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एक देश – एक चुनाव’ विधेयक के समर्थन में 269 वोट पड़े, विरोध में पड़े 198 वोट, विपक्षी सांसदों ने किया विरोध

Neemuch headlines December 17, 2024, 4:19 pm Technology

संसद के शीतकालीन सत्र के 17वे दिन मंगलवार को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा एक देश – एक चुनाव बिल पेश किया गया। इस बिल को प्रतिस्थापित करने के लिए पहली बार इलेक्ट्रॉनिक तरीके से वोटिंग प्रक्रिया की गई। जानकारी के मुताबिक इस बिल के लिए कुल 457 वोट पड़े जिसमें 269 वोट समर्थन में पड़े, जबकि 198 वोट विरोध में पड़े।

इस वोटिंग प्रक्रिया के बाद विपक्ष द्वारा आपत्ती जताई गई। हालांकि इसे लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि यदि किसी सांसद को इससे ऑब्जेक्शन है, तो उन्हें पर्ची दी जाए जिस पर स्पीकर ने यह साफ किया कि अगर किसी सदस्य को पर्ची लगती है, तो उसे पर्ची के जरिए अपना वोट संशोधित करने की इजाजत दी जाती है। पहली बार इलेक्ट्रॉनिक डिवीजन का इस्तेमाल किया गया वहीं एक देश – एक चुनाव बिल को पारित करने को लेकर संसद में मतदान हुआ। वहीं पहली बार लोकसभा में इस दौरान इलेक्ट्रॉनिक डिवीजन का इस्तेमाल किया गया। सभी सांसदों को इसकी वोटिंग प्रक्रिया समझाई गई। वही इस बिल पर चर्चा के दौरान एआइएमआइएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि एक देश एक चुनाव बिल अप्रत्यक्ष रूप से लोकतंत्र की राष्ट्रपति शैली लाएगा और इससे क्षेत्रीय पार्टियों समाप्त हो जाएगी।

भारत का इकलौता राज्य, जहां नहीं है एक भी रेलवे स्टेशन, फिर भी पर्यटकों के लिए बना पहली पसंद 7 देशों की चुनाव प्रक्रिया पर स्टडी की गई है बता दें कि इस बिल को तैयार करने से पहले 7 देशों की चुनाव प्रक्रिया पर स्टडी की गई है। इन 7 देशों में बेल्जियम, स्वीडन, जर्मनी, इंडोनेशिया, जापान, फिलीपींस और दक्षिण अफ्रीका शामिल है। कमेटी द्वारा इन सभी देशों का तुलनात्मक विश्लेषण किया गया था। जिसका उद्देश्य चुनाव में निष्पक्षता और पारदर्शिता के लिए बेहतर अंतरराष्ट्रीय प्रथाओं की स्टडी और उन्हें अपनाना था। कमेटी की सिफारिश पर नजर डाली जाए तो इसमें सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल अगले लोकसभा चुनाव यानी 2029 तक बढ़ाए जाने की सिफारिश की थी। इसके साथ ही लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाने की सिफारिश भी कमेटी द्वारा रखी गई थी। चुनाव दो फेज में कराने की सिफारिश रखी गई है।

जिसमें दूसरे फेज में लोकल बॉडीज यानी नगर निकाय के चुनाव कराए जाने की बात कही गई है। इसके साथ ही चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा और विधानसभा, स्थानीय निकाय चुनाव के लिए राज्य चुनाव अधिकारियों के परामर्श से सिंगल वोटर लिस्ट और वोटर आईडी कार्ड तैयार करने की सिफारिश भी कमेटी द्वारा रखी गई है।

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