नीमच। दिनांक 07/08/2020 को जारी एक प्रेस नोट में सीटू के प्रदेश अध्यक्ष कामरेड शेलेन्द्र सिंह ठाकुर ने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग में कार्यरत आंगनवाडी कार्यकर्ता सहायिकाओं, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में कार्यरत कार्यरत आशा एवं उषा सहयागियों, मध्यान्ह भोजन योजना में कार्यरत मध्यान्ह भोजन कर्मियों सहिति योजना कर्मियों को कर्मचारी का दर्जा, न्यूनतम वेतन एवं निधि, ईएसआई, पेंशन सहित सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ दिये जाने की मांग को लेकर केन्द्रीय श्रमिक संगठनों के संयुक्त आह्वान पर दो दिवसीय राष्ट्रीय व्यापी हडताल आज 7 अगस्त प्रारम्भ हुयी। इस हडताल का आह्वान सीटू सहित 9 केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों ने की है। देश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, महिला एवं बाल विकास विभाग, मध्यान्ह भोजन सहित सरकारी योजनाओं में एक करोड के करीब कर्मचारी कार्यरत है, जिनमें अधिकांश महिलायें है। उपरोक्त योजनाओं में मूल काम करने वाली काम करने वाली इन कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारी की पात्रता एवं की सेवा के बाद भी सरकार कर्मचारी का दर्जा एवं न्यूनतम वेतन तक नही दे रहे है। आशा कार्यकर्ताओ को तो सरकार केवल 2000 रुपये मासिक का वेतन दे रही है। जबकि वे स्वास्थ्य विभाग के अन्य कर्मचारियों के साथ सहयोगी होकर काम कर रही है। इन सेवाओं के बाद भी आंगनवाडी कर्मी पेंशन या अन्य किसी लाभ के बिना सेवानिवृत्त हो रही है। राज्य सरकार के द्वारा सेवानिवृत्ति पर कार्यकर्ता को एक लाख रु एवं सहायिकाओं को 75,000 रुपये देने की घोषणा के दो वर्ष बीत जाने के बाद भी सरकार उसे लागू नही कर रही है। इस हडताल के दौरान नीमच जिले में आंगनवाडी एवं आशा उषा सहयोगियों ने हडताल की एवं फिजिकल डिस्टेन्सिंग का पालन करते हुए जिला मुख्यालय कलेक्टर कार्यालय में प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे। आशा एवं उषा सहयोगिनियों ने दिन के 1 बजे मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन नायब तहसीलदार सुश्री प्रशस्ति सिंह को सौंपा। ज्ञापन का वाचन कृश्णा कांटे और प्रियंका माहेष्वरी ने किया। इसी प्रकार आंगनवाडी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं ने दोपहर 2.30 बजे प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन तहसीलदार अजय हिंगे को सौंपा। ज्ञापन का वाचन वीणा पथरोड़, सुशमा गुप्ता ने किया।