मेढ़ विवाद के कारण लट्ठ से मारपीट कर फरियादी का हाथ तोडने वाले 03 आरोपियो को 02-02 वर्ष का सश्रम कारावास

Neemuch headlines January 13, 2025, 2:48 pm Technology

नीमच। श्रीमति स्वागिता पूर्णेश श्रीवास्तव, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, नीमच के द्वारा मेढ़ तोडने के विवाद के कारण लट्ठ से मारपीट कर फरियादी का हाथ तोडने वाले 03 आरोपीगण (1) नंदलाल पिता रामचंद्र शर्मा, उम्र-44 वर्ष, (2) चिरंजीव पिता रामचंद्र शर्मा, उम्र-42 वर्ष तथा (03) मनोज पिता ओमप्रकाश नागदा, उम्र 23 वर्ष, तीनों निवासी-ग्राम धनेरियाकलां, थाना बघाना, जिला नीमच (म.प्र.) को धारा 325/34 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 02-02 वर्ष के सश्रम कारावास व 1500-1500 रू. अर्थदण्ड से दण्डित किया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी करने वाले एडीपीओं श्री चंद्रकांत नाफडे द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना लगभग 03 वर्ष पूर्व की होकर दिनांक 25.04.2022 को दोपहर के 12:30 बजे ग्राम धनेरियाकलां स्थित फरियादी के खेत कोटा मार्ग की हैं।

घटना दिनांक को फरियादी संजय नागदा भैंस चरा रहा था, तभी वहा पर उसका काका आरोपी नंदलाल आया और बोला की मेरी मेढ़ क्यों फाड दी, तो इस पर फरियादी ने ऐसा कारने से मना कर दिया। इसी दौरान वहां पर अन्य 2 आरोपी चिरंजीव व मनोज भी लट्ठ लेकर आ गये। तीनों आरोपीगण ने मेढ़ की बात को लेकर विवाद करते हुए लट्ठ से फरियादी के साथ मारपीट की, जिस कारण फरियादी के दाए हाथ, बाय पैर व पीठ पर चोट आई। फरियादी के चिल्लाने की आवाज सुनकर उसके भाई पारस व दिपेश ने आकर बीच- बचाव किया। फरियादी की रिपोर्ट पर से आरोपीगण के विरूद्ध थाना बघाना में आपराध क्रमांक 145/22 पंजीबद्ध किया गया। फरियादी का मेडिकल कराने पर उसके दाएं हाथ में फ्रैक्चर होना पाया गया। बघाना पुलिस ने आवश्यक अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र नीमच न्यायालय में प्रस्तुत किया।

विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से न्यायालय में फरियादी व चश्मदीद साक्षी सहित सभी महत्वपूर्ण गवाहों के बयान कराये। आरोपीगण की ओर से भी 02 बचाव साक्षी के बयान कराये गये। प्रकरण में अभिलेख पर आई साक्ष्य के आधार पर अभियोजन द्वारा अपराध को संदेह से परे प्रमाणित कराते हुवे आरोपीगण को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया, जिस पर से माननीय न्यायालय द्वारा आरोपीगण को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया गया एवं जुर्माने की राशि में से 3000 रूपये फरियादी को प्रतिकर के रूप में प्रदान किये जाने का आदेश भी दिया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी श्री चंद्रकांत नाफडे, एडीपीओ द्वारा की गई।

 

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