नीमच! सीआरपीएफ कैम्पस में ग्रुप केन्द्र ने शुक्रवार को अपना 52वां स्थापना दिवस कोविड-19 को देखते हुए, सीमित स्तर पर मनाया। जैसा कि विदित है कि 01 अगस्त 1968 को सीआरपीएफ के ग्रुप केन्द्र नीमच की स्थापना की गई थी। परंतु इस बार 01 अगस्त को बकरीद एवं उसके बाद रक्षाबंधन जैसे पर्व मनाए जाने के कारण, स्थापना दिवस शुक्रवार को मनाने का निर्णय लिया गया। प्रातःकाल 0900 बजे, ग्रुप केन्द्र के डी.आई.जी. आर.एस. रावत ने अन्य अधिकारियों एवं जवानों के साथ त्रिगंजा स्मारक स्थल पर देश की सेवा में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों को परम्परागत तौर पर बैंड की धुन के साथ पुष्पांजलि अर्पण, सलामी तथा दो मिनट तक मौन रहने की प्रथा अपनाकर श्रद्धांजलि दी। उसके उपरांत क्वार्टर गार्ड पर सरदार पोस्ट से लाई गई पावन मिट्टी के क्लष को माल्यार्पण किया। उसके बाद ग्रुप केन्द्र के मैन्स क्लब में सैनिक सम्मेलन में अधिकारियों एवं जवानों को संबोधित करते हुए उन्होने बताया कि कोविड-19 के कारण, सभी प्रकार के कार्यक्रमों को वृहत स्तर पर मनाने पर रोक होने के कारण, स्थापना दिवस को सीमित तौर पर मनाया जा रहा है। इस महामारी ने पूरे विश्व को अपनी गिरफ्त में ले रखा है तथा बचाव ही इसका एकमात्र उपाय है। उन्होने कहा कि कैम्पस में लागू किए गए कुछ कठिन नियमों में आपके सहयोग से अभी तक कैम्पस में कोरोना से बचाव है और उन्होने आशा की, कि आगे भी आप सभी उपायों को अपनाकर इस बीमारी से अपनी एवं अपने परिवार की सुरक्षा करने में पूर्ण सहयोग करते रहेंगेे। ग्रुप केन्द्र में अन्य सभी सुविधाओं के उपलब्ध होने के बारे में भी बताया। उन्होने कहा कि पौधारोपण में हमनें 10,000 पौधे लगाने का जो बीड़ा उठाया गया है, उसमें से लगभग 7000 पौधारोपण किया जा चुका है तथा शेष पौधों को भी जल्द ही लगाया जाएगा तथा इन पौधों का जिन्दा रखने के लिए भरसक प्रयत्न करने जोर दिया। स्थापना दिवस के इस शुभ अवसर पर सभी को बहुत-बहुत बधाई दी तथा केरिपुबल की जन्मस्थली में तैनात होने को गर्व का विषय बताया। सभी को अपनी-अपनी ड्यूटियों को बेहतर तरीके से निभाते रहने की प्रेरणा भी दी। इस अवसर पर ग्रुप केंद्र के कमांडेंट मनोज कुमार तथा नीमच रेंज कार्यालय के द्वि.क.अधि. तेजसिंह परिहार के साथ-साथ अन्य अधिकारीगण एवं जवान मौजूद रहे। कार्यक्रम में शारीरिक दूरी एवं मास्क तथा स्वास्थ्य मंत्रालय के सभी दिशा-निर्देशो का पालन किया गया।