नीमच। नीमच कृषि उपज मंडी में आज बड़ी संख्या में कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जिसमें मुख्य रुप से म.प्र. शासन द्वारा दिनांक 01 मई 2020 को मॉडल एक्ट के लागू करने का जो अध्यादेश जारी किया गया है किन्तु उसके विस्तृत नियम/दिशा निर्देश वर्तमान तक जारी नहीं हुये है, अर्थात उपरोक्त एक्ट वर्तमान में कियाशील नही है।
केन्द्र शासन द्वारा दिनांक 05.06.2020 से कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण) अध्यादेश जारी किया गया, किन्तु राज्य शासन द्वारा आज दिनांक तक उक्त अध्यादेश अंगीकृत करने के संबंध में कोई स्पष्ट नियम/दिशा निर्देश जारी नहीं किये गये है, तथा भारत सरकार द्वारा भी उपरोक्त अध्यादेश भी वर्तमान में कियाशील नही है। कृषि उपज मंडी की स्थापना म.प्र. कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 मे निहित शक्तियों के तहत राज्य शासन द्वारा की गई है, जिसमे मडी समितियों के द्वारा मंडी प्रांगण एवं मंडी क्षेत्र में अधिसूचित कृषि उपज, औषधीय एवं वनोपज इत्यादि के कय-विकय पर नियमन और नियंत्रण रखती है।
उपरोक्त अधिनियम ही वर्तमान में प्रावधानित है परन्तु प्रशासन स्तर पर तीनों अध्यादेशों को मनमर्जी से परिभाषित किया जाकर प्रदेश में अराजकता की स्थिति निर्मित की जा रही है। जिससे प्रभावित कृषक, व्यापारी, हम्माल/तुलावटी एवं मंडी / बोर्ड अधिकारी/कर्मचारी को शासन स्तर पर बनायी गयी समिति में शामिल नही किया गया है।
कृषक, व्यापारी, हम्माल/तुलावटी एवं मंडी/बोर्ड अधिकारी/कर्मचारियों की नियमानुसार मांगों को 03 दिवस में स्वीकृत किये जाने का अनुरोध किया गया है। जो इस प्रकार है:-
प्रदेश के कृषकों से पैन कार्ड के आधार पर सीधी खरीदी करने वाले व्यापारी/केता बंधु से समर्थन मूल्य पर खरीदी एवं विकय उपज का भुगतान बिना लायसेंस, प्रतिभूति एवं बन्धन नही होने से भुगतान की सुनिश्चितता सम्भव नही है। साथ ही किसान महिनो सालों तक भुगतान के लिये भटकता रहेगा। अतएव वर्तमान में जारी प्रक्रिया अनुसार ही मडी प्रांगण में ही कय-विकय रखा जाए। प्रदेश में मंडी प्रांगण के अन्दर मंडी फीस तथा मडी प्रांगण के बाहर कोई भी व्यक्ति पैन कार्ड के आधार पर क्रय-विक्रय कर सकता है साथ ही उसको कोई फीस/अभिलेख इत्यादी की आवश्यकता नही होगी।
मंडी प्रांगण में व्यापारियों द्वार अपनी जमा पूँजी के आधार पर दुकान/गोदाम क्या की जाकर व्यापार किया जा रहा है साथ ही मंडी समितियों को बही-खाता एवं अभिलेख के साथ मंडी फीस का भुगतान किया जाता है। अतएव प्रदेश में एक ही नियम लागू होना चाहिए या तो मंडी प्रांगण के बाहर भी फीस या मंडी प्रांगण के भीतर भी फीस मुक्त कारोबार किये जाने के नियम बनाये जाए।
प्रदेश के मंडियो में विगत 30-40 वर्षो से हम्माल/ तुलावटीयों द्वारा मंडियों से लाइसेंस प्राप्त किया जाकर अपनी सेवाएं मी प्रांगण में एक परिवार के सदस्य के रूप में दी जा रही है। वर्तमान में उपरोक्त एक्ट के लागू होने से हम्माल/तुलावटियों के परिवारों पर भरण-पोषण का संकट खड़ा होगा। अतएवं मंडी समितियों में पूर्व की भाँती तौल कांटे एवं मंडियों का संचालन होना चाहिए जिससे कि लाखों की संख्या में आजिविका चला रहे परिवारों का भरण-पोषण हो सके। प्रदेश में मंडी/बोर्ड अधिकरी/कर्मचारियों द्वारा संयुक्त संघर्ष मोर्चे के अन्तर्गत दिनांक 06.07.2020 को मंडी बोर्ड मुख्यालय में बैठक आयोजित कर अपने मांगो के संबंध में माननीय कृषि मंत्री द्वारा दिनांक 10.06.2020 को लिखित में प्रशासन को कार्यवाही करने हेतु लिखा गया।
मोर्चा एवं कर्मचारी संघों द्वारा विभिन्न पत्रों से अपनी मांगों के संबंध में शासन/प्रशासन को अवगत कराया गया है। इसके उपरांत भी आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। प्रदेश की मंडी/बोर्ड/कर्मचारियों की मुख्य रूप से एक ही मांग है कि सभी कर्मचारी/अधिकारियों को संचालनालय विपणन (शासकीय कर्मचारी) में शामिल किया जावे जिससे की इनके वेतन/पेंशन की जिम्मेदारी शासन स्तर पर हो। वर्तमान परिस्थियों में शासन द्वारा मंडी फीस सीमित क्षेत्र में की जाने के कारण मंडियों की आय बहुत कम होगी, जिस कारण वेतन/ पेंशन का भुगतान किया जाना संभव नही हो पायेगा।
अतः शासन अपने वार्षिक बजट में क्षतिपूर्ति के प्रावधान का मद निर्धारित किया जाकर प्रतिपूर्ति की स्वीकृति प्रदान करें, जिससे की उनके वेतन/पेंशन के भुगतान में शासन स्तर पर भागीदारी सुनिश्चित की जा सके। उपरोक्त मांगे समयावधि में नही माने जाने पर दिनांक 21.07.2020 को प्रदेश के सभी कृषक व्यापारी हम्माल/तुलावटी एवं मंडी/बोर्ड अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा विधान सभा का घेराव किया जाएगा, जिसका उत्तरादायित्व राज्य शासन का होगा। उक्त मांगो को लेकर आज संयुक्त संघर्ष मोर्चा म.प्र. मंडी बोर्ड और जिला कर्मचारी संघ मंडी समिति ने मुख्यमंत्री के नाम मंडी परिसर में कलेक्टर के प्रतिनिधि नायाब तहसीलदार सुश्री पिंकी साठे को ज्ञापन दिया।