भारत में हर साल 15 अगस्त को आजादी का जश्न मनाया जाता है. इस दिन भारत को 200 साल तक अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली थी. देश इस बार 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस की 74वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है।
15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिली थी. और यह दिन भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। 15 अगस्त 2020 शनिवार को लालकिले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को संबोधित करेंगे। हर साल लालकिले की प्राचीर से 15 अगस्त को प्रधानमंत्री के द्वारा देश को संबोधित किया जाता है, तो वहीं इस दिन लालकिले पर बच्चे शामिल होकर कार्यक्रम में उत्साह बढ़ाते हैं, तो वहीं कई झांकियां निकाली जाती है। लेकिन इस साल 15 अगस्त अलग तरह से मनाया जाएगा. इस साल कोरोना महामारी के चलते बच्चों को बुजुर्गों को इस कार्यक्रम में शामिल नहीं किया जाएगा।
भारत के स्वतंत्रता दिवस का इतिहास :- यूरोपीय व्यापारियों ने 17 वीं सदी से ही भारतीय उपमहाद्वीप में पैर जमाना आरम्भ कर दिया था. अपनी सैन्य शक्ति में बढ़ोतरी करते हुए ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने 18 वीं सदी के अन्त तक स्थानीय राज्यों को अपने वशीभूत करके अपने आप को स्थापित कर लिया था. 1857 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के बाद भारत सरकार अधिनियम 1858 के अनुसार भारत पर सीधा आधिपत्य ब्रितानी ताज (ब्रिटिश क्राउन) अर्थात ब्रिटेन की राजशाही का हो गया. दशकों बाद नागरिक समाज ने धीरे-धीरे अपना विकास किया और इसके परिणामस्वरूप 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आई० एन० सी०) निर्माण हुआ। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद का समय ब्रितानी सुधारों के काल के रूप में जाना जाता है जिसमें मोंटेगू-चेम्सफोर्ड सुधार गिना जाता है लेकिन इसे भी रोलेट एक्ट की तरह दबाने वाले अधिनियम के रूप में देखा जाता है जिसके कारण स्वरुप भारतीय समाज सुधारकों द्वारा स्वशासन का आवाहन किया गया. इसके परिणामस्वरूप महात्मा गांधी के नेतृत्व में असहयोग और सविनय अवज्ञा आंदोलनों तथा राष्ट्रव्यापी अहिंसक आंदोलनों की शुरूआत हो गयी। 1930 के दशक के दौरान ब्रितानी कानूनों में धीरे-धीरे सुधार जारी रहे। परिणामी चुनावों में कांग्रेस ने जीत दर्ज की. अगला दशक काफी राजनीतिक उथल पुथल वाला रहा। द्वितीय विश्व युद्ध में भारत की सहभागिता, कांग्रेस द्वारा असहयोग का अन्तिम फैसला और अखिल भारतीय मुस्लिम लीग द्वारा मुस्लिम राष्ट्रवाद का उदय. 1947 में स्वतंत्रता के समय तक राजनीतिक तनाव बढ़ता गया. इस उपमहाद्वीप के आनन्दोत्सव का अंत भारत और पाकिस्तान के विभाजन के रूप में हुआ।
भारत में स्वतंत्रता दिवस का महत्व:- भारत में पतंग उड़ाने का खेल भीस्वतंत्रता दिवस का प्रतीक है, अनगिनत विभिन्न आकार, प्रकार और स्टाईल के पतंगों से भारतीय आकाश पट जाता है. इनमें से कुछ तिरंगे के तीन रंगो में भी होते हैं, जो राष्ट्रीय ध्वज को प्रदर्शित करते हैं. स्वतंत्रता दिवस का दूसरा प्रतीक नई दिल्ली का लालकिला है जहां 15 अगस्त 1947 को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु ने तिरंगा फहराया था।