इस बार अमरनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या ने नहीं बल्कि भीषण गर्मी ने हिमलिंग के अस्तित्व के लिए खतरा बढ़ा दिया है, क्योंकि इससे हिमलिंग के वक्त से पहले गायब होने की आशंका है। कई सालों से ऐसा देखने को मिल चुका है कि अक्सर श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या से हिमलिंग समय से पहले भक्तों की सांसों के कारण लुप्त हो गए और अबकी बार गर्मी अपना दम दिखा रही है और हिमलिंग पिघलकर केवल 5 फुट का ही रह गया है। हिमलिंग 22 फुट से चौथाई ही रह गए: 3 जुलाई से शुरू हुई अमरनाथ यात्रा में 5 दिनों में ही हिमलिंग के दर्शन करने वालों का आंकड़ा पिछले साल के मुकाबले काफी कम है।
लेकिन बढ़ते तापमान को हिमलिंग के लिए खतरे के तौर पर लिया जा रहा है। हालांकि इस साल हिमलिंग 22 फुट के बने थे, जो भीषण गर्मी के कारण चौथाई रह चुके हैं। हालांकि साल 2018 में शिवलिंग की ऊंचाई 4 से 5 फुट के बीच ही रह गई: श्राइन बोर्ड के अधिकारियों के बकौल, करीब 2 माह पहले हिमलिंग अपने पूरे आकार में था। यह करीब 20 से 22 फुट का था और अब इसकी ऊंचाई 4 से 5 फुट के बीच रह गई है। उनके मुताबिक यह अब तेजी से पिघल रहा है। दरअसल इस बार पूरी दुनिया में गर्मी ने जो कहर बरपाया, उसमें अमरनाथ यात्रा का प्रतीक हिमलिंग भी उससे अछूता नहीं रहा है। हालांकि यह कोई पहली बार नहीं है कि हिमलिंग तेजी से पिघल रहा हो बल्कि पिछले कई सालों से यह देखने को मिल रहा है हिमलिंग यात्रा के आरंभ होने के कुछ ही दिनों के उपरांत पूरी तरह से पिघल जाता रहा है। हालांकि तब इसके लिए ग्लोबल वॉर्मिंग के साथ-साथ उन लाखों भक्तों की सांसें भी जिम्मेदार होती थीं, जो दर्शनार्थ गुफा तक पहुंचते थे। विशेषज्ञों के मुताबिक अमरनाथ ग्लेशियरों से घिरा है। ऐसे में ज्यादा लोगों के वहां पहुंचने से तापमान के बढ़ने की आशंका होगी। इससे ग्लेशियर जल्दी पिघलेंगे। साल 2016 में भी भक्तों की ज्यादा भीड़ के अमरनाथ पहुंचने से हिमलिंग तेजी से पिघल गया था। आंकड़ों के मुताबिक उस वर्ष यात्रा के महज 10 दिन में ही हिमलिंग पिघलकर डेढ़ फुट के रह गए थे। तब तक महज 40 हजार भक्तों ने ही दर्शन किए थे।
साल 2016 में प्राकृतिक बर्फ से बनने वाला हिमलिंग 10 फुट का था, जो अमरनाथ यात्रा के शुरुआती सप्ताह में ही आधे से ज्यादा पिघल गया था। ऐसे में यात्रा के शेष 15 दिनों में दर्शन करने वाले श्रद्धालु हिमलिंग के साक्षात दर्शन नहीं कर सके थे। साल 2013 में भी अमरनाथ यात्रा के दौरान हिमलिंग की ऊंचाई कम थी। उस वर्ष हिमलिंग महज 14 फुट के थे। लगातार बढ़ते तापमान के चलते वे अमरनाथ यात्रा के पूरे होने से पहले ही अंतरध्यान हो गए थे। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार साल 2013 में हिमलिंग के तेजी से पिघलने का कारण तापमान में वृद्धि था। उस वक्त पारा 34 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया था। साल 2018 में भी बाबा बर्फानी के तेजी से पिघलने का सिलसिला जारी था। 28 जून से शुरू हुई 60 दिवसीय इस यात्रा में 1 महीने बीतने पर करीब 2 लाख 30 हजार यात्रियों ने दर्शन किए थे, मगर इसके बाद दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को बाबा बर्फानी के साक्षात दर्शन नहीं हुए। बाबा दर्शन देने से पहले ही अंतरध्यान हो गए थे। इस बार भी भीषण गर्मी कहें या ग्लोबल वॉर्मिंग अपना रूप जरूर दिखा रही है। ALSO READ: क्या है अमरनाथ गुफा और हिमलिंग के दर्शन का महत्व? टैक्सी के सड़क से फिसलने से 4 लोग घायल, इनमें 3 अमरनाथ यात्री : सोमवार को पहलगाम के चंदनवाड़ी के जेड मोड़ के पास एक टैक्सी के सड़क से फिसल जाने से गुजरात के 3 अमरनाथ तीर्थयात्रियों और 1 स्थानीय टैक्सी चालक सहित कम से कम 4 लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि पंजीकरण संख्या जेके 03/सी-5073 वाली एक टैक्सी चंदनवाड़ी मार्ग के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जब उसने नियंत्रण खो दिया और सड़क से फिसल गई।
इसमें 4 लोग घायल हो गए। 3 तीर्थयात्रियों की पहचान गुजरात के निवासी के रूप में हुई जबकि टैक्सी चालक की पहचान पहलगाम निवासी के रूप में हुई। उन्होंने कहा कि सभी घायलों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया और उनकी हालत स्थिर बताई गई है। स्थानीय पुलिस ने घटना का संज्ञान लिया है और आवश्यक कार्यवाही शुरू कर दी है।