समाज को जहर परोसता अपराधी खुद माता के मन्दिर में प्रसाद पाने की आस में पकड़ा गया।
प्रतापगढ़। पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने बताया कि साईक्लोनर टीम को मारवाड़ क्षैत्र के तस्करों के होते सफाये के बीच तस्करों का मारवाड़ एवं मेवाड़ के तस्करों के मध्यप्रदेश के मुख्य मददगार को दबोचने में सफलता मिली है।साइक्लोनर टीम ने मादक द्रव्यों की तस्करी के मध्यप्रदेश की मुख्य कड़ी आरोपी कन्हैयालाल पुत्र मनोहरलाल जाति ब्राह्मण उम्र 40 साल निवासी घसुण्डी बामणी, पुलिस थाना नीमच केन्ट, जिला नीमच को दस्तयाब करने में सफलता पाई है।
आरोपी कन्हैयालाल की गिरफ्तारी पर 40 हजार रूपये का ईनाम घोषित था ।अब तक पकड़े गये मारवाड़ के मादक द्रव्यों की सप्लाई के मुख्य सरगनाओं से मध्यप्रदेश राज्य का एक सरगना का लिंक साईक्लोनर टीम को मिलता रहा है।साईक्लोनर टीम की नजर अब मध्यप्रदेश क्षेत्र से मारवाड़ एवं मेवाड़ के तस्करों की मददगारों पर । मेवाड़ क्षैत्र से एक के बाद एक मादक द्रव्यों के कई बड़े सप्लायरों की दस्तयाबी के बाद साइक्लोनर टीम को एक मुख्य लिंक मिल रहा था। साईक्लोनर टीम लम्बे समय से उक्त सुराग पर कार्य करते हुए मेवाड़ क्षैत्र में तस्करों के गढ़ तक पंहुचने की फिराक में थी ।साईक्लोनर टीम ने मेवाड़ क्षैत्र में तस्करों की जड़ तक पंहूचने के लिए लम्बे प्रयास के बाद आरोपी के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे।साईक्लोनर टीम ने छोटे से सुराग से पुरी सुरंग बनाते हुए आरोपी की पुरी कुण्डली खोज निकाली । कन्हैया के काले कारनामे :- आरोपी कन्हैयालाल का पुरा परिवार कर्मकांडी पर स्वयं पूजा पाठ छोड़ अवैध अफीम और डोडा पोस्त की तस्करी को अपना पेशा बनाया ।आरोपी कक्षा आठवी तक पढ़ा लिखा पर व्यवहार ऐसा कि एक बार किसी तस्कर से हाथ मिला दिया तो चाहे पुलिस आये या एन.सी.बी, नफा हो या नुकसान पुरी जोखिम पण्डित जी की । अपने इसी व्यवहार के चलते मारवाड़ के तस्करों का चहेता बन गया आरोपी कन्हैया ।आरोपी कन्हैया के पिता ने दुध के डेयरी खुलवाई पर कन्हैया की रूचि डेयरी के दूध में नही, अफीम के काले दूध में थी ।आरोपी कन्हैया की बचपन के सहपाठी राकेश के साथ अच्छी दोस्ती थी, दोस्त राकेश का मौसी का लड़का भाई कमल राणा मेवाड़ क्षैत्र का अवैध मादक द्रव्यों की तस्करी का कुख्यात सरगना था।दोस्त राकेश से कन्हैया कमल राणा के कारनामों को सुनते-सुनते बचपन से ही बड़ा धन्धेबाज होने के ख्वाब देख रहा था ।
अपने अवैध धन्धे की शुरूआत में कन्हैया तस्करों को पुलिस की नाकाबंदी की सूचना देने के लिए तस्करो से सम्पर्क करता हुआ तस्करों किसानों से अवैध मादक द्रव्य लेकर तस्करों को उपलब्ध करवाने का मुख्य गठजोड़ बन गया ।अपने गुप्त ठिकानों पर किसानों से खरीदा गया अवैध डोडा पोस्त एवं अफीम छुपा कर रखता हुआ आरोपी मारवाड़ क्षैत्र के तस्करों को उपलब्ध करवाता था ।साइक्लोनर सेल द्वारा पकड़े गये बड़े अपराधियों में से अधिकांश ने मध्यप्रदेश के कन्हैया का नाम बताया था। आरोपी ने वर्ष 2018 में बाड़मेर के मादक द्रव्यों के कुख्यात तस्कर कंवराराम को फोरच्यूनर गाड़ी में 250 किलो डोडा पोस्त भरवाया था । उक्त फोरच्यूनर गाड़ी पुलिस थाना बगाना जिला नीमच में मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा पकड़ी गई थी। आरोपी कन्हैयालाल उक्त प्रकरण में भी वांछित होकर फरार चल रहा था। वर्ष 2022 में बाड़मेर निवासी तेजाराम को 26.50 क्विंटल अवैध डोडा पोस्त ट्रक में भरवाया था । उक्त ट्रक पुलिस थाना पिण्डवाड़ा जिला सिरोही में पुलिस द्वारा पकड़ा गया था। उक्त प्रकरणे में वांछित होने पर आरोपी की गिरफ्तारी पर रूपये 40 हजार का ईनाम घोषित किय गया था । साइक्लोनर टीम के नाम से बहुत डरता था आरोपी :- आरोपी कन्हैयालाल ने दस्तयाबी के बाद बताया कि वह पिछले सात सालों से फरार चल रहा था, इस दौरान घर पर आने जाने, अपने अवैध धन्धे चलाने में कोई समस्या नही हुई।