कलश स्थापना मुहूर्त:-
अलीगंज स्थित स्वास्तिक ज्योतिष केंद्र के आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 2 अक्टूबर की रात 12:18 मिनट से शुरू होगी। इस तिथि का समापन 3 अक्टूबर को देर रात 2:58 पर होगा। उदया तिथि अनुसार गुरुवार 3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र की शुरुआत होगी।
कलश स्थापना का मुहूर्त कन्या लग्न में सुबह 6 बजे से लेकर सुबह 7:05 तक है। वहीं, अभिजीत में मुहूर्त सुबह 11:31 से लेकर दोपहर 12:19 तक है। बनारस के महावीर पंचांग के अनुसार इस बार चतुर्थी तिथि की वृद्धि होने से यह तिथि दो दिन 6 और 7 अक्टूबर को मनाई जाएगी। वहीं नवमी तिथि का क्षय होने पर महाअष्टमी और महानवमी का व्रत 11 अक्टूबर को रखा जाएगा। ज्योतिष डॉ. आचार्य देव ने बताया कि नवरात्र की प्रत्येक तिथि एक विशिष्ट देवी को समर्पित होता है। किस दिन किसकी पूजा 3 अक्टूबर को प्रतिपदा पर माता शैलपुत्री 4 अक्टूबर को द्वितीया पर ब्रह्मचारिणी 5 अक्टूबर को तृतीया पर चंद्रघंटा का पूजन 6 व 7 अक्टूबर को चतुर्थी पर माता कुष्मांडा का पूजन 8 अक्टूबर को पंचमी तिथि पर स्कंदमाता का पूजन 9 अक्टूबर को षष्ठी तिथि पर मां कात्यायनी का पूजन 10 अक्टूबर को सप्तमी तिथि पर
माता कालरात्रि का पूजन 11 अक्टूबर को अष्टमी और नवमी दोनों पर माता महागौरी व सिद्धिदात्री का पूजन किया जाएगा 9 देवियों के बारे में जानें शैलपुत्रीः पर्वतराज हिमालय की पुत्री, देवी शैलपुत्री नवरात्रि के पहले दिन पूजी जाती हैं। इनको सफेद रंग बहुत प्रिय है और मां शांति और पवित्रता का प्रतीक हैं। ब्रह्मचारिणीः देवी ब्रह्मचारिणी तपस्या और साधना की देवी हैं।
इस दिन पीले रंग का महत्व है, देवी सुख और समृद्धि देने वाली हैं। चंद्रघंटाः देवी चंद्रघंटा शांति और साहस की देवी मानी जाती हैं। तीसरे दिन के लिए हरा रंग शुभ माना जाता है। कुष्मांडा: देवी कुष्मांडा ब्रह्मांड को रचने वाली देवी मानी गईं हैं। इस दिन का रंग नारंगी है, जो ऊर्जा और उत्साह का प्रतीक होता है। स्कंदमाताः देवी भगवान कार्तिकेय की माता, शांति और भक्ति की देवी मानी जाती हैं। यह दिन सफेद रंग को समर्पित है।
कात्यायनीः देवी कात्यायनी शक्ति और साहस की प्रतीक हैं। छठे दिन के लिए लाल रंग शुभ माना जाता है। कालरात्रिः देवी कालरात्रि बुराई का नाश करने वाली देवी मानी जाती हैं। इस दिन का रंग नीला है, जो शत्रुओं का नाश करने का प्रतीक है। महागौरीः देवी महागौरी पवित्रता और शांति की देवी हैं। इस दिन का रंग गुलाबी है, जो प्रेम और भक्ति का प्रतीक है।
सिद्धिदात्रीः देवी सिद्धिदात्री सभी प्रकार की सिद्धियों को प्रदान करने वाली देवी मानी जाती हैं। नवमी के दिन बैंगनी रंग को शुभ माना जाता है।
पूजा की विधि:-
नवरात्रि की शुरुआत में घर या मंदिर में कलश स्थापना करें। मां दुर्गा का आह्वान करें और उनको धूप, दीप, अक्षत, पुष्प और प्रसाद अर्पित करें।
नारियल, शृंगार और चुनरी मां को अत्यंत प्रिय है, उन्हें अर्पित करें।
दुर्गा सप्तशती, देवी महात्म्य, और गायत्री चालीसा का पाठ करें। अगर मंत्र जाप का कोई संकल्प लिया है तो रोजाना संकल्पित जाप करें। दुर्गा-आरती करें और अंत में फलाहार प्रसाद वितरित करें।
अपनी सामर्थ्य के अनुसार नवरात्रि में उपवास रख सकते हैं।