चीताखेड़ा । परमात्मा ने अनंत करुणा बनकर वैसाख सुदी ग्यारस के दिन इस अद्भुत जिनशासन की भगवान महावीर ने विगत 2551 वर्षों पूर्व जैन धर्म की स्थापना की थी। जिनशासन की स्थापना दिवस की अपेक्षा से देखा जाए तो संवत्सरी से भी बड़ा जिनशासन स्थापना दिवस माना गया है। संपूर्ण भारत के साथ गुरुवार को इसी भावना से भोपावर तीर्थोद्वारक परम् पूज्य मालव भूषण आचार्यदेव श्री नवरत्न सागर जी म.सा. की प्रेरणा से जैन श्री संघ के तत्वावधान में जिनशासन स्थापना दिवस मनाया गया। आज संपूर्ण भारत में एक साथ जैन अनुयायियों द्वारा हर साल की तरह इस बार भी श्री चंद्रप्रभ स्वामी और श्री मुनि सुव्रत स्वामी जिनालय पर जैन धर्म शासन स्थापना दिवस ढोल ढमाकों व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। जहां समाजजन के वरिष्ठ श्री चंद्रप्रभ स्वामी जिनालय ट्रस्ट अध्यक्ष शैलेंद्र सगरावत, पूर्व सरपंच श्रीमती सुषमा जैन, नवरत्न हेम भव्य पाठशाला गुरुजी, जैन श्री संघ सचिव अशोक कोठरी, शेलेन्द्र सगरावत, श्रीमती पूनम सगरावत सहित समाजजन के गणमान्य लोग कार्यक्रम में विशेष रूप से मौजूद थे। श्रावक श्राविकाओं द्वारा जिनशासन गर्गीत प्रस्तुत किया गया तत्पश्चात ध्वजारोहण किया गया। सभी समाजजन द्वारा ध्वज पूजन कर अक्षत की गऊली बनाकर धर्म ध्वजा बधाया गया एवं शासन स्थापना दिवस की प्रतिज्ञा ली गई, तत्पश्चात मंदिर जी में सामूहिक चैत्यवंदन किया गया ।
अंत में स्वर्गीय गेहरीलाल सगरावत के परिवार की ओर से प्रभावना वितरण की गई।