आज जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर पीएम मोदी मध्य प्रदेश को देंगे बड़ा तोहफा, भगवान बिरसा मुंडा के योगदान को किया जाएगा याद

Neemuch headlines November 15, 2024, 11:06 am Technology

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के शहडोल में आज, जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर एक भव्य “राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस” कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। आज भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअल रूप से इस कार्यक्रम से जुड़ेंगे। वहीं इस मौके पर PM मोदी द्वारा प्रदेश में कई विकास परियोजनाओं का लोकार्पण किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक इस भव्य आयोजन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, राज्यपाल मंगुभाई पटेल, उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला, और जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह भी उपस्थित रहेंगे। बता दें कि इस भव्य कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में जनजातीय समाज के प्रतिनिधि एवं स्थानीय जन उपस्थित रहेंगे। मध्यप्रदेश में जनजातीय संस्कृति एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की गौरवशाली धरोहर को समर्पित करते हुए आज प्रधानमंत्री मोदी कई विकास कार्यों का लोकार्पण करेंगे। जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर प्रदेश को बड़ी सौगात दरअसल आज जनजातीय गौरव दिवस के अवसर शहडोल में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में कई परियोजनाओं का लोकार्पण किया जाएगा। इस कार्यक्रम में 229.66 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 76 विकास कार्यों का भूमि-पूजन और लोकार्पण किया जाएगा। इस भव्य समारोह के अवसर पर पारंपरिक लोक कला जैसे रीना नृत्य, गुदुम्ब, शैला और करमा की प्रस्तुतियां दी जाएगी।

इसके साथ ही कई विभागों की विकास प्रदर्शनी भी इस समारोह में लगाई जाएगी। यह समारोह मध्य प्रदेश की संस्कृति को एक नई पहचान दिलाएगा। दरअसल शहडोल में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण का केंद्र जनजातीय गौरव संस्कृति को प्रदर्शित करने वाली प्रदर्शनी रहेंगी। आज भगवान बिरसा मुंडा की जयंती बता दें कि जनजातीय समाज के सबसे प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी माने जाने वाले भगवान बिरसा मुंडा, का जन्म 15 नवंबर 1875 को हुआ था। उनका जन्म झारखंड के उलीहातू में हुआ था। भगवान बिरसा मुंडा ब्रिटिश राज के खिलाफ जनजातीय समाज के सबसे प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी माने जाते हैं। उनकी योगदान की याद में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 15 नवंबर को “राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस” के रूप में घोषित किया गया।

ताकि इस दिन देश जनजातीय समाज के योगदान को याद कर सके।

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