भारतीय रेलवे ने ट्रेनों की स्पीड को लेकर बड़ा ऐलान किया है। अब ज्यादातर ट्रेनें 130 किमी/घंटा की जगह 160 किमी/घंटा की रफ्तार से दौड़ेंगी। 2025-26 के लिए रेलवे ने ₹2.65 लाख करोड़ का बजट रखा है, जिसमें स्पीड अपग्रेड, सेफ्टी और इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस है। वंदे भारत और नमो भारत जैसी सेमी-हाई-स्पीड ट्रेनें 183 किमी/घंटा तक की टेस्टिंग कर चुकी हैं। इस प्लान से सफर का टाइम कम होगा और कनेक्टिविटी बढ़ेगी। रेलवे का ये प्लान मिशन मोड में है। 2025 तक गोल्डन क्वाड्रिलैटरल और डायगोनल रूट्स पर 160 किमी/घंटा की स्पीड लागू होगी। दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा जैसे बिजी रूट्स पर प्रीमियम ट्रेनें पहले फायदा उठाएंगी। रेलवे ने ट्रैक अपग्रेड के लिए 3000 किमी नए रेल लाइन और 7000 किमी डबलिंग का टारगेट रखा है। कवच 5.0 सिस्टम भी दिसंबर 2025 तक मेट्रो और सबअर्बन ट्रेनों में आएगा, जो सेफ्टी और स्पीड बढ़ाएगा। लेकिन चैलेंज ये है कि पुराने ट्रैक और सिग्नल सिस्टम को अपग्रेड करने में टाइम और पैसा दोनों लगेगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर प्लान सही से लागू हुआ, तो 2030 तक भारत का रेल नेटवर्क ग्लोबल स्टैंडर्ड्स को टक्कर देगा। रेलवे की सबसे बड़ी ताकत कवच 5.0! कवच 5.0 रेलवे की सबसे बड़ी ताकत बनने वाला है। ये ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम टक्कर और डिरेलमेंट जैसी दुर्घटनाओं को रोकेगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि दिसंबर 2025 तक ये सिस्टम मेट्रो और सबअर्बन ट्रेनों में फिट हो जाएगा। कवच 5.0 से ट्रेनों की कैपेसिटी 1.5 गुना बढ़ेगी, खासकर मुंबई जैसे बिजी रूट्स पर। अभी तीन मैन्युफैक्चरर्स कवच सप्लाई कर रहे हैं, और रेलवे ने और कंपनियों को ट्रायल्स के लिए बुलाया है। पुराने रूट्स पर 130 किमी/घंटा की स्पीड को कवच के साथ 160 तक ले जाना आसान होगा। लेकिन छोटे स्टेशनों और रूरल एरियाज में इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड अभी बाकी है। अगर ये सिस्टम सक्सेसफुल रहा, तो भारत की ट्रेनें स्पीड और सेफ्टी में यूरोपियन रेलवे को टक्कर देंगी। वंदे भारत और नमो भारत वंदे भारत और नमो भारत ट्रेनें इस स्पीड प्लान का चेहरा हैं। वंदे भारत ने 183 किमी/घंटा की टेस्ट स्पीड हासिल की है, और 2025 में इसके 100 नए रेक लॉन्च होंगे। नमो भारत ट्रेनें, जो 180 किमी/घंटा तक दौड़ सकती हैं, नोएडा एयरपोर्ट से न्यू आगरा जैसे रूट्स पर चलेंगी। रेलवे का टारगेट है कि 2047 तक 4500 वंदे भारत ट्रेनें चलें। इसके अलावा, मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड कॉरिडोर पर जापान की शिंकansen ट्रेनें 320 किमी/घंटा की स्पीड से 2027 तक शुरू होंगी। लेकिन चैलेंज है कि इन ट्रेनों के लिए डेडिकेटेड ट्रैक और हाई-टेक सिग्नलिंग चाहिए। रेलवे ने 2025-26 में 1.61 बिलियन टन फ्रेट और 2.65 लाख करोड़ की रेवेन्यू का टारगेट रखा है, जो इस प्लान को फंड करेगा। अगर आप ट्रेन से सफर करते हैं, तो जल्दी ही कम टाइम में ज्यादा दूरी तय करने का मज़ा ले पाएंगे।