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इन चीजों के बगैर अधूरा है गणेश विसर्जन, नोट करें पूजन सामग्री, इन मंत्रो का करे उच्चारण

श्रीपाल बघेरवाल September 17, 2024, 10:25 am Technology

नीमच! भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से चतुर्दशी तिथि तक गणपति की उपासना के लिए गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है. श्री गणेश प्रतिमा की स्थापना चतुर्थी को की जाती है और गणपति का विसर्जन चतुर्दशी को किया जाता है.

ऐसी मान्यता है कि प्रतिमा के विसर्जन से भगवान दोबारा कैलाश पर्वत पहुंच जाते हैं. गणेश जी की स्थापना से ज्यादा विसर्जन की महिमा है! इस दिन अनंत शुभ फल प्राप्त किया जा सकता है. इसलिए, इस दिन को अनंत चतुर्दशी भी कहते हैं.

इस बार अनंत चतुर्दशी और गणेश विसर्जन का पर्व 17 सितंबर यानी कल है.

आइए जानते हैं कि गणेश विर्सजन की पूजा में किन चीजों को शामिल करना चाहिए,

यहां देखें पूजन सामग्री की पूरी लिस्ट:-

गणेश विर्सजन के पूजा की सामग्री लिस्ट :-

कलश, मोदक, केला, सिंदूर, इलायची, जल, फूल, अक्षत, सुपारी, पान के पत्ते, नारियल, कपूर, अगरबत्ती, शहद, गुलाल, जनेऊ, नवग्रह चावल, धूपबत्ती, लड्डू, विसर्जन करने के लिए टब, फूल माला, दुर्वा, आम की लकड़ी, चंदन इत्यादि.

क्या है विसर्जन का तरीका:-

गणेश विसर्जन से पहले गणेश जी की विधिवत पूजा करें. पूजा के समय उन्हें मोदक एवं फल का भोग लगाएं. इसके साथ ही गणेश जी की आरती करें. अब गणेश जी से विदा लेने की प्रार्थना करें.

पूजा स्थल से गणपति महाराज की प्रतिमा को सम्मान-पूर्वक उठाएं. पटरे पर गुलाबी वस्त्र बिछाएं. प्रतिमा को एक लकड़ी के पटे पर धीरें से रखें. लकड़ी के पटरे को पहले गंगाजल से उसे पवित्र जरूर करें! गणेश मूर्ति के साथ फल-फूल, वस्त्र एवं मोदक की पोटली रखें. एक पोटली में थोड़े चावल, गेहूं और पंचमेवा रखकर पोटली बनाएं उसमें कुछ सिक्के भी डाल दें.

उस पोटली को गणेश जी की प्रतिमा के पास रखें. अब गणेश जी की मूर्ति को किसी बहते हुए जल में विसर्जन कर दें. गणपति का विसर्जन करने से पहले फिर से उनकी आरती करें. आरती के बाद गणपति से मनोकामना पूर्ण करने का अनुरोध करें.

गणेश विसर्जन के दौरान इन मंत्रों का करे उच्चार :-

ऊं यान्तु देवगणा: सर्वे पूजामादाय मामकीम्।

इष्टकामसमृद्धयर्थं पुनर्अपि पुनरागमनाय च॥

ऊं मोदाय नम:।

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