कुकड़ेश्वर। सनातन धर्म मे गौमाता सदैव पूज्यनीय रही है। गौमाता के अंदर 33 कोटि के देवता निवास करते है, जिस घर मे गौमाता होती है उस घर में हमेशा पवित्रता रहती है। गौमाता का गौमूत्र तक पवित्र माना गया है। लेकिन आज के आधुनिक युग मे लोगो ने गौमाता के महत्व को ही खत्म कर दिया है। गौमाता का पालन ही छोड़ दिया है, आज गौमाता प्लास्टिक खाने के लिए मजबूर है, दर दर भटकने के लिए विवश है।
हम सभी को मिलकर प्रयास करना चाहिए कि हमे हर अमावश्य व पूर्णिमा को गौमाता के नाम का कुछ अंश दान स्वरूप निकालकर, गौसेवा हेतु गौशाला में दान करना चाहिए। उक्त बात रामपुरा क्षेत्र के ग्राम कराड़िया में विगत 5 दिवस से चल रही पंडित अर्जुन भारद्वाज (तकरावद वाले) के मुखारविंद से संगीतमय श्रीमद भागवत कथा के दौरान व्यास पीठ से कही है। डूब क्षेत्र के अंतिम छोर पर बसे गांव कराड़िया में प्रतिदिन सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक श्रीमद भागवत कथा का वाचन किया जा रहा है। जिसमे क्षेत्रीय भक्तजन कथा श्रवण करने पहुंच रहे है। दिनांक 20 फरवरी को भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव का दृष्टांत दर्शाया गया। कथा के दौरान क्षेत्रीय विधायक अनिरुद्ध "माधव" मारू भी पहुंचे व व्यास पीठ को नमन किया। संगीतमय श्रीमद भागवत कथा की पूर्णाहुति दिनांक 22 फरवरी 2025, शनिवार को दोपहर 2 बजे होगी। आयोजक समिति व ग्राम कराड़िया वासियो ने अपील की है कि सभी धर्मप्रेमीजन अधिक से अधिक संख्या में पधारे व धर्म लाभ ले।