एयर इंडिया के सीईओ कैंपबेल विल्सन ने बुधवार को कहा कि कंपनी इस साल कई चुनौतियों का सामना कर रही है, लेकिन लंबी अवधि की परिवर्तन योजना पूरी तरह पटरी पर है। वैश्विक विमानन क्षेत्र में बाहरी व्यवधानों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र बंद होने से चालू वित्त वर्ष में करीब 4,000 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। विल्सन ने 12 जून को अहमदाबाद में हुए विमान हादसे का जिक्र करते हुए कहा कि एयरलाइन मृतकों के परिवारों को लगातार सहायता प्रदान कर रही है। अहमदाबाद में 600 से अधिक कर्मचारी तैनात हैं और टाटा के साथ मिलकर एक ट्रस्ट बनाया गया है, जो सभी परिवारों को अतिरिक्त मुआवजा दे रहा है। अंतरिम मुआवजा पूरा हो चुका है और अंतिम भुगतान प्रक्रिया में है। ‘ट्रंप से डरे हुए हैं पीएम मोदी’, भारत-पाकिस्तान युद्ध पर अमेरिकी राष्ट्रपति के दावे पर राहुल गांधी हादसे को लेकर क्या बताया हादसे की जांच सरकार के नेतृत्व में स्वतंत्र रूप से चल रही है। अंतरिम रिपोर्ट में विमान, इंजन या एयरलाइन के संचालन में कोई खराबी नहीं पाई गई। हादसे के बाद एयर इंडिया ने ‘सुरक्षा विराम’ लागू किया और तीन महीने तक अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को 15% तक कम किया। अब उड़ानें सामान्य स्तर पर लौट रही हैं। विमानों की संख्या भी बढ़ी विल्सन ने बताया कि एयर इंडिया का बेड़ा निजीकरण के समय 100 से अधिक विमानों से बढ़कर अब 300 हो गया है और 524 और विमान ऑर्डर पर हैं। हर छह दिन में एक नया विमान आएगा। 2026 से चौड़े धड़ वाले विमानों की डिलीवरी तेज होगी। आधार तैयार हो चुका है और 2026 में नई एयर इंडिया पूरी तरह उभरेगी।