य उज्जवल हो सकता है डॉ माधुरी चौरसिया ने कहा कि वर्तमान पीढ़ी मोबाइल के द्वार में अपनी संस्कृति अपने बचपन से कोसों दूर होती जा रही है ऐसे समय में बालगीत जैसी पुस्तकें युवाओं में न केवल जोश का संचार करेंगी अपितु उन्हें भारतीय संस्कृति से जुड़ने के लिए भी प्रोत्साहन देगी किशोर जवेरिया ने अपने वक्तव्य में कहा कि हम बचपन में हर तरह के खेल खेला करते थे लेकिन हमारे देश का वर्तमान युवक अब कंप्यूटर और मोबाइल की दुनिया में अपने बचपन को भूलता जा रहा है बचपन लगभग खत्म सा हो गया है सत्येंद्र राठौर ने कहा कि संस्कृति विभाग को चाहिए कि बालगीत जैसी पुस्तकें प्रदेश के सभी लाइब्रेरी में रखी जाए जो कि वर्तमान पीढ़ी के लिए लाभप्रद हो सकती हैं डॉ सुरेंद्र शक्तावत ने डॉ पूरन सहगल की लेखन शैली एवं विभिन्न विषयों पर उनके प्रकाशन की जानकारी देते हुए उन्हें आगे भी नए नए विषयों पर पुस्तक लिखने का आह्वान किया डॉ पूरन सहगल ने अपने वक्तव्य में कहा कि मेरी पुस्तक मैं बाल गीत त्याग निष्ठा निर्भयता दृढ़ संकल्प शक्ति कर्म निष्ठा वीरता एवं शौर्य तथा प्रकृति प्रेम मित्र भाव विनम्रता जैसे भावों के बीज उपस्थित है |

कार्यक्रम का सफलतम संचालन महाविद्यालय के प्राध्यापक प्रोफेसर पंकज श्रीवास्तव ने किया जबकि आभार प्रदर्शन B.Ed की प्राचार्य ऋचा सक्सैना मैडम ने किया कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक गण एवं स्टाफ उपस्थित थे।

Related Post