साईक्लोनर टीम के गठन के बाद अपराधियों के लगातार हो रही धरपकड़ के बाद आरोपी ने अपने घर आना-जाना छोड़ दिया । आरोपियों की लगातार हो रही धरकपड़ के बाद आरोपी बहुत सतर्क और भय में था । अपने घर पर बहुत सर्तकता से कभी कभार ही घर आता था :- मारवाड़ क्षैत्र के मादक द्रव्यों के तस्करों की आंख का तारा बने आरोपी को सभी तस्कर साईक्लोनर टीम से बचने की सलाह देते रहते थे । इस तरह बिछाया साईक्लोनर ने अपना जाल :- साईक्लोनर टीम ने करीब 4 माह शोध किया एवं करीबन 15 दिन तक आरोपी के क्षेत्र में ही कुण्डली मारकर बैठी रही। आरोपी की हर गतिविधि पर अपनी बाज की नजर जमाये बैठी थी साइक्लोनर टीम | आरोपी को डर था कि मारवाड़ क्षैत्र में जाने पर साईक्लोनर टीम उसे धर सकती है, इस डर से वह मारवाड़ आना छोड़ चुका था ।
आरोपी की गिरफ्तारी के लिए साईक्लोनर टीम ने आरोपी की पुरी कुण्डली खंगाली तो जानकारी में आया कि आया कि आरापी आंतरी माता का भक्त है, आरोपी चांदी का मोटा कड़ा हाथ में पहने रखता। आरोपी को भी पुलिस टीम आने की भनक थी, पर साईक्लोनर टीम नीमच तक आ पंहूचेगी ऐसा अन्देशा नही था। साईक्लोनर टीम पिछले सात दिनों से आरोपी की दस्तयाबी हेतु नीमच जिले में आरोपी के गढ़ में डेरा जमाये बैठी थी। साईक्लोनर टीम 15 दिनों तक आरोपी के गढ़ में डेरा जमाये बैठी रही, आरोपी ने भी स्वयं को अपने क्षैत्र में सुरक्षित समझते हुए बाहर नही निकलना तय किया । साईक्लोनर टीम ने आरोपी कन्हैया को पकड़ने के लिए तीन अलग-अलग टीमें बनाकर कार्डन तैयार किया ।इसी दौरान गुरु पुर्णिमा के अवसर पर आरोपी के आंतरी माता का भक्त होने के चलते माता के दर्शन करने हेतु आने तथा उसके बाद अपनी बहिन से मिलने जाने की सूचना मिली । साईक्लोनर टीम आरोपी के पिछे-पिछे आंतरी माता मन्दिर के आस-पास पंहूची तो आरोपी को भनक लग गयी।आरोपी कन्हैयालाल फरारी के दौरान पॉवर बाईक का उपयोग करता था, इसी बलबुते पर वर्ष 2018 से पुलिस की पकड़ में आने से पहले फरार हो जाता था।आंतरी माता मन्दिर में दर्शन करने जाने के दौरान बाहरी व्यक्ति की भनक लगते ही आरोपी पॉवर बाईक लेकर फरार होने की फिराक में था । शातिर कन्हैया को कार्डन में फंसा होने का अंदेशा लग गया। अपनी पॉवर बाईक से भागने ही वाला था कि साईक्लोनर टीम के मांगीलाल जो स्वयं भी बाईक पर ही था, ने रूकवा लिया परन्तु कन्हैया अपनी बाईक पटक कर खेतों में फरार हो गया। साईक्लोनर टीम के मांगीलाल ने करीब 1 कि.मी. पिछा कर उसे पकड़ लिया। इनते में दुसरी टीम भी वहां पंहुच गई। आरोपी के हमनाम कन्हैयालाल सेठिया राजस्थानी भाषा के विख्यात साहित्यकार रहे है, जिनकी साहित्य अकादमी से पुरष्कृत रचना का नाम है लीलटांस । लीलटांस पक्षी की गर्दन विष के प्रभाव से नीली रहती है तथा यह कभी जमीन पर नही रखता ।कन्हैयालाल भी अपने सपने लेकर आसमान में उड़ता रहता था और समाज में जहर बांटने का कार्य करता था। अतः हमनाम कवि की रचना लीलटांस के आधार पर इस अभियान का नाम लीलटांस रखा गया ।