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वैराग्य सागर जी एवं सुप्रभ सागर जी की निश्रा में आचार्य विद्यासागर जी महाराज के जन्म से लेकर अंतिम यात्रा तक नाटक में श्रद्धालु

Neemuch headlines October 17, 2024, 6:42 pm Technology

नीमच।मुनि वैराग्य सागर जी महाराज एवं मुनि सुप्रभा सागर जी महाराज साहब की पावन निश्रा व श्री सकल दिगंबर जैन समाज नीमच शांति वर्धन पावन वर्षा योग समिति नीमच के संयुक्त तत्वाधान में श्री शांति सागर मंडपम दिगंबर जैन मांगलीक भवन नीमच में चारित्र चक्रवर्ती प्रथम आचार्य शांति सागर जी आचार्य पद प्रतिस्थापन शताब्दी वर्ष शांति सिंधु सूर्य व्यक्तित्व परिचय महोत्सव में आचार्य विद्यासागर जी महाराज की जन्म से लेकर अंतिम यात्रा तक की नाटिका प्रस्तुत की गई। नाटिका में सर्वप्रथम महिलाओं द्वारा आचार्य विद्यासागर जी के जन्म के प्रसन्नता के उपलक्ष्य में समूह नृत्य प्रस्तुत किया गया। आचार्य विद्यासागर जी को झूला झुलाया गया। विद्यासागर जी द्वारा बचपन में मां के साथ माखन लीला का प्रसंग प्रस्तुत किया गया। अध्ययन और इसके बाद जीव दया का प्रसंग आदि प्रस्तुत किए गए। महाराज बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि सम्यक दर्शन जीव दया का पालन करते थे सत्य को ही सौंदर्य मानते थे आचार्य विद्यासागर जी के बचपन का अभिनय नन्हे मुन्ने बच्चों ने प्रस्तुत किया। नाटिका में इस युग के महावीर तुम ही हो आत्मा परमात्मा तुम प्राण हमारे मन में बसी है तेरी मूर्ति नमन करता है यह आकाश यह जमीन.... गीत प्रस्तुत किए गए। आचार्य विद्यासागर जी के नाटक के एक अलग विशेषता यह देखी गई की नाटक शुरू होने से लेकर नाटक समाप्त होने तक प्रत्येक श्रोता के आंखों से आंसुओं की गंगा बहती रही। प्रत्येक श्रावक श्राविका का भाव विह्वल हो गए।

में आचार्य विद्यासागर जी महाराज के सांसारिक माता-पिता श्रीमती ज्योति जितेंद्र जैन ने अभिनय प्रस्तुत किया छोटे विद्यासागर जी का अभिनय कल्प गोधा ने तथा युवा विद्यासागर जी का अभिनय अभिनव जैन ने किया। विद्यासागर के गुरु ज्ञान सागर जी महाराज का अभिनय निखिल बज ने प्रस्तुत किया। विद्या सागर जी के बचपन के मित्रों का अभिनय हर्षिल बाकलीवाल, दर्शील गोयल हीतअजमेरा, भाविक विनायका, अनिक अजमेरा हितांश बाकलीवाल, देव विनायका, रिया शाह, एशना जैन, देव जैन, यशी जैन, लायरा गोधा, मिष्ठी विनायका वंशिका गोधा, मिस्टी विनायका, अवया बाकलीवाल आदि ने समूह नृत्य में की सहभागिता निभाई। मंगलाचरण भव्या शाह रिदिशा शाह द्वारा प्रस्तुत किया गया। नाटक का निर्देशन श्रीमती आभा विनायका, प्रियंका विनायका ने संयुक्त रूप से किया। विद्यासागर जी महाराज के नाटक का मार्ग निर्देशक बाल ब्रह्मचारी दीदी चंदना दीदी और संध्या दीदी द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। दोनों दीदी द्वारा जब नाटिका के अंत में समीक्षा करनी थी तब वे भी निशब्द हो गई बाद में उसकी समीक्षा कार्यक्रम का संचालन कर रहे अजय कासलीवाल द्वारा की गई।

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