चीताखेडा। अहिंसा, सत्य, अचौर्य, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह अपनाने के जीवन शैली को बेहतर प्रतिक संदेश देने वाले भगवान महावीर के 2624 वें पंचकल्याणक पर जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर तथा अहिंसा के पुजारी भगवान महावीर स्वामी जन्मोत्सव पर गुरुवार को पूरा गांव महावीर में हो गया, महावीर जन्मोत्सव के अवसर पर दिनभर जिनालय में अहिंसा परमो धर्म के नारे गूंजते रहे।
गांव के मध्य स्थित श्री मुनीसुव्रत स्वामी जिनालय पर प्रातः 9 बजे त्रिशलानंदन भगवान महावीर का जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर भगवान महावीर स्वामी का गाजे बाजे एवं ढोल धमाकों के साथ जयघोष की धार्मिक संगीतमय भजनों ढोल नगाड़ा बाजा करे भेरू जी का भक्ता नाचा करे......., बाजे रे बाजे रे नाकोडा में ढोल-नगाड़ा बाजें.......आदि सुमधुर भजनों की धूनो के बीच जैन अनुयाई नाचते झूमते हुए भव्य वरघोड़े में चल रहे थे। त्रिशला नंदन भगवान महावीर के जन्मकल्याणक महोत्सव डेहडा समुदाय वर्तनी परम् पूज्य साध्वी श्री सुमलया श्री महाराज साहब की सुशिष्या पूज्य साध्वी श्री शासन ज्योति श्री जी महाराज साहब आदि ठाणा 3 की पावन निश्रा में एवं जैनश्री संघ के तत्वावधान में जैन अनुयायियों द्वारा गुरुवार को धार्मिक वातावरण में पूरी गरिमामय के साथ मनाया गया।
जैन श्रावक श्राविकाएं महावीर की भक्ति में सरोबार नजर आए।दो घंटे के वरघोड़े के दौरान श्रावक श्राविकाएं भक्ति में लीन नजर आए। पालकी वरघोड़े में सबसे आगे संगीत बैंड बाजों की भक्ति गीतों पर झुमते हुए श्रावक श्राविकाएं कतारबद्ध कलश लिए चल रही थी। इस मौके पर सर्वप्रथम प्रातः 5 बजे प्रभात फेरी निकाली गई,स्नात्र पुजा कि गई। तत्पश्चात त्रिशला नंदन भगवान महावीर का वरघोड़ा नीम चौक से प्रातः 9:30 बजे प्रारंभ हुआ जहां पर त्रिशला नंदन महावीर के निराले ठाट देखने के लिए उमडा जैन अजैन भक्तों का हुजूम। जिन मार्ग से वरघोड़ा निकला वह मार्ग महावीर की जय जयकार त्रिशला नंदन वीर की ,जय बोलो महावीर की, महावीर का अमर संदेश जियो और जीने दो ,अहिंसा परमो धर्म की जय से गूंज उठा गांव। वरघोड़ा पुनः श्री मुनीसुव्रत स्वामी जिनालय दोपहर 110:30 बजे समापन हुआ । जैन अनुयाई ढोल धमाकों की थाप पर थिरकते हुए डांडिया नृत्य करते हुए चल रहे थे जहां महिलाएं मंगल कलश धारण किए हुए थी। श्री चंदा प्रभु जिनालय होते हुए भव्य वरघोड़ा नीम चौक ,जैन गली ,चांदनी चौक, बस स्टैंड ,जैन दादावाड़ी ,सदर बाजार होते हुए श्री मुनीसुव्रत स्वामी जिनालय पहुंचा।
वरघोड़े में पुरुष वर्ग बैंड की धुन पर जहां भांगड़ा नृत्य कर रहे थे वहीं महिलाएं भी सामूहिक नृत्य कर रही थी। भव्य वरघोड़े में सबसे आगे युवा हाथों में धर्म ध्वजा लिये चल रहे थे। वरघोड़े में चंद्र प्रभ स्वामी ट्रस्ट अध्यक्ष सुनील सगरावत, अशोक कुमार चपलोत,कारूलाल चपलोत,कारुलाल झातरिया,विजय जैन झातरिया, मुकेश बोहरा, अशोक झातरिया,राजेश चौधरी, डॉ दिलीप झातरिया, अजीत चौरड़िया, रजनीश दक , राजेश जैन, राजकुमार चौरड़िया मुख्य रूप से मौजूद थे।
वरघोड़े का जगह-जगह हुआ स्वागत :-
बैंड बाजों पर महावीर भगवान के गीत बज रहे थे तथा गीतों पर जैन श्रावक श्राविकाएं नृत्य करती हुई चल रही थी। जिस मार्ग में वरघोड़ा का निकला उस मार्ग में जगह-जगह जैन अनुयायियों द्वारा भगवान का स्वागत किया गया।किसी ने नारियल अगरबत्ती चढ़ाए तो किसी ने फल फूल तो किसी ने अक्षय की गऊली बनाकर भगवान का अभिनंदन कर आशीर्वाद लिया। वहीं वरघोड़े में श्रावक वर्ग सफेद एवं श्राविकाएं केसरिया वस्त्र धारण किए हुए थे।
विशेष विमान में विराजमान त्रिशला नंदन, जैन श्रावकों ने भी लिया पुण्य लाभ :-
महावीर स्वामी की जन्मोत्सव के अवसर पर भगवान महावीर स्वामी बाल विग्रह विशेष विमान में विराजमान होकर बैंड बाजों की सुमधुर स्वरलहरियों की धुन पर जैन बड़े ही धूमधाम के साथ हाथों में धर्म ध्वजा लहराते हुए महावीर जय घोष करते हुए महिला पुरुष एवं युवा नाचते झूमते हुए गांव की निर्धारित मार्गो से भक्तों को दर्शन देने निकले। महावीर पालकी में विराजमान युवा कंधों पर उठाए चल रहे थे। जैन अनुयायियों ने भी भगवान महावीर स्वामी के विमान को कंधे पर उठाकर वरघोड़े में पैदल चलकर पुण्य लाभ अर्जित किया।
कार्यक्रम प्रभावना के लाभार्थी शेषमल,रुघनाथ एंड कंपनी मनन, प्रकाश महात्मा की ओर से वितरण की गई। इसके पश्चात् अंत में साधार्मिक स्वामी वात्सल्य के लाभार्थी हीरालाल, राजमल, कारुलाल,कारुलाल, अशोक कुमार, पूनमचंद चपलोत हरनावदा की ओर से किया गया।