लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने रविवार को सवाल उठाया कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान पीओके पर कब्जा क्यों नहीं किया गया?
उन्होंने कहा, ऑपरेशन सिंदूर बहुत आवश्यक था। लेकिन ऑपरेशन सिंदूर में आपने वे आतंकी कैंप पीछे क्यों छोड़ दिए जिनको ध्वस्त करने की आवश्यकता थी? नागौर से सांसद बेनीवाल ने यहां 'आक्रोश रैली' में कई मुद्दों को लेकर केंद्र व राज्य की भारतीय जनता पार्टी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने दावा किया कि बीकानेर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हालिया रैली विफल रही और इसमें जगह भरने के लिए सरकारी कर्मचारियों को बुलाया गया था। बेनीवाल ने कहा, प्रधानमंत्री की बीकानेर में आयोजित रैली में भाजपा के मंत्रियों, नेताओं तथा तमाम साधन संसाधन लगाने के बावजूद जगह को भरने के लिए सरकारी कर्मचारियों को ले जाना पड़ा। फिर भी टैंट नहीं भरा। बेनीवाल ने कहा, लोगों का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति जो लगाव था, वह धीरे धीरे कम होता नजर आ रहा है। उन्होंने कहा, ऑपरेशन सिंदूर बहुत आवश्यक था। लेकिन ऑपरेशन सिंदूर में आपने वे आतंकी कैंप पीछे क्यों छोड़ दिए जिनको ध्वस्त करने की आवश्यकता थी? पीओके पर कब्जा क्यों नहीं किया गया? छह मई की रात को भारतीय सैन्य बलों ने 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी शिविरों को नष्ट कर दिया गया। यह हमला 22 अप्रैल को दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के जवाब में किया गया था। बेनीवाल ने प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा, आपको तो ये भी पता नहीं कि रगों में लहू बहता है, सिंदूर नहीं। बीकानेर में रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा था कि उनकी रगों में खून नहीं, बल्कि गर्म सिंदूर बह रहा है। सांसद ने कहा कि पर्ची से मुख्यमंत्री का नाम तय कर प्रधानमंत्री ने राजस्थान का अपमान किया। उन्होंने कहा, यह राजस्थान का अपमान है। हमें इसका बदला लेना होगा। पेपर लीक के मुद्दे पर उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में पेपर माफिया हावी हो गया है और राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है।
उन्होंने पेपर लीक के आरोपों के चलते उप निरीक्षक (एसआई) भर्ती परीक्षा-2021 को रद्द करने की मांग की। बेनीवाल ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा नेताओं ने वादा किया था कि पेपर लीक की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच करवाई जाएगी, आरपीएससी का पुनर्गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा, वे सत्ता में आए, लेकिन कुछ नहीं हुआ। बेनीवाल ने दोहराया कि आरएलपी अपनी सभी मांगें पूरी होने तक शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रदर्शन करेगी। उन्होंने कहा, हम यहां कानून-व्यवस्था बिगाड़ने के लिए नहीं हैं, लेकिन हम पीछे नहीं हटेंगे। अगर सरकार चुप रही तो यह आंदोलन हर जिले में फैल जाएगा। सरकार की ओर से जयपुर पुलिस आयुक्त बीजू जॉर्ज जोसेफ और संभागीय आयुक्त पूनम तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी आरएलपी के नेताओं से बातचीत करने के लिए कार्यक्रम स्थल पर गए। अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया कि उठाई गई मांगों को उच्चतम स्तर तक पहुंचाया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि बेनीवाल लगातार एसआई भर्ती परीक्षा-2021 को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।