हाईकोर्ट ने दिए लेखापाल को पुनः बहाल करने के आदेश, नियमों के विरूद्ध जाकर नोटिस दिए बिना की थी लेखापाल की सेवाए समाप्त ।

Neemuch headlines February 28, 2025, 4:11 pm Technology

नीमच। याचिकाकर्ता उमेश चैहान जो कि जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र नीमच में लेखापाल के पद पर कार्यरत थे। दिनांक 31.05.2023 को नीमच कलेक्टर द्वारा सुनवाई के मौका दिए बिना एवं किसी प्रकार का कोई सूचना पत्र दिए बिना ही याचिकाकर्ता की सेवाए समाप्त कर दी गई थी। दिनांक 24.02.2025 को हाईकोर्ट द्वारा आदेश पारित कर याचिकाकर्ता की सेवाए बहाल कर दी गई हैं।

याचिकाकर्ता उमेश चैहान के एडवोकेट गौरव पांचाल ने बताया याचिकाकर्ता भारतीय रेडक्रास सोसायटी जिला नीमच के मुख्य कार्यालय में 22 नवम्बर 2010 से लेखापाल के पद पर कार्यरत है। कलेक्टर नीमच द्वारा याचिकाकर्ता की संविदा नियुक्ति का समय-समय पर नवीनीकरण किया गया है। विभाग द्वारा याचिकाकर्ता से लेखापाल के अतिरिक्त कई विभागों के कार्य भी करवाए गए जिन्हे याचिकाकर्ता द्वारा बिना किसी आपत्ति के किया गया। याचिकाकर्ता ने लेखापाल के पद पर रहते हुए अपना कार्य बहुत ही समर्पण एवं निष्ठा के साथ किया जिससे प्रभावित होकर नीमच कलेक्टर द्वारा याचिकाकर्ता को विभिन्न अवसरों पर प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित भी किया गया। याचिकाकर्ता कोरोना काल में भी अपनी जान की परवाह किए विभाग को अपनी सेवा देता रहा। जिससे याचिकाकर्ता को कोरोना योद्धा की संज्ञा दी गई। इसी तारतम्य में कलेक्टर नीमच द्वारा दिनांक 31.05.2023 को आदेश पारित कर याचिकाकर्ता की सेवाए समाप्त कर दी गई। आदेश दिनांक 31.05.2023 से असंतुष्ट होकर याचिकाकर्ता उमेश चैहान द्वारा हाईकोर्ट एडवोकेट गौरव पांचाल के माध्यम से हाईकोर्ट इन्दौर के समक्ष रिट याचिका दायर की गई जिसमें एडवोकेट गौरव पांचाल द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष तर्क प्रस्तुत किए गए कि याचिकाकर्ता की सेवाए उसे सुनवाई का मौका दिए बिना ही कलेक्टर नीमच द्वारा समाप्त कर दी गई है। जबकि मध्यप्रदेश सिविल पदों पर संविदा नियुक्ति नियम 2017 के प्रावधानों के अनुसार कलेक्टर नीमच को याचिकाकर्ता को एक माह पूर्व सूचना पत्र जारी कर आदेश पारित करना था। इस प्रकार सेवाए समाप्त करने वाला आदेश एक कलंकित करने वाला आदेश हैं। इसके अतिरिक्त कलेक्टर नीमच द्वारा याचिकाकर्ता के विरूद्ध आदेश में असत्य एवं मनगढ़न्त आरोप लगाए है जबकि आदेश दिनांक 31.05.2023 में उल्लेखित कार्यो को करने के लिए याचिकाकर्ता को कोई पत्र जारी किया गया ना ही उपरोक्त कार्य याचिकाकर्ता के विभाग से संबंधित थे। उपरोक्त कार्य प्रशासनिक अधिकारी जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र नीमच को सौंपे गए थे जिनके कार्य नहीं करने पर कलेक्टर नीमच द्वारा प्रशासनिक अधिकारी का संरक्षण कर याचिकाकर्ता की की सेवाए समाप्त कर दी गई थी। याचिकाकर्ता के एडवोकेट के तर्को से सहमत होकर हाईकोर्ट द्वारा दिनांक 24.02.2025 को अंतिम आदेश पारित कर याचिकाकर्ता की याचिका स्वीकार कर कलेक्टर नीमच के आदेश को रद्द कर दिया गया और कलेक्टर नीमच को याचिकाकर्ता की सेवाए तीन हफ्ते में पुनः बहाल करने का आदेश पारित किया गया हैं।

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