नई दिल्ली। जब महिलाएं समृद्ध होती हैं तब दुनिया समृद्ध होती है, महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण विकास को गति प्रदान करता है और समाज में सकारात्मक बदलाव लेकर आता है। यह शब्द है भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जिनके लिए भारत में सिर्फ चार जातियां हैं जिनमें से एक जाति है महिला, और यही चार जाति भारत के विकास का अमृत स्तंभ है। प्रधानमंत्री मोदी के यह शब्द का प्रारूप हमें आज निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए अंतरिम बजट में देखने को भी मिला।
जहां एक ओर सरकार द्वारा पीएम आवास में अगले 5 साल के अंदर 2 करोड़ घर बनाने के संकल्प की बात कही गई वहीं किसानों और युवाओं के लिए भी अनेक घोषणाएं की गई। लेकिन जो सबसे खास बात इस बजट में देखने को मिली वह थी महिलाओं के प्रति सरकार के दायित्व का भाव। अपने बजट भाषण के दौरान निर्मला सीतारमण ने बताया की कैसे सरकार ने पिछले 10 सालों के बीच 30 करोड़ मुद्रा योजना ऋण महिलाओं उद्यमियों को मुहैया कराए। और इस बजट के माध्यम से कैसे यह सरकार महिला सशक्तिकरण के अपने संकल्प को सिद्धि की ओर ले जाने में एक कदम और बढ़ाएगी। तीन करोड़ लखपति दीदी का लक्ष्य वित्त मंत्री सीतारमन ने बजट भाषण के दौरान जानकारी दी अब उनकी सरकार का लक्ष्य देश में 3 करोड़ लखपति दीदी बनाना है।
आपको बता दें अब तक भारत सरकार द्वारा एक करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य पूरा किया जा चुका है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाकर सशक्त करना है। इस योजना के तहत महिलाओं को स्किल ट्रेनिंग दी जाती है और उन्हें खुद का व्यापार शुरू करने के लिए तैयार किया जाता है। लगभग 9 करोड़ महिलाएं अब तक इस योजना से जुड़ चुकी हैं। आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहयोगियों को आयुष्मान भारत का लाभ इसके अलावा जो सबसे बड़ी घोषणा वित्त मंत्री द्वारा इस अंतरिम बजट में महिलाओं के लिए की गई वह थी देश की सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता और उनकी सहयोगियों को आयुष्मान भारत योजना के तहत लाभ देना। इस घोषणा से कुल 10 लाख आशा कार्यकर्ताओं 13 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और लगभग 11.5 लाख आंगनवाड़ी सहयोगियों को लाभ मिलेगा। सर्वाइकल कैंसर वैक्सीन वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण के दौरान बच्चियों के लिए सर्विकल कैंसर वैक्सीनेशन की बात कही। उन्होंने बताया कि सरकार सर्विकल कैंसर की रोकथाम के लिए 9 से 14 साल उम्र की बच्चियों को वैक्सीन के लिए प्रोत्साहित करेगी। यह सभी घोषणाएं प्रधानमंत्री मोदी के G-20 में महिला सशक्तिकरण के ऊपर दिए गए संबोधन को सार्थक करती हैं और सरकार के संकल्प को सिद्धि तक ले जाने के सपने को पूरा करने की ओर इशारा करती हैं।