नीमच जिले की महिला स्वसहायता समूह की महिलाएं बनी - सफल उद्यमी, महिला सशक्तिकरण की बनी उदाहरण

Neemuch headlines July 11, 2025, 4:02 pm Technology

नीमच । होंसला यदि बुलंद हो, तो कोई भी काम ना मुमकिन नही हैं। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है, नीमच जिले की खोर ग्राम पंचायत की महिलाओं के एक स्व-सहायता समूह ने। जिन्होंने न सिर्फ खुद को स्थापित कर, अपनी नई पहचान बनाई, बल्कि दूसरी महिलाओं के लिए भी उदाहरण प्रस्‍तुत किया हैं। हम बात कर रहे है, नीमच जिले के जावद तहसील के खोर गांव के नारी स्वाभिमान स्वसहायता समूह की, जिसमे गांव की महिलाओं ने कोरोना महामारी के समय एक स्व-सहायता समूह बनाकर महिलाओं के सैनिटरी पैड बनाने का काम शुरू किया। "नारी स्वाभिमान" नाम रखकर महिलाओं के स्वाभिमान को बढ़ाने के लिए पहला कदम बढ़ाया। इस महिला स्व सहायता समूह को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के महिला सशक्तिकरण और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के कारण नए पंख लगे, जिससे आज इस समूह की महिलाएं खुले आसमान में ऊंची उड़ान भर रही है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत इस महिला समूह को 3 लाख रुपए की आर्थिक सहायता के साथ कोरोना के समय पीपीई किट बनाने का पहला काम भी मिला। आज इस समूह की महिलाएं बड़े पैमाने पर माहवारी के समय उपयोग में आने वाले हाइजीनिक, सेफ और बाजार से कम दाम वाले बेहतरीन सैनिटरी पैड बनाकर, अपना और अपने परिवार की आजीविका चला रही है। इस समूह की महिलाएं हर नारी का स्वाभिमान "नारी स्वाभिमान सैनिटरी पैड" के माध्यम से बढ़ा ही रही है साथ ही खुद भी पूरे स्वाभिमान के साथ जीवन यापन कर रही है। इस समूह ने फ़िल्म पैडमैन वाली कहानी को चरितार्थ करके दिखाया है , सैनिटरी पैड बनाकर अब ये समूह देश भर से मिल रहे बड़े बड़े ऑर्डर भी बखूबी पूरे कर रहा है। नारी स्वाभिमान स्व सहायता समूह की अध्यक्षा श्रीमती मोना खोईवाल ने बताया कि हमने 2020 में गांव की ही 12 महिलाओं ने मिलकर एक महिला स्व सहायता समूह बनाया और कोरोना काल में हमने पीपीई किट बनाने जैसे बहुत सारे काम किया, उसके बाद हमे एनआरएलएम (राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन) अंतर्गत 3 लाख रुपये का लोन हुआ था, उससे हमने सैनिटरी पैड का काम शुरू किया। पहले सैनिटरी पैड बनाने की छोटी मशीन खरीदी थी। उसके बाद हमने गांव गांव जाकर महिलाओं को माहवारी के समय होने वाली समस्याओं के बारे में जागरूक किया व पैड के उपयोग बारे में बताया कि, अभिनेता श्री अक्षय कुमार की फ़िल्म पैडमैन उससे प्रेरित होकर कई महिलाओं को प्रेरित किया। अब हमने बड़ी बड़ी मशीन लगाकर बड़े बड़े ऑर्डर लेकर उसे पूरा रहे है। खोर गांव की ही रहने वाली और नारी स्वाभिमान स्व सहायता समूह की सदस्य श्रीमती भारती नकवाल ने बताया कि यहां सैनिटरी नेपकिन का काम चल रहा है,जिसका नाम नारी स्वाभिमान हैं। जिसकी संचालिका श्रीमती मोना खोईवाल है, यहां हम लोग 5-6 सालों से काम कर रहे है, फर्स्ट स्टार्टिंग हमने हाथ से बनाना स्टार्ट किया था, फिर धीरे धीरे इसको आगे बढ़ाया तो हमे ऑर्डर मिलने लगे, जिससे हमने बड़ी मशीन का उपयोग किया। सुबह आते ही हम मशीन चलाते इसमें हम पल्प, स्टिकर और अन्य चीजों का इस्तेमाल करते है। फिर मशीन से नेपकिन निकालते हैं, कुछ महिलाएं मशीन चलाती है तो कुछ महिलाएं इनका वजन करती है, कुछ महिलाएं इन्हें पैक करने का काम करती है। श्रीमती भारती ने बताया, कि महिलाएं पहले कपड़े का इस्तेमाल करती थी तो हमने सोचा कि कपड़े से महिलाओं को बीमारियां होती है, उससे बचाने के लिए हमने ये नेपकिन का काम शुरू किया है। यहां 10-15 महिलाएं आती है और काम करती है, यहां 5 से 8 लाख रूपये तक के ऑर्डर मिल रहे है जिसे 8 से 10 दिन के समय में ऑर्डर पूरा करना पड़ता हैं। इस काम को करने में हमे बहुत अच्छा लगता है और इस काम से महिलाओं की सुरक्षा होती है और महिलाओं को बीमारी से बचाने के लिए बहुत अच्छा काम है ये।

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