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रतनगढ़ टप्पे के जाट गांव मे सरकारी भूमियों पर जारी है लगातार भूमाफिया का अतिक्रमण

सिराज खान September 25, 2020, 4:15 pm Technology

जाट। गौरतलब है कि सरकारी ज़मीनों अब भी लगातार जाट गाँव के आसपास तरौली झोपड़िया गांव से लगी हुई सरकारी बेशकीमती करोड़ो रूपये की जमीनों पर रासखुदारो का कब्जा लगातार चल रहा है एक तरफ तो मुख्यमंत्री लगातार भूमाफिया के खिलाफ सख्त कार्यवाही के निर्देश दे रहे है और दूसरी तरफ उनके निर्देश की ही परवाह किसी अधिकारी को नही है !सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यहाँ सरकारी जमीनो पर सांठगांठ करके बड़ी दबंगता से ये भूमाफिया सक्रीय है और करोड़ो रूपये की लागत की सरकारी जमीनो को अवैध तरीके से कब्जा करके काबिज हो रहे है इन भूमाफिया की तगड़ी सेटिंग के चलते यहां इन पर कोई कार्यवाही नही होती और उल्टा कोई इनकी शिकायत करता है तो उसको दबंगो के द्वारा धमकी दी जाती है सरकारी रेवेन्यू की जमीनो पर तरौली गांव के आसपास धड़ल्ले से राजस्थान के भूमाफिया काबिज हो रहे है पूर्व मे खबर प्रकाशित होने पर भी अभी तक जिला प्रशासन के किसी वरिष्ठ अधिकारी ने इस तरफ ध्यान नही दिया अधिकारियों को निचले स्तर से ग़ुमराह कर दिया गया है जबकि इन भूमाफिया के खिलाफ अब तक कड़ी कार्यवाही हो जाना थी मगर अब तक नही हुई है ज़मीनों पर कब्जा लगातार हो रहा है जाट पटवारी हल्के में ये भूमाफिया सक्रीय है क्योंकि की इनको संरक्षण मिला हुआ है जाट पटवारी ने इन सब मामलो मे कोई कार्यवाही नहीं कि ओर वरिष्ठ अधिकारियों को भी इस पूरे मामले मे गुमराह कर रखा है ना तो ये ज़मीनें अतिक्रमण मुक्त हुई और ना ही कोई कुछ करने को तैयार है जाट के से लगे राजस्थान के गांव पीपल्दा के ये भूमाफिया तगड़ी सांठगांठ से कई बीघा सरकारी जमीनो पर अब तक अवैध अतिक्रमण कर चुके है सुत्र तो इतना तक बोल रहे है कि हर एक बीघा ज़मीन पर अवेध अतिक्रमण का रेट तक फिक्स है जैसी जमीन वैसा रेट फिर कितने भी बीघा सरकारी जमीनो पर अतिक्रमण कर लो इस तरह करोड़ो रुपये की जमीनों पर धड़ल्ले से अवैध कब्जे हो रहे है नीमच जिले के रतनगढ़ टप्पे पर देखा जाए तो 50 प्रतिशत खाते की जमीन है और बाकी सरकारी और वन विभाग की ज़मीन है 1970 के दशक से लेकर आज तक सरकार भूमिहीनों श्रमिक सर्वहारा वर्ग को समय समय पर केम्प लगाकर शासन के निर्देशनुसार गाइड लाइन के अनुसार पटटे आवंटित करती है निश्चित ही उक्त कुछ पात्र व्यक्तियों को ही उक्त योजनाओं का लाभ मिलता है लेकिन कुछ भूमाफिया और दलाल अपने चुंगल मे इन किसानों को फंसा कर उनके नाम से जमीनो के पटटे करवा कर सरकारी जमीनो पर काबिज हो रहे है तरौली गांव के पास तो इतने अवैध कब्जे इन रासखुदारो ने कर लिए है कि अब सरकारी जमीन कँहा है पता ही नही चलता इन भूमाफिया की तगड़ी साठगांठ के चलते सिर्फ अर्थदंड करके इतिश्री कर ली जाती है ना तो जमीनो का अतिक्रमण हटाया जाता है और ना तो इन भूमाफिया पर कानूनी कार्यवाही की जाती है इसके कारण इनके हौसले इतने बुलंद हो रहे है कि जहाँ सरकारी भूमि खाली नज़र आती है तगड़ी सेटिंग करके उस पर जेसीबी चला कर खाई बना बना कर कच्चे रूप से कब्जा किया जाता है और बाद मे किसी के भी नाम से पट्टा करवा कर करोड़ो रुपये की जमीन हड़प कर ली जाती है ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन वो आयेगा की सरकारी भूमि ही नक्शे से गायब हो जायेगी और भविष्य मे सरकार गरीबो के लिए किसी योजना के तहत पटटे आवंटन करना भी चाहेगी तो ज़मीन ही नही मिलेगी सब जमीनो पर सिर्फ ये रासखुदार भूमाफिया के ही अवैध कब्जे रहेगे वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को इस तरफ ध्यान देकर सख्ती से इन भूमाफिया के कब्जे हटा कर इन पर कानूनी कार्यवाही करना अति आवश्यक हो गया है

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