नीमच। पिछले 01 वर्ष से नीमच इंदिरा नगर की मेट्रो सिटी के निवासी सीवरेज के गंदे पानी के निकलने से बहुत बुरी तरह से परेशान है। आए दिन वहां पर गंदगी और मलबा मुख्य सड़क पर आ जाता है और इस कीचड़ में पैर रखकर कॉलोनी के महिलाओं को मंदिर में पूजा करने के लिए जाना पड़ता है।
इस असुविधा के लिए कई बार नगर पालिका के कर्मचारियों को फोन लगाया गया लेकिन कर्मचारियों के कान पर जन तक नहीं रेंगती वही इस मामले में लगभग दो से तीन बार नगर पालिका अध्यक्ष स्वाती गौरव चोपड़ा को भी अवगत कराया गया।
उन्होंने हाथों-हाथ संबंधित अधिकारियों को फ़ोन की लाइन पर लेकर खरी खोटी तो सुनाई परंतु इतना सब होने के बावजूद किसी भी कर्मचारी ने अध्यक्ष की इस बात को भी गंभीरता से नहीं लिया। नतीजा फिर वही का वहीं स्थानीय कॉलोनी वासी अभी भी इस गंदगी के माहौल में रहने को मजबूर है यहां के बदबू से पुरी कॉलोनी गंदगी के ढेर की तरह लग रही है।
यहां तक की जिम्मेदार अधिकारियों को जब इस मामले की जानकारी दी जाती है तो वह यह कहते हैं कि आप समाचार लगा दो आपकी समस्या का समाधान हो जाएगा, क्योंकि यहां पर इंजीनियर हमारी नहीं सुनते। यह बड़ी ही हास्यास्पद बात है कि पूरे भारत में स्वच्छता को लेकर देश के प्रधानमंत्री गंभीर हैं, इंदौर जैसा शहर स्वच्छता के लिए लगातार कई वर्षों से टॉप रैंकिंग में आ रहा है। लेकिन नीमच नगर पालिका के अधिकारियों को इन सब मामलों से कोई लेना-देना ही नहीं है।
उन्हें तो किसी भी तरह से महीना पूरा होकर अपनी तनख्वाह से मतलब है और कर्मचारी भी सोचते हैं कि किसी भी तरह यह 5 साल का कार्यकाल समाप्त हो अगली बार अगले अध्यक्ष के साथ फिर वही डफली और वही राग। अब आप खुद सोचिये की आखिर नगरपालिका के अध्यक्ष की अधिकारियो और कर्मचारियों के बिच क्यों नहीं चलती है। जबकि उनके द्वारा 3 माह पहले त्वरित कार्यवाही के आदेश दिए थे।