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धार्मिक नगरी जीरन के तालाब में मछली पालन ठेके के विरोध में जनसुनवाई में पहुंचे लोग, ठेका निरस्ती को लेकर दिया ज्ञापन

दुर्गाशंकर लाला भट्ट March 12, 2025, 8:27 am Technology

ठेका जल्द निरस्त नहीं हुआ तो होगा उग्र आंदोलन

जीरन। नगर परिषद कार्यालय में हुई जनसुनवाई में श्री जैन श्वेतांबर श्री संघ के अध्यक्ष दीपक भामावत, उपाध्यक्ष हस्तीमल भामावत, अशोक जैन (बीड़ी वाला), कोषाध्यक्ष अंशुल कुमार जैन सहित नगर के वार्ड क्रमांक 01 व 2 के रहवासियों ने जिला कलेक्टर के नाम जीरन तहसीलदार यशपाल मुजाल्दे को ज्ञापन सौपा। जिसमे इनके द्वारा बताया कि जीरन नगर एक धार्मिक नगरी है। और नगर की शान ये तालाब है। उक्त तालाब के समस्त घाटो पर धार्मिक मंदिर स्थित है। जिस पर हर धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन वर्षभर आयोजित किया जाता है। तालाब के निर्माण के समय से तालाब के दोनों ओर पत्थर के शिलालेख स्थापित हे कि जिसमें स्पष्ट रूप से तालाब में किसी भी प्रकार के शिकार पर प्रतिबंध लगाया गया है। आदेश कमांक 223/स्टेनों/मत्सय 2024 में जो आदेश पारित कर मछली पालन का 10 वर्ष के लिये जीरन तालाब को पट्टे पर दिया गया है। जो कि जीरन के नागरिको के स्वास्थ के साथ खिलवाड कीया जा रहा है, क्योकि जीरन तालाब के पानी का उपयोग सिचाई के साथ साथ पेयजल का उपयोग किया जाता है। जो जन भावना के खिलाफ है। जिसमे हिन्दु धर्म पालन करने वाले के धर्म भ्रष्ट हो रहा है। जीरन की जनता की धार्मिक भवनाओं को ध्यान में रखते हुये ठेके को निरस्त किया जावे साथ ही 2 दिन बाद जीरन में चक्का जाम किया जावेगा। व उग्र आंदोलन की रूप रेखा तय की जाएगी।

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