नीमच। सी आर पी. एफ. के 80वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में ग्रुप केन्द्र नीमच के तत्वावधान में संयुक्त स्तरीय सी. आर.पी.एफ. दिवस बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया।
इस अवसर पर कैंप परिसर में स्थित ऐतिहासिक शौर्य स्थल पर संदीप दत्ता आईजी सीटीसी नीमच, सुरेन्द्र कुमार डीजाईजी ग्रुप केंद्र नीमच, ब्रिगेडियर (रिटा) अनमोल सूद डीआईजी आरटीसी नीमच, राम कृष्ण डीआईजी रेंज नीमच सहित अन्य सभी संस्थानों के राजपत्रित अधिकारियों, अधीनस्थ अधिकारियों एवं जवानों के साथ, देश की सेवा में अपने प्राणों का सर्वस्व न्यौछावर करने वाले अमर वीर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। तत्पश्चात ग्रुप केन्द्र के क्वार्टर गार्ड पर संदीप दत्ता आईजी सीटीसी नीमच ने गार्ड की सलामी ली। मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में बताया कि 27 जुलाई 1839 को इसी नीमच शहर में इस बल का जन्म, क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस के रूप में हुआ। तदोपरान्त देश के प्रथम माननीय गृहमंत्री श्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने इस बल का नाम परिवर्तित करते हुए इसे केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल नाम प्रदान किया और साथ ही सरदार पटेल तत्कालीन माननीय गृहमंत्री ने 9 मार्च 1950 के दिन ही सीआरपीएफ को झंडा यानी 'प्रेजीडेंट कलर्स प्रदान किया था और यह सीआरपीएफ के लिए बहुत सौभाग्य की बात है।
कि के.रि. पु बल के 36 वें स्थापना दिवस के अवसर पर आज कैम् प में सभी अधिकारी व कार्मिक सी आर पी एफ, दिवस' मना रहे है। समय के दृष्टिकोण से यह बहुत लम्बी अवधि होती है और इस दौरान इस बात ने बहुत से उतार चढ़ाव देखें हैं। भारत सरकार ने जिस उद्देश्य के लिए इस बल का गठन किया, उस पर यह बल सदैव खरा उतरा है। आज विश्व के सबसे बड़े अर्द्धसैनिक बल के रूप में इसने अपनी महती पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि उन्हें आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास है कि हम से पहले जिस प्रकार से अपनी कड़ी मेहनत से इस बल को सींचा है, हम लोग भी उसी तरह बल को निरंतर आगे बढ़ाते रहेंगे और देश सेवा में अपने सर्वोच्च बलिदान से भी कभी पीछे नहीं हटेंगे तथा देश की एकता एवं अखण्डता को अक्षुण्ण बनाए रखेंगे। इसके साथ ही बल के सभी जवानों का मैस में बड़ा खाना तथा अन्प कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सीआरपीएफ दिवस के शुभ अवसर पर बल के महानिदेशक ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह ने अपनी ओर से बल के सभी अधिकारियों व कार्मिकों को सपरिवार सहित शुभकामनाएं संप्रेषित की है।