नीमच । गांवों में महिलाओं को सशक्त करने ग्रामीण आजीविका मिशन के समूह संबल प्रदान करने का काम कर रहे हैं। अभी तक कुल 386 स्व सहायता समूहों का गठन कर 4592 महिलाएं जोड़ी जा चुकी हैं। समूह से जुड़कर यह महिलाएं कार्य अनुसार हर माह औसतन 10-12 हजार रुपए प्रतिमाह का योगदान अपने परिवार में दे रही हैं। जिला पंचायत कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार आजीविका मिशन का मुख्य उद्देश्य गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की महिलाओं के समूह का गठन कर उनकी आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति को मजबूत करना हैं। जिले में 344 ग्राम-संगठन है। संकुल स्तरीय संगठन जिनमें 25 से 30 गावों का परिसंघ होता है। कुल 15 संकुल स्तरीय संगठनों का गठन किया गया हैं।
बैंक ऋण देकर दिलाया काम- रिवालविंग फंड– 2515 स्व-सहायता समूहों से जुड़े परिवारों को 360.93 लाख रूपये की राशि उपलब्ध कराई जा चुकी हैं। जिससे अपनी छोटी-छोटी आवश्यकताओं की पूर्ति ऋण लेकर के करती हैं। सामुदायिक निवेश निधि से 1186 स्वं सहायता समूहों को राशि रूपये 959.50 लाख सामुदायिक निवेश निधि महिलाओं को ऋण के रूप में उपलब्ध कराई जा चुकी हैं। जिससे वे अपनी छोटी-छोटी गतिविधियां संचालित कर आय अर्जित कर रही हैं। बैंक द्वारा 1884 स्व सहायता समूहों के 3155.73 लाख रूपये स्वीकृत एवं वितरण किये गये हैं। लेखा कार्य में भी आगे- गठित सभी समूहों के लेखा संधारण का कार्य बुककीपरों द्वारा किया जा रहा हैं। समूहों सदस्यों के बैंक लिंकेज में सहयोग करने के लिए 34 बैंक सखी एवं 30 बीसी सखी कार्यरत है। कृषि संबंधी जानकारी एवं प्रशिक्षण के लिये 660,पशुपालन संबंधी जानकारी एवं प्रशिक्षण के लिये 60 सीआरपी, 40 कौशल सखी जो, कि महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने का कार्य कर रही हैं। मिशन प्रारंभ से अब तक 16252 समूह परिवारों को कृषि गतिविधियां से और 5616 परिवारों को गैर कृषि आधारित गतिविधियों इस तरह कुल 21868 समूह सदस्यों को लाभावित किया जा चुका हैं। 58 हजार से अधिक समूह सदस्यों का पी.एम.सुरक्षा बीमा- जिले में प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना अंतर्गत 31580 समूह सदस्यों एवं प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना तहत 26790 समूह सदस्यों का बीमा करवाया गया हैं।
साथ ही 2278 समूहों के 18755 समूह सदस्यों को वित्तीय साक्षरता का प्रशिक्षण दिलाया गया हैं। ग्रामीण युवाओं को रोजगार/स्वरोजगार हेतु 2997 युवाओं को आरसेटी एवं 450 युवाओं को दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना तहत प्रशिक्षण प्रदान कर रोजगार, स्वरोजगार से जोडा गया हैं। साथ ही 1495 युवाओं को रोजगार मेलों के माध्यम से रोजगार प्रदान किया गया हैं।जिले में मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना अंतर्गत 2433 हितग्राहियों को राशि रुपये 2 करोड 43 लाख 30 हजार रुपये का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया गया हैं। जिले में आजीविका मिशन अंतर्गत 10987 महिलाओं को 2 साल में "लखपति दीदी" बनाने का लक्ष्य रखा गया है।जिले में 134 समूहों की 559 महिलाओं द्वारा गणवेश सिलाई का कार्य कर, 23.51 लाख की आय प्राप्त की हैं। जिले में 3 दीदी केफे का संचालन किया जा रहा है।जिले में 96 समूहों द्वारा खाद्य आपुर्ति विभाग के साथ समन्वय कर, राशन दुकानों का संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा संजय निकुंज नर्सरी में 3 समूहों द्वारा नर्सरी स्थापित की गई है, 5 समूहों द्वारा गौशाला संचालित की जा रही है।जिले में ग्रामीण क्षेत्र के समूहों की 20 दीदियों को ड्रोन पायलेट सखी के रूप में जिला प्रशासन द्वारा नवाचार के तहत कृषि अभियंत्रिकी विभाग से भोपाल स्थित कोशल विकास केंद्र पर 10 दिवसीय प्रशिक्षण दिलाया गया हैं। सभी को ड्रोन पायलेटींग का लायसेन्स मिला हैं।
कृषि विभाग के अंतर्गत नमो ड्रोन दीदी योजना से सभी को ड्रोन उपलब्ध कराया जावेगा।