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होलिका दहन और बडकुल्ले,शुभ मुहूर्त में उत्साह और उमंग उल्लास के साथ हुआ होलिका दहन, धुलेंडी का भी दिखा अपार उत्साह

भगत मागरिया March 14, 2025, 6:39 pm Technology

चीताखेड़ा। गुरुवार को पूर्णिमा तिथि के साथ -साथ ग्रहण और भद्रा काल का साया के कारण होलिका दहन देर रात 11:30 बजे बाद शुभ मुहूर्त में उत्साह और उमंग उल्लास के साथ किया गया। जलती होली की आग की लपटों में गेहूं की बालियों की सिकाई की जाती है जिसके खाने से वर्ष भर दांतों में दर्द नहीं होता है बुजुर्गों का ऐसा मानना है। अंचल भर में होलिका दहन पर रंग गुलाल खेलने व अन्य विविध रस्मों के साथ ही पुरानी परंपरानुसार भारतीय संस्कृति आज भी संजोए हुए है। बालक बालिकाओं द्वारा होली दहन के ईधन के रूप में गाय के गोबर के बडकुल्ले (बडूल्या) बनाना भी प्रमुख प्राचीन परंपरा है।

होली आगमन के एक माह पूर्व से ही बालक बालिकाओं द्वारा इन बडकुल्लों के निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाती है।बडकुल्लो (बडुल्या) को बनाने में गाय का गोबर, कंडे और लकड़ी की राख व पानी एकत्रित करके विभिन्न आकृतियों में बनाया जाता है, उनके निर्माण में कोई बालक गोबर एकत्रित करके लाता है तो कोई उसमें कुंमकुंम डालता है तो कोई उसमें राख बिखेरता है कोई बडकुल्लों का जमीन पर विविधता के लिए हुए बडकुल्लें गोल आकृति, कुत्ते की जीभ, नारियल,पीपल के पत्ते के प्रसिद्ध होली व्यंजन के आकार में बनाए जाते हैं।इन विविधता के निर्माण के समय उनके मध्य भाग में छेद अवश्य कर दिया जाता है ताकि रस्सी में पिरोया जाकर इनकी माला बनाई जा सके। बड़कुल्ले बनाने की होड़ में छोटे-छोटे बालक बालिकाओं द्वारा यह निर्माण प्रक्रिया सामूहिक रूप से संपादित की जाती है।

बड़कुल्ले बनाने के बाद धूप में सुखाया जाता है, सूखने के पश्चात एक लंबी रस्सी में बडकुल्ले को पिरोकर मालाएं तैयार की जाती है। होलिका दहन की संध्या आते ही बालक -बालिकाओं के झुंड के झुंड इन मालाओं को लेकर आनंदित होते हुए होली परिसर स्थल पहुंचते हैं जहां इन बडकुल्लों की मालाओं को होलिका पर चढ़ा दिया जाता है। होलिका दहन के पूर्व गांव के प्रतिष्ठित व्यक्ति द्वारा होलीका का विधि- विधान पूर्वक पूजन के बाद दहन किया जाता है। होली दहन के एक अन्य परंपरा में जलती होली का कोई व्यक्ति द्वारा दंड को थामा जाता है, और उसे ठंडा करने के उद्धेश्य से पानी वाले कुआं, बावड़ी में डाला जाता है जब वह पानी में डालने जाता है तो उसे वहां से उपस्थित लोग होलीका ले जाने वाले व्यक्ति को बडकुल्ले,कंडे आदि से मारकर उसके प्रयास को असफल करते हैं। सुरक्षा दृष्टि से पुलिस सहायता केंद्र चौकी प्रभारी श्री सिंघावत के निर्देशानुसार पुलिस जवान जहां -जहां होलिका दहन किया गया वहां पूरी तरह से मुस्तैद दिखें। आज सुबह से बच्चों में दिखा घुलेती का असर।

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