गुर्जरखेड़ा धाम पर महाशिवरात्रि पर धधकतें अंगारों की वृहद चूल का आयोजन सम्पन्न।

दिलीप पाटीदार February 26, 2025, 6:48 pm Technology

जहां जीव है वही जीव है जीव पूजा ही शिव पूजा है - श्री अगोरी नाथ

जावी। जहां जीव है वही शिव है जीव पूजा ही शिव पूजा है। अपने माता पिता का आदर करना, गौमाता, पशु - पक्षियों को दाना पानी की व्यवस्था, अतिथि और संतों का सत्कार और द्वार पर आएं भिक्षुक को भोजन करना आदि कार्य मानवता है और जिस मनुष्य में मानवता है उसी का मनुष्य जीवन सार्थक है। हर मनुष्य को अपने इष्ट और गुरु का सुमिरन कर हर कार्य करना चाहिये जीवन में कष्ट आते है फिर भी हमें अपने इष्ट पर भरोसा रखना चाहिये। उक्त आशीर्वचन दीन दुखियों के शरण स्थल श्री गुर्जरखेड़ा धाम पर महाशिवरात्रि महोत्सव पर श्री वीरभद्र स्वरूप नाथों के नाथ श्री अगोरी नाथ ने कहें।

प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी महाशिवरात्रि महोत्सव की पावन बेला में प्रातः से ही मंदिर पर पूजन अर्चन का दौर शुरू हुआ। प्रातः 11:15 बजे श्री गुर्जरखेड़ा सरकार और वीरभद्र स्वरूप नाथों के नाथ अगोरी नाथ एवं मंदिर पर विराजित सभी देवताओं का पं. हरिओम तिवारी ने मंत्रोपचार के साथ मन्दिर पुजारी राकेश लोहार एवं सेवादारों ने पूजन अर्चन करवाया ततपश्चात पंडाजी घनश्याम एवं मन्दिर समिति सदस्यों व सेवादारों ने वृहद चूल का पूजन कर चूल में अग्नि प्रज्जवलित की और महाआरती हुई। महाआरती के पश्चात वीरभद्र स्वरूप नाथों के नाथ श्री अघोरी नाथ पंडाजी घनश्याम लोहार के तन में पधारे और मंदिर के मुख्य द्वार पर 41 कुओं के एकत्रित जल के 16 कलश के जल से स्नान कर कलश को अपने सीने पर फोड़ा। फिर मंदिर में पधारें मन्दिर में सेवादारों द्वारा श्री अघोरी नाथ सरकार को बाघम्बरी धारण करवाई गई। बाघम्बरी धारण कर श्री अघोरी नाथ ने मंदिर की एक परिक्रमा की। तत्पश्चात धधकतें अंगारों की वृहद चूल में निकलकर अग्नि स्नान लिया संग में माताजी के भोपाजी के तन में पधारे मां काली भी चूल में निकली। श्री गुर्जरखेड़ा धाम पर महाशिवरात्रि पर यह अलौकिक दृश्य प्रतिवर्ष देखने को मिलता है जिसे देखकर भक्तों को आत्म शांति का अनुभव होता है। चूल में श्री अगोरीनाथ और मातेश्री के निकलने के पश्चात अन्य देव भी निकले फिर बासा के पुत्र व पुत्रियां व मन्दिर सेवादार चूल में निकले ततपश्चात ॐ नम: शिवाय, हर हर बम बम का जयकारें करते हुए सैकड़ों की संख्या में भक्तजन, माताएं, बहिनें, बच्चे चूल में निकलें।

आस्था और भक्ति का ऐसा अनूठा संगम देखकर पूरा माहौल भक्तिमय हो गया। चूल के आयोजन के समापन पर साबूदाने की खीर की व फलों की महाप्रसादी के वितरण हुआ। अंचल के सैकड़ों भक्तजनों ने चूल के आयोजन में सहभागिता कर एवं महाप्रसादी ग्रहण कर अपने जीवन को धन्य किया। महाशिवरात्रि महोत्सव में सफल संचालन में श्री गुर्जरखेड़ा धाम मन्दिर प्रबंध एवं सेवादार समिति व भक्तजन का सराहनीय सहयोग रहा।

उक्त जानकारी श्री गुर्जरखेड़ा धाम मंदिर प्रबंध समिति प्रवक्ता दिलीप पाटीदार जावी ने दी।

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