भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आज (16 अगस्त) को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए अपने सबसे छोटे सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV) की तीसरी और अंतिम उड़ान को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। दरअसल इस मिशन के दौरान ISRO ने ‘छोटा रॉकेट’ कहे जाने वाले SSLV-D3 रॉकेट के जरिए EOS-08 मिशन को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में पहुंचाया है। वहीं इस मिशन की विशेषता यह है कि इसने पृथ्वी की निगरानी और आपदा की पूर्व चेतावनी देने वाले सैटेलाइट को कक्षा में स्थापित किया है, जिससे भारत ने एक और बड़ी उपलब्धि अपने नाम की है। दरअसल ISRO ने अपने सबसे छोटे सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV) की तीसरी उड़ान को आज सुबह 9:33 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। वहीं इस लॉन्च के साथ, ISRO ने एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर छू लिया है, जो भविष्य में अंतरिक्ष अभियानों के लिए नए दरवाजे को खोलता है। ISRO ने शेयर की जानकारी वहीं इस मिशन की जानकारी इसरो (ISRO) ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट X पर शेयर की है। जानकारी के अनुसार SSLV-D3 रॉकेट को ‘छोटा रॉकेट’ इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि यह भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का सबसे छोटा सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल है। इस रॉकेट की खास बात यह है कि यह 500 किलोग्राम तक वजन वाले सैटेलाइट्स को कम समय में और कम लागत में अंतरिक्ष में स्थापित कर सकता है। इसका डिजाइन और निर्माण खासतौर पर छोटे सैटेलाइट्स के लिए किया गया है। EOS-08 मिशन की कामयाबी इस मिशन के तहत, SSLV-D3 ने EOS-08 सैटेलाइट को सफलतापूर्वक उसकी कक्षा में स्थापित किया है। बता दें कि EOS-08 एक अत्यंत महत्वपूर्ण सैटेलाइट है, जिसका मुख्य उद्देश्य पृथ्वी की निगरानी और आपदा की पूर्व चेतावनी देना है। दरअसल यह सैटेलाइट प्राकृतिक आपदाओं, कृषि, वन क्षेत्रों, और जल संसाधनों की निगरानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।