भारत के इतिहास में जन्मे कई सारे महापुरुषों में से एक बड़ा नाम है बाबा साहब भीमाराव अंबेडकर का, जिन्होंने समाज, शिक्षा, राजनीति और न्याय व्यवस्था की दिशा में कई बदलाव किए। डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर ऐसे ही एक महान विचारक, समाज सुधारक, और संविधान निर्माता थे, जिनका जन्म 14 अप्रैल 1891 को हुआ था। हर वर्ष 14 अप्रैल को पूरे भारत में अंबेडकर जयंती मनाई जाती है। यहां पर हम 14 अप्रैल यानी अंबेडकर जयंती को लेकर आपके लिए कुछ कोट्स, स्पीच और निबंध आईडिया लेकर आए हैं।
अंबेडकर जयंती पर हिंदी भाषण:-
बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती भाषण देना चाहते हैं तो यहां पर दिए गए लिंक का सहारा ले सकते हैं। इन शब्दों और बातों को आप अपने सरल और असरदार भाषण में उपयोग कर सकते हैं।
अंबेडकर जयंती पर निबंध:-
बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती पर यहां पर हम आपके लिए 250 शब्दों से 500 शब्दों का निबंध लेकर आए हैं जिसकी मदद से आप अपने स्कूल और अन्य जगहों पर प्रतियोगिताओं का हिस्सा बन सकते हैं। यहां देखिए अंबेडकर जयंती का निबंध हिंदी में।
अंबेडकर जयंती का महत्व क्या है?:-
डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती केवल एक महापुरुष के जन्मदिवस के तौर पर याद नहीं रखी जानी चाहिए, बल्कि यह सामाजिक न्याय, समानता और समावेशिता की भावना का उत्सव होना चाहिए। यह दिन हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हम आज भी उस समाज की ओर बढ़ रहे हैं, जिसका सपना डॉ. अंबेडकर ने देखा था? क्या जातिवाद, सामाजिक विषमता और आर्थिक असमानता आज भी हमारे बीच मौजूद नहीं है?
भारत के संविधान निर्माता अंबेडकर:-
स्वतंत्र भारत के संविधान निर्माण में डॉ. अंबेडकर की ऐतिहासिक भूमिका रही है। वह भारत की संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष थे और उन्होंने एक ऐसा संविधान तैयार किया, जिसमें सभी नागरिकों को समान अधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता, शिक्षा और अवसरों की समानता सुनिश्चित की गई। उन्होंने दलितों, महिलाओं और पिछड़े वर्गों को न्याय दिलाने के लिए विशेष प्रावधान किए। उनका मानना था, 'राजनीतिक स्वतंत्रता के बिना सामाजिक और आर्थिक समानता अधूरी है।'
सामाज सुधार में डॉ. अंबेडकर का योगदान:-
डॉ. अंबेडकर ने जीवन भर छुआछूत, जातिवाद और भेदभाव के खिलाफ संघर्ष किया। उन्होंने ‘बहिष्कृत हितकारिणी सभा’ की स्थापना की जो दलितों के अधिकारों की रक्षा हेतु काम करती थी। उन्होंने ‘मूकनायक’ और ‘बहिष्कृत भारत’ जैसे पत्रों के माध्यम से समाज को जागरूक भी किया। भीमराव अंबेडकर ने कहां से पढ़ाई की थी?
डॉ. अंबेडकर ने बॉम्बे यूनिवर्सिटीज से ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की और इसके बाद विदेश जाकर उच्च शिक्षा प्राप्त की। कोलंबिया यूनिवर्सिटी (अमेरिका) से अर्थशास्त्र में एम.ए. और पीएच.डी. की डिग्री ली। इसके बाद वे लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से भी शिक्षा प्राप्त कर भारत लौटे। जब छुआछूत का शिकार हुए डॉ. अंबेडकर एक दलित महार जाति में जन्मे डॉ. भीमराव अंबेडकर का समाज और जाति उस समय अछूत मानी जाती थी। उनके पिता रामजी सकपाल एक फौजी स्कूल में सूबेदार थे।
अंबेडकर का प्रारंभिक जीवन बहुत ज्यादा संघर्ष से भरा हुआ था। जातिगत भेदभाव और सामाजिक अन्याय का उन्होंने खुद अनुभव किया। स्कूल में उन्हें पानी तक छूने नहीं दिया जाता था। इन सब कठिनाइयों के बावजूद भी वह शिक्षा के क्षेत्र में अव्वल रहे।