राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शनिवार को जयपुर में दावा किया कि जयपुर में अगले हफ्ते प्रस्तावित 'राइजिंग राजस्थान' शिखर सम्मेलन से राज्य में रोजगार के अवसर सृजित होंगे। आधिकारिक बयान के अनुसार शर्मा ने इस सम्मेलन को सफल बनाने के लिए 10 दिन तक प्रत्येक दिन एक नया संकल्प लेने की पहल की है। मुख्यमंत्री ने 10वां संकल्प लिया: इसी कड़ी में मुख्यमंत्री ने शनिवार को 10वां संकल्प लेते हुए कहा कि 'राइजिंग राजस्थान समिट' में राज्य के आर्थिक विकास को गति प्रदान करने के साथ ही रोजगार के अवसर भी सृजित किए जाएंगे। इसके अनुसार शर्मा ने कहा कि राज्य के कुशल युवाओं को सरकारी एवं निजी क्षेत्र में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार संकल्पित होकर काम कर रही है। 3 दिवसीय 'राइजिंग राजस्थान' शिखर सम्मेलन सोमवार से जयपुर में शुरू होने जा रहा है।
राजस्थान के राज्यपाल ने कहा कि युवा रोजगार देने वाले बर्ने :-
राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने शनिवार को युवाओं का आह्वान किया कि वे नौकरियों के पीछे भागने के बजाय रोजगार देने वाले बनें। बागड यहां जयपुर में एक विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों से डिग्री प्राप्त युवा नौकरियों के पीछे भागने के बजाय रोजगार देने वाले बनें। विश्वविद्यालय ज्ञान के केंद्र होते हैं। इनमें विद्यार्थियों को केवल पाठ्यपुस्तकों का अध्ययन ही नहीं कराया जाए बल्कि उनकी बौद्धिक क्षमता कैसे बढ़े, उनमें उद्यमिता की प्रवृत्ति का कैसे विकास हो, इस पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। शिक्षा सतत चलने वाली प्रक्रिया है और वही शिक्षा सार्थक है, जो जीवन को बेहतर ढंग से जीने की राह दिखाए।
ज्योतिबा फुले के योगदान को याद किया:-
महात्मा ज्योतिबा फुले द्वारा समाजसेवा और स्त्री शिक्षा में दिए योगदान को याद करते हुए राज्यपाल ने कहा कि वे युगपुरुष थे। ऐसे समय में जब नारी शिक्षा से समाज दूर था, उन्होंने कन्या विद्यालय खोला। अपनी पत्नी को पढ़ाया और उन्हें देश की पहली महिला शिक्षक बनाया। उन्होंने ज्योतिबा फुले के आदर्शों को अपनाते शिक्षा प्रसार के लिए कार्य करने का आह्वान किया। राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा में नैतिकता और आदर्श जीवन मूल्य बहुत जरूरी हैं। महापुरुषों की जीवनियां हमें सदा प्रेरणा देती हैं। उन्होंने देश की नई शिक्षा नीति का जिक्र करते हुए कहा कि यह समाज के हर वर्ग को बगैर किसी भेदभाव के वैश्विक स्तर की शिक्षा देने से जुड़ी है।
बागडे ने 'राष्ट्र प्रथम है' सोच के साथ विद्यार्थियों की बौद्धिक क्षमता बढ़ाए जाने पर जोर दिया।