मदर्स डे स्पेशल: HIV पॉजिटिव मां की दुआ- मैं रहू या न रहूं, बेटा सदा सलामत रहे

Neemuch headlines May 12, 2024, 6:36 am Technology

आज मदर्स डे है। हम दिल्ली की एक बेआसरा मां की बेहद मार्मिक कहानी बता रहे हैं। ये मां खुद एचआईवी पॉजिटिव है, लेकिन अपने एक साल के बच्चे के लिए दुआ कर रही है। महिला कैसे बिहार से दिल्ली आती है और फिर कभी वापस नहीं जा पाती।

यह ‘पॉजिटिव-नेगेटिव’ के बीच की महीन रेखा पर टिकी एक मां के ‘ममत्व’ की मार्मिक कहानी है। अपने एक साल के बेटे को हर समय कंधे से चिपकाए रहती हैं 27 साल की शाजिया (बदला हुआ नाम)। वजह, दो साल पहले एक के बाद एक तीन बच्चों को खो चुकी हैं। बिहार के पटना से हैं। इन दिनों दिल्ली के नंद नगरी इलाके के बी-ब्लॉक में एक एनजीओ के पास रह रही हैं। मायके में मां, पिता, दादा-दादी, दो छोटे भाई हैं। पढ़ाई के दौरान पड़ोसी लड़के ने प्रेम जाल में फंसा लिया। जीने-मरने की कसमें खाईं, जीवन भर हाथ थामे रहने का भरोसा दिया। परिवार की रजामंदी के बगैर निकाह कर लिया। मगर, पति को पहले नशे की लत लगी। फिर उस लत को पूरी करने के लिए बिहार में ही चोरी और दूसरे अपराध करने लगा। उसी पति से शाजिया को तीन बच्चे (दो बेटा, एक बेटी) हुए। पति को पुलिस पकड़ ले गई। पति के जेल जाने के बाद न ससुराल ने रखा, न मायके वालों ने पनाह दी।

पटना में ही कोठियों में काम करके गुजर-बसर कर पा रही थीं। इसी बीच लॉकडाउन लग गया। सही देखभाल के अभाव में कुपोषित हुए तीनों बच्चों की 7 महीने के अंदर मौत हो गई। अब शाजिया बिलकुल अकेली हो चुकी थीं। खो गई पते वाली पर्ची बेआसरा हो चुकी शाजिया को वहीं एक कोठी मालिक ने गाजियाबाद में अपने रिश्तेदार के यहां काम के लिए भेज दिया। जनवरी 2022 में पटना से पहली बार ट्रेन में अकेले बैठकर शाजिया दिल्ली आ गईं। लेकिन गाजियाबाद में जिसके यहां जाना था, उसका एड्रेस लिखी पर्ची और फोन नंबर खो गया। शाजिया के लिए अनजान शहर। पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर उतरकर लाल किला के सामने एक ऑटो वाला मिला। उससे मदद मांगी। मगर, उसने अपने ही अधेड़ उम्र के एक दोस्त मोहम्मद मुराद के पास भेज दिया। रिक्शा चलाने वाले उस शख्स ने अपने साथ रखा। करीब 20 वें दिन निजामुद्दीन ले जाकर निकाह कर लिया। कुछ दिन फुटपाथ पर बीते। मालूम चला कि पति सिरिंज से नशा लेता है। अगल-बगल बेसुध से पड़े उन नशेड़ियों की सोहबत ने शाजिया को भी इंजेक्शन की लत लगा दी। कभी वापस नहीं आया पति जनवरी 2023 में शाजिया दूसरे पति से सात महीने की प्रेग्नेंट हो चुकी थीं। भूख और बेहाली की वजह से शरीर में खून की कमी। पति कस्तूरबा गांधी हॉस्पिटल ले गया, जहां मालूम चला कि शाजिया HIV पॉजिटिव हैं। वहां से शाजिया को एलएनजेपी के स्पेशल वॉर्ड भेज दिया गया। डॉक्टरों ने कहा कि एचआईवी पॉजिटिव हैं। बच्चे की सलामती के लिए समय से पहले ऑपरेशन करके निकालना होगा।

पति को पत्नी के एचआईवी पॉजिटिव होने का पता चला। डॉक्टरों ने पति के ब्लड की जांच करने को कहा। इतना सुनते ही पति पैसों के अरेंजमेंट करने के बहाने अस्पताल से निकला। फिर कभी नहीं लौटा। अस्पताल में ही ‘सखी वन स्टॉप सेंटर’(ऐसी महिलाएं जो ऑनर किलिंग, दहेज प्रताड़ना, एसिड अटैक या दूसरे आधार पर अकेली होती हैं, उन्हें आश्रय दिया जाता है) ने शाजिया को संभाला। बेटा ‘नेगेटिव’ है शाजिया ने 8 जनवरी 2023 को एक बेटे को जन्म दिया। बच्चे की हालत देख डॉक्टरों ने उसके बचने की संभावना कम जताई। एक महीने शाजिया उसी सेंटर में रहीं। शाजिया का दावा है कि उसके बाद बच्चे को खरीदने के लिए कई अनजान लोगों ने उसे दो लाख से लेकर पांच लाख तक के ऑफर दिए। वह बुरी तरह डर गईं। उसे लगा कि कहीं मासूम को कोई छीन न ले। सेंटर के स्टाफ और लोकल पुलिस ने शाजिया को वहां से पूजा शर्मा के एनजीओ ब्राइट द सोल फाउंडेशन को सभी जरूरी कागजी कार्रवाई के बाद सौंप दिया। शाजिया तब से अपने बच्चे की यहां परवरिश कर रही हैं। न बिहार लौटीं। ना ही पति या कोई अपना उनके पास आया। वजह सब को मालूम है, वह एचआईवी पॉजिटिव हैं। एक साल का होने पर बीते मार्च महीने में शाजिया की तपती जिंदगी में राहत की बूंद पड़ी। जब मालूम चला कि बेटा ‘नेगेटिव’ है। अब आगे क्या? पूछे जाने पर शाजिया का जवाब ... आज हूं... शायद कल न रहूं। मगर बेटा सलामत रहे। लेखक के बारे में अनुभव शाक्य 2021 में IIMC से पत्रकारिता की पढ़ाई करके ज़ी न्यूज से पत्रकारिता में एंट्री की। यूपी के एटा में जन्म लिया लेकिन पढ़ाई-लिखाई अलीगढ़ में हुई। करीब डेढ़ साल वहां देश-दुनिया की खबरें लिखने के बाद अब नवभारत टाइम्स में न्यूज टीम में काम कर रहे हैं। राजनीति, टेक्नोलॉजी और फीचर में रुचि रखने के साथ-साथ लिखने पढ़ने के शौकीन हैं। फिल्में और वेबसीरीज देखना खूब भाता है। अपने अंदाज में लिखना और बात करना पसंद है।

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