नीमच। जिले ने पिछले 22 वर्षो में विकास के नए आयाम तय किए है। प्रदेश शासन द्वारा 30 जून 1998 को अविभाजित मंदसौर जिले की नीमच, जावद एवं मनासा तहसील को शामिल कर नया जिला नीमच के गठन की घोषणा की गई और 6 जुलाई 1998 से नवगठित नीमच जिला अस्तित्व में आया।
जिला गठन को सफलतम् 22 वर्ष पूर्ण हो गये है,और इन वर्षो में नीमच जिले ने हर क्षैत्र में उल्लेखनीय कार्य कर प्रदेश में अपनी अलग पहचान कायम की है।नीमच जिला प्रगति के पथ पर अग्रसर है।
जिले की भौगोलिक स्थिति-इस जिले का भौगोलिक क्षैत्रफल 3 लाख 93 हजार 976 हेक्टयेर है। जिले में 3 जनपद पंचायत विकासखण्ड एवं 6 तहसील और विधानसभा क्षैत्र नीमच,जावद एवं मनासा है।यह जिला पूर्व,पश्चिम,उत्तर,तीन दिशाओं में राजस्थान की सीमा से लगा है।दक्षिण में मंदसौर जिले की सीमा से लगा हुआ है। जिले की जनसंख्या-जिले में कुल जनसंख्या 8 लाख 25 हजार 958 है।
इनमें 4 लाख 21 हजार 640 पुरूष एवं 4 लाख 4 हजार 318 महिलाएं शामिल है। जिले के प्रथम कलेक्टर-श्री प्रभात कुमार पाराशर रहे है।वर्तमान में श्री जितेन्द्रसिंह राजे कलेक्टर के रूप में कार्यरत है।जिला बनने के बाद जिला मुख्यालय नीमच पर 3.80 करोडे लागात से दो मंजिला संयुक्त जिला कार्यालय भवन का निर्माण हुआ है,जो वर्तमान में 3 मंजिला एवं सौलर प्लेटयुक्त होकर दो लिफट भी संचालित है।
भवन में कलेक्टोरेट सहित विभिन्न जिला कार्यालय संचालित है।साथ ही 79 शासकीय आवासों का निर्माण भी हुआ है।इनमें जी-टाईप 37,एच-टाईप 33,एफ-टाईप 4 एवं आई-टाईप 5 आवासो का निर्माण हुआ है।इन आवासों में शासकीय सेवक निवासरत् है। नवीन पुलिसलाईन की स्थापना, पुलिस कर्मियों के लिए आवासीय कालोनी निर्माण, होमगार्ड प्रशिक्षण केन्द्र का निर्माण, वन मण्डलाधिकारी कार्यालय भवन, जलससांधन भवन एवं खनिज विभाग, नापतौल, पंजीयन विभाग के कार्यालय का निर्माण भी हुआ है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना तहत-जिले में तीनों तहसील मुख्यालयों पर सामुहिक विवाह सम्मेलन आयोजित हुए।इन विवाह सम्मेलनों में सभी वर्गो की निर्धन कन्याओं के हाथ पीले हुए है। इनमें अनु सूचितजाति के 1162 अनुसूचित जनजाति के 811 पिछडावर्ग 575 समान्य वर्ग के 233 कुल 2 हजार 781 कन्याओं का विवाह करवाया गया है।
स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी-जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के भी उल्लेखनीय कार्य हुए है। जिले में एक करोड 67 लाख 38 हजार रूपये की लागत के 9 नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सहस्टाप आवास भवनों का निर्माण पूर्ण किया गया। इसके अलावा 3.30 करोड की लागत से जिला चिकित्सालय का उन्नयन कार्य भी किया गया है।
जिला चिकित्सालय में नवजात शिशु गहन चिकित्सा ईकाई की स्थापना अपने आपमें एक बहुत बडी उपलब्धि है। कम्प्यूटराईज्ड ओपीडी एंव जीर्णोद्वारित प्रसूति वार्ड,ट्रॉमासेन्टर, टूनॉट जॉच मशीन की सौगात भी जिलें को मिली है। शिक्षा के क्षैत्र में प्रगति-जिले में 1998 में जहां प्राथामिक शालाएं 636, माध्यमिक शालाएं 195 थी वहीं वर्तमान में 818 प्राथमिक एंव 371 माध्यमिक शालाएं संचालित है। प्रत्येक एक किलोमीटर की परिधि में प्राथमिक शिक्षा सुविधा व तीन किलोमीटर की परिधि में माध्यमिक शिक्षा सुविधा उपलब्ध है।
जिले में 410 प्राथमिक सह माध्यमिक अशासकीय शालाएं संचालित है।विगत दस वर्ष में शाला भवन निर्माण में भी काफी प्रगति हुई है।इस अवधि में 51 प्राथमिक एवं 162 माध्यमिक शाला भवन व 754 अतिरिकत कक्षों का निर्माण कराया गया है।शिक्षा को बढावा देने की दिशा में भी उल्लेखनीय कार्य हुए है। जिला में बालिका शिक्षा को प्रात्साहित करने के उददेश्य से 3 केजीबीवी एंव 4 बालिका छात्रावास संचालित है। जिसमें लगभग 550 बालकाओं को लाभांवित किया जा रहा है,तथा जिला मुख्यालय पर एक छात्रावास विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए सत्र 2011-12 से संचलित है। जिसमें 50 बच्चे प्रवेशित है।साथ ही जिला मुख्यालय पर एक बालक छात्रावास 100 सीटर भी संचालित है। जिसमें कक्षा 1से 8 तक के शाला त्यागी बच्चों को चिन्हांकित कर प्रवेश कराया जाता है। इसमें लगभग 55 बच्चे प्रवेशित हुए।
जिन ग्रामों में माध्यमिक शाला की सुविधा नही है। वहां से अध्ययन हेतु अन्य ग्राम में जाने पर शासन निर्देशानुसार नि:शुल्क साईकिल सुविधा दी गई है। गत वर्ष पोर्टल पर पात्रतानुसार कुल 1756 बालक बालिकाओं को नि:शुल्क साईकिलें वितरित की गई। इस शिक्षा सत्र में भी पाठयपुस्तके बच्चों को वितरण हेतु सकूलों में पहुचां दी गई है,और वितरण कार्य सकूल खुलने पर किया जाएगा। बच्चों का दो जोडी गणवेश का कार्य स्वसहायता समूहो से तैयार करवाकर वितरण किया जाएगा।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम तहत सत्र 2011-12 से 2019-20 तक शासन निर्देशानुसार अशासकीय शालाओं में कक्षा एक से आठ तक लगभग 14 हजार बच्चे अध्ययनरत है,जिनकी फीस प्रतिपूर्ति शासन निर्देशानुसार की जा रही है। जिले में तीन हजार से अधिक को मिला रोजगार- जिला व्यापार एवं उदयोग केन्द्र नीमच द्वारा वर्ष अप्रेल 1998 से मार्च 2019-20 तक विभिन्न स्वरोगार योजनाओं में 3606 बेरोजगारों को 85 करोड 29 लाख 84 हजार का स्वंय के रेाजगार हेतु ऋण एवं 11 करोड 71 लाख 35 हजार का अनुदान उपलब्ध कराया गया।
प्रधानमंत्री रोजगार योजनान्तर्गत 1171 बेरोजगारेां को 8 करोड 51 लाख 95 हजार का ऋण उपलब्ध काराया गया। पंडित दीनदयाल योजनान्तर्गत 167 बेरोजगारों को 2 करोड 27 लाख 89 हजार का ऋण उपलब्ध कराया गया , रानी दुर्गावती रोजगार योजनान्तर्गत 184 हितग्राहियेां को 1 करोड 92 लाख 35 हजार का अनुदान उपलब्ध कराया गया । इसी तरह मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजनान्तर्गत 140 बेरोजगारेां को 4 करोड 66 लाख का अनुदान उपलब्ध कराया गया।
प्रधानमंत्री सृजन कार्यक्रम योजनान्तर्गत 147 बेराजगारों को 5 करोड 13 लाख का अनुदान उपलबध कराया गया । मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनान्तर्गत 1682 बेरोजगारों को 32 करोड 50 लाख का ऋण वितरण कराया गया। मुख्यमंत्री युवा उधमी योजनान्तर्गत 87 बेरोजगारेां को 39 करोड 20 लाख का ऋण उपलब्ध कराया गया । मुख्यमंत्री कृषक उदयमी योजनान्तर्गत 28 बेरोजगारों को 2 करोड 80 लाख का ऋण उपलब्ध कराया गया है।
उन्नचालीस हजार से अधिक लाडली लक्ष्मियां लाभांवित-लाडली लक्ष्मी योजनान्तर्गत नीमच जिले में अब तक 39 हजार 32 लाडलियों को लाभांवित किया गया है। यह योजना वित्तीय वर्ष 2007-08 से प्रारम्भ हुई।इस योजना के तहत अब तक परियोजना नीमच ग्रामीण में 9 हजार 161,जावद में 7 हजार 789, मनासा में 6 हजार 404,नीमच शहरी क्षैत्र में 5 हजार 75,रामपुरा में 4 हजार 4,तथा परियोजना रतनगढ में 3 हजार 621 बालिकाओं को लाभांवित किया गया है। जन सहयोग से जलसंरक्षण के कार्य-इस वर्ष कलेक्टर श्री जितेन्द्रसिंह राजे के मार्गदर्शन में सम्पूर्ण नीमच जिले में जनसहयोग से ग्रामीणों को प्रेरित कर तालाबों के गहरीकरण के कार्य हुए हैं।जनपद पंचायत नीमच क्षेत्र अन्तर्गत 48 तालाबों से 41792 घनमीटर मिट्टी निकाली गई, जो लगभग 58.49 लाख राशि के बराबर का कार्य हैं।
जनपद पंचायत जावद क्षेत्र अन्तर्गत 25 तालाबों से 86545 घनमीटर मिट्टी निकाली गयी,जो लगभग 136.65 लाख राशि के बराबर का कार्य हैं।वही जनपद पंचायत मनासा क्षेत्र में 41 तालाबों से 86660 घनमीटर मिट्टी निकाली गयी, जो लगभग 129 लाख राशि के बराबर का कार्य हैं।