कुकड़ेश्वर। जहां एक ओर मध्य प्रदेश सरकार अवैध कार्यों पर सख्ती से अंकुश लगाने की बात कर रही है, वहीं दूसरी ओर कुकड़ेश्वर में सट्टा माफिया खुलेआम अपना जाल फैला रहे हैं। नामी-गिरामी लोगों की देखरेख में यहां सट्टा व्यापार धड़ल्ले से चल रहा है।
यही नहीं, घोड़ी दाना, ताश पत्ती और आईपीएल जैसे सट्टे भी पूरी तरह सक्रिय हैं। गरीबों को लालच देकर सट्टे की दलदल में धकेला जा रहा है। वे अपनी मेहनत की कमाई लाकर इन खेलों में झोंक देते हैं, लेकिन अंत में उनकी जेब खाली हो जाती है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इस सट्टा नेटवर्क में कुछ लोग खास रणनीति से काम कर रहे हैं। वे अपने एजेंटों के जरिए भोले-भाले लोगों को जाल में फंसाते हैं और उन्हें कर्ज तक लेने पर मजबूर कर देते हैं। इन अवैध धंधों के साथ-साथ अवैध फाइनेंसर भी सक्रिय हैं, जो गरीब लोगों को ऊंची ब्याज दर पर पैसे उधार देते हैं। जानकारी के मुताबिक, 1000 रुपये पर 100 रुपये प्रति घंटे की दर से ब्याज वसूला जाता है। जब लोग कर्ज नहीं चुका पाते, तो उनकी गाड़ियां, मोबाइल, सोना-चांदी और यहां तक कि घर का सामान तक उठा लिया जाता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पूरा कारोबार पुलिस की नाक के नीचे चल रहा है, लेकिन बीट प्रभारी और थाना स्तर पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं हो रही है। सवाल उठता है कि आखिर पुलिस कब इन सट्टा माफियाओं पर शिकंजा कसेगी? यदि प्रशासन ने जल्द ही इन अवैध कारोबारियों पर कार्रवाई नहीं की, तो यह कारोबार और भी विकराल रूप ले सकता है। सवाल यह भी उठता है कि आखिर बीट प्रभारी और संबंधित पुलिस अधिकारी इस मामले में कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं? क्या उन्हें किसी तरह का संरक्षण प्राप्त है, या फिर वे आंखें मूंदे बैठे हैं? देखना होगा कि आने वाले दिनों में प्रशासन इस अवैध कारोबार पर नकेल कसता है या नहीं। जब तक सट्टा माफियाओं और अवैध फाइनेंसरों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होती, तब तक गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार इसी तरह ठगे जाते रहेंगे।