आज 12 अप्रैल को देशभर में हनुमान जयंती का उत्सव मनाया जा रहा है। हर साल चैत्र पूर्णिमा (Chaitra Purnima) पर हनुमान जी का जन्मोत्सव बड़ी आस्था और भक्ति के साथ मनाई जाती है। इस दिन संकटमोचन और भगवान श्रीराम के अनन्य भक्त हनुमान जी की पूजा के लिए मंदिरों में भजन कीर्तन, हनुमान चालीसा का पाठ और सुंदरकांड का खास आयोजन किया जाता है।
हनुमान जयंती के इस पावन दिन पर अपने प्रियजनों को शुभकामनाएं भेजना न भूलें। इसी के साथ आइए जानते हैं पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, हनुमान जी को प्रिय चीजें और चैत्र पूर्णिमा का महत्त्व।
हनुमान जयंती पर अपनों को भेजें ये विशेष शुभकामनाएं बजरंगबली का नाम है प्यारा, हर संकट में बनता सहारा, राम के दुलारे, शक्ति के धाम, हनुमान जी करें सबका कल्याण। बजरंग जिनका नाम है, सत्संग जिनका काम है, ऐसे अंजनिपुत्र को मेरा बारम्बार प्रणाम है, हनुमान जन्मोत्सव की शुभकामनाएं।
हनुमान तुम बिन राम हैं अधूरे, करते तुम भक्तों के सपने पूरे, मां अंजनि के तुम हो राजदुलारे, राम-सीता को लगते सबसे प्यारे।
हनुमान जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं। राम नाम में जिसकी है प्रीति, वो करता है सबकी रक्षा नीति, पवनपुत्र का है अद्भुत रूप, उनकी भक्ति से कटते हैं कष्टों के स्वरूप।
हनुमान जयंती की शुभकामनाएं। भूत पिशाच निकट नहीं आवे, महावीर जब नाम सुनावे, नासे रोग हरे सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत वीरा, हनुमान जन्मोत्सव की शुभकामनाएं। जहां हनुमान का नाम लिया जाए, वहां बुराई कभी न टिक पाए, भक्ति, शक्ति, सेवा का प्रतीक, बजरंगबली हैं अनोखे और नेक। हनुमान जयंती की ढेरों शुभकामनाएं। सब सुख लहै तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू को डरना, हनुमान जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं। संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा, जय जय जय हनुमान गोसाईं, कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।
करो कृपा सब पर हे हनुमान, जीवन भर सब करें तुम्हें प्रणाम, जग में सब तेरे ही गुण गाए, हरदम चरणों में तेरे शीश नवाए, हनुमान जयंती की शुभकामनाएं! मंगल को जन्मे, मंगल ही करते, पवनपुत्र हनुमान। हनुमान जन्मोत्सव की शुभकामनाएं।
कब है चैत्र पूर्णिमा और क्या है इसका महत्व?:-
(Chaitra Purnima date) पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा तिथि 12 अप्रैल को सुबह 3:21 बजे शुरू होकर 13 अप्रैल को सुबह 5:51 बजे तक रहेगी। आज हनुमान जयंती और चैत्र पूर्णिमा भी है, जो हिंदू नववर्ष की पहली पूर्णिमा मानी जाती है।
इस दिन स्नान-दान का बहुत महत्त्व है। आज के दिन हनुमान जी की पूजा के अलावा सत्यनारायण भगवान की पूजा का भी विशेष महत्व होता है। इस दिन भक्तजन पवित्र नदियों में स्नान करके हनुमान जी की पूजा करते हैं और जीवन से हर कष्ट को दूर करने की प्रार्थना करते हैं। हनुमान जयंती पूजा का शुभ मुहूर्त:- हनुमान जयंती पर इन शुभ मुहूर्तों का ध्यान रखें। ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:29 से 5:14 तक अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:56 से 12:48 तक शुभ मुहूर्त: सुबह 7:35 से 9:10 तक लाभ मुहूर्त: दोपहर 1:58 से 3:34 तक अमृत मुहूर्त: 3:34 से 5:09 तक
पूजा विधि- कैसे करें हनुमान जी की पूजा:-
सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले घर साफ करें। गंगाजल का छिड़काव पूरे घर में करें। नहा धोकर साफ कपड़े धारण करें। पूजा स्थान पर हनुमान जी सहित श्रीराम-सीता जी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। व्रत रखने का संकल्प लें और फिर पूजा शुरू करें। पहले श्रीराम और सीता जी की पूजा करें फिर हनुमान जी की। जल और पंचामृत से स्नान कराएं।
पूजा सामग्री में चंदन, अबीर, गुलाल, लाल फूल, अक्षत, धूप-दीप, फल, पान चढ़ाएं। हनुमानजी को चमेली के तेल में सिन्दूर का मिश्रण कर चोला चढ़ाएं। उनकी पूजा के लिए लाल रंग की बत्ती का इस्तेमाल करें और सरसों के तेल से दीप जलाएं। सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ करें। हनुमान जी की आरती करें और फिर प्रसाद बांटें।
हनुमान जी को प्रिय हैं ये 5 चीजें:-
हनुमान जयंती के दिन भक्त विशेष पूजा करते हैं जिसमें हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीप जलाकर लाल फूल, सिंदूर, चमेली का तेल, बूंदी, बेसन के लड्डू, गुड़-चना और पान में लौंग लगाकर अर्पित किया जाता है। हनुमान जी को लाल रंग अत्यंत प्रिय है और उन्हें राम नाम की तुलसी की माला भी चढ़ाई जाती है।
कब तोड़ें व्रत?:-
इस दिन सुंदरकांड या 100 बार हनुमान चालीसा का पाठ करने की भी परंपरा है, जिससे बड़े से बड़ा संकट भी टल जाता है। हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने के लिए भक्तों को ज्यादा से ज्यादा राम नाम का जाप करना चाहिए। व्रत करने वाले 13 अप्रैल को सुबह 5:58 बजे के बाद व्रत का पारण कर सकते हैं। सालासर बालाजी में जुटते हैं हजारों श्रद्धालु राजस्थान के चूरू जिले में स्थित सालासर बालाजी धाम इस पर्व पर आस्था का बड़ा केंद्र बनता है। यह मंदिर पूरे भारत में अनोखा है क्योंकि यहां दाढ़ी-मूंछ वाले हनुमान जी की प्रतिमा है। इस अवसर पर तीन दिवसीय मेला लगता है जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं। यहां की व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए सैकड़ों पुलिसकर्मी और अधिकारी तैनात रहते हैं।