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प्रदेश कांग्रेस सचिव तरूण बाहेती ने खोली सरकार की पोल, जिले के 687 मृतक सरकार से पिछले 2 वर्षों से मांग रहें हैं 15 करोड़ रु

Neemuch headlines February 2, 2025, 9:14 am Technology

-संबल योजना में नीमच जिले के 687 मृतकों के परिजनों को पिछले 2 साल से नहीं मिली मृत्यु सहायता

नीमच। जिले में 687 मृतक प्रदेश सरकार से 15 करोड़ रु मांग रहें हैं लेकिन सरकार के पास इनको देने के लिए पैसे नहीं हैं। प्रदेश की भाजपा सरकार की झूठी घोषणाओं की बड़ी विफलता से नीमच जिले के 687 परिवार भुगत रहे है। प्रदेश सरकार की संबल योजना के तहत जिले में सन 2023 से मृत्यु सहायता के 687 मृतक के परिवारजनों के शासन पर 15 करोड़ 06 लाख रुपये बकाया है । मृतकों के परिवारजनों को यह राशि कब मिलेगी इस पर नीमच जिले के निर्वाचित जनप्रतिनिधि तीनों विधायक इस मामले में मौन है और राशि दिलवाने की कोई पहल नही कर रहे है।

यह बड़ा खुलासा कांग्रेस प्रदेश सचिव और जिला पंचायत सदस्य तरूण बाहेती ने किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की शिवराज सरकार बार बार झूठी घोषणाएं कर वाहवाही लेती है लेकिन सहायता देने के नाम पर लोगों का मजाक बनाती है। भाजपा सरकार ने गरीबों को राहत देने के लिए संबल योजना शुरू की थी, लेकिन वर्तमान में मोहन यादव सरकार यह संबल योजना खिलवाड़ साबित हो रही है।

संबल योजना के तहत 60 वर्ष से कम उम्र में मृत्यु होने पर उसके वारिस को 2 लाख रूपए की संबल सहायता देने का प्रावधान है, जबकि दुर्घटना में मृत्यु होने पर 4 लाख रूपए की राशि मिलती है, लेकिन चौकानें वाली बात ये है कि नीमच जिले में 5 या 10 नहीं 687 मृतकों के परिवार को लंबे समय से मृत्यु सहायता राशि मिलने का इंतजार है। बाहेती ने कहा की बकाया राशि में सामान्य मृत्यु के 621 केस के 12 करोड़ 42 लाख एवं एक्सीडेंट मृत्यु के 66 केस के 2 करोड़ 64 पेंडिंग हैं। जों कुल राशि 15 करोड़ 06 लाख रु हैं।

तीन विधायक सत्ता पक्ष के फिर भी ऐसे हालात :-

श्री बाहेती ने आरोप लगाया कि वर्तमान में प्रदेश में सरकार भाजपा की है और तीनों विधायक भी सत्ता पक्ष के है,लेकिन इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बाहेती ने कहा कि किसी परिवार जन की मृत्यु हो जाने से पहले ही परिवार दुखी रहता है और उस पर भाजपा के जनप्रतिनिधि घर-घर जाकर झूठा मरहम लगाकर भरोसा दिलाते है कि सरकार मदद करेगी लेकिन सरकार सही समय पर उनकी मदद नहीं करती जिससे उनका दुख और बढ़ जाता है। बाहेती ने कहा कि मृतक लोगों का पैसा तो कम से कम सरकार को समय पर दे ही देना चाहिए जिससे ये पैसा परिवारजन के काम आ सके। आज कई परिवारों के पैसे 2 वर्ष बीत जाने पर भी नही मिल रहे जिससे परिवारजन जनपद पंचायत और नगरीय निकायों के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें उचित जवाब नहीं मिल पा रहा है। अधिकारी-कर्मचारियों के पास सिर्फ ये ही जवाब रहता है कि जैसे शासन से फंड जारी होगा, मृत्यु सहायता की राशि खाते में ट्रांसफर की जाएगी। जिले में संबल योजना के तहत जनपद पंचायतों और नगरीय निकायों के 687 प्रकरण मृत्यु सहायता के लंबित है, जिसमें 2023 से लेकर अब तक के प्रकरण शामिल हैं। बाहेती ने कहा कि यह बात समझ से परे है पुराने प्रकरण यथावत पेंडिंग है और नए प्रकरणों का भुगतान होता रहता है। कुछ मामलों में भ्रष्टाचार होने की जानकारी भी सामने आई है जिसमे जल्दी राशि देने में कमीशन की मांग की गयी है ऐसे मामलों में शपथ पत्र के साथ शिकायत दर्ज कराने की तैयारी की जा रही है। जिले में जनपदों और निकायों में लंबित प्रकरण :- श्री बाहेती ने जिले की जनपद पंचायतों और नगरीय निकायों में संबल योजना के तहत लंबित मृत्यु सहायता के प्रकरणों के आंकड़ों का खुलासा करते हुए बताया कि 188 जनपद पंचायत नीमच, 80 जनपद पंचायत जावद, 261 जनपद पंचायत मनासा, 44 नगरपालिका नीमच, 18 नगर परिषद् जावद, 34 नगर परिषद् मनासा, 22 नगर परिषद् कुकड़ेश्वर, 3 नगर परिषद् रतनगढ, 4 नगर परिषद् रामपुरा, 8 नगर परिषद् अठाना, 4 नगर परिषद् नयागांव, 2 नगर परिषद् सरवानिया महाराज, 5 नगर परिषद् सिंगोली, 9 नगर परीषद् जीरन व 8 नगर परिषद् डीकेन में मृत्यु सहायता के प्रकरण लंबित है, जिसमें 621 प्रकरण सामान्य मृत्यु के है, जिसमें प्रति हितग्राही 2 लाख रूपए के मान से 12 करोड़ 42 लाख रूपए का भुगतान होना है, जबकि 66 प्रकरण ऐसे हैं, जिनकी दुर्घटना में मृत्यु हुई है, जिसमें प्रति हितग्राही 4 लाख रूपए का भुगतान करना है, जो 2 करोड़ 64 लाख रूपए बनता है। ऐसे में सभी 687 प्रकरणों में करीब 15 करोड़ 6 लाख की राशि के इंतजार में मृतकों के आश्रित है ।

